- स्कूलों में जाकर अधिकारी करेंगे मानकों की जांच

- मानक पर खरा नहीं उतरने पर स्कूली वाहन होंगे सीज

BAREILLY:

बच्चों को लाने ले जाने के लिए आपने जिस स्कूली वाहन को जिम्मेदारी सौंपी है, वह कैसे आपके बच्चों को ले जाते हैं, कभी देखा है। क्या है वाहन क हालत क्या आपका बच्चा सुरक्षित है। इन तमाम सवालों पर अब आपको विचार करने और टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। क्योंकि, आरटीओ विभाग अब इन समस्याओं का हल निकालने के लिए स्कूली वाहनों का स्कूल जाकर मॉनीटरिंग करेगा। यदि, वाहन में कोई खामियां पायी जाती है तो, वाहन ओनर्स के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आरटीओ विभाग के अधिकारियों ने वाहनों की मॉनीटरिंग का काम भी

शुरू कर दिया गया है।

एआरटीओ करेंगे मॉनीटरिंग

वाहनों की मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी एआरटीओ इंफोर्समेंट को सौंपी गयी है। बरेली आरटीओ विभाग में मौजूद चारों एआरटीओ स्कूलों में समय-समय पर जाकर वाहन के मानकों को परखेंगे। प्रत्येक एआरटीओ वीक में एक बार अचानक कभी भी वाहनों की मॉनीटरिंग करने के स्कूलों का दौरा करेंगे। अधिकारियों की नजर में वाहनों का कलर गोल्डन येलो विद ब्राउन ब्लू लाइनिंग है की नहीं, कही वाहन एलपीजी से तो नहीं चल रहा, वाहन की वैधता, वाहन में जाली लगी है या नहीं। ये चार प्रमुख बातें फ‌र्स्ट प्रियॉरिटी पर होगी। बाकी अन्य मानकों को भी पूरा किए जाने पर जोर दिया जाएगा।

तो होगी कार्रवाई

अधिकारियों की मानें तो, यदि, कोई वाहन इस बीच बिना मानक के पाए जाते है तो, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एमवीए के तहत कार्रवाई करते हुए वाहनों को तुरंत सीज कर दिया जाएगा। आरटीओ में रजिस्टर्ड स्कूली वाहनों की संख्या म्00 से भी अधिक है। इनमें से करीब ब्00 बसें ही शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट के प्रमुख निर्देश

-वाहन के सामने और पीछे स्कूली वाहन लिखा हो।

- निर्धारित क्षमता से अधिक संख्या में बच्चे न बैठें।

- फ‌र्स्ट एड बॉक्स होना जरूरी है, स्कूल वाहन में हॉरीजंटल ग्रिल हो।

- अग्निशमन व्यवस्था और बस पर स्कूल का नाम व फोन नंबर लिखा हो।

- वाहन में स्कूल बैग सुरक्षित रखने की व्यवस्था।

- वाहन में स्कूल का कोई प्रतिनिधि या शिक्षक होना चाहिए।

- वाहन का रंग गोल्डन यलो विद ब्राउन ब्लू लाइनिंग होना चाहिए।

- आपदा की स्थिति में दो इमरजेंसी गेट।

- ड्राइवर की हेल्थ जांच आई टेस्ट हर साल होना जरूरी।

- वाहन में अलार्म बेल या सायरन होना आवश्यक है।

- साल में दो बार से अधिक चालान होने पर चालक वाहन चलाने योग्य नहीं होगा।

स्कूली वाहनों की मॉनीटरिंग करने की जिम्मेदारी एआरटीओ को सौंपी गयी है। यदि कोई वाहन मानक के अनुरूप नहीं पाया जाता है तो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

आरआर सोनी, आरटीओ