- डग्गामार वाहनों से हर महीने होती है पांच करोड़ की कमाई
-सुबह करते हैं सीज, दोपहर से फिर फर्राटा भरने लगते हैं डग्गामार वाहन
- कार्रवाई करने के नाम पर हो रहा मजाक
BAREILLY : सिटी की सड़कों पर फर्राटा भरते डग्गामार वाहन आरटीओ के लिए कुबेर का खजाना साबित रहे हैं। उधर जिम्मेदार अपने कान और आंख बंद कर सिर्फ अपनी जेबें भर रहे हैं। आरटीओ के अफसरों की वसूली की शिकायत रोडवेज कई बार कर चुका है, लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
कार्रवाई के नाम पर मजाक
आरटीओ डिपार्टमेंट में भ् लाख से भी अधिक रजिस्टर्ड वाहन हैं। इनमें बाइक, कार, बस, ट्रक, टैक्टर, छोटा हाथी, वैन, मैजिक सहित अन्य वाहन शामिल है। विभाग के लोग दबी जुबां से बताते हैं कि भ्0,000 से अधिक मैजिक, वैन, छोटा हाथी, बस और ट्रक ऐसे हैं जिनके पास परमिट, फिटनेस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं है। ऐसे वाहन ही डग्गामारी को बढ़ावा देते हैं। ऑफिसर्स की अनदेखी की वजह से इन वाहनों का संचालन पीलीभीत बाईपास, बदायूं, शाहजहांपुर और नैनीताल रूट्स पर हो रहा है। ऑफिसर्स कार्रवाई के नाम पर इन वाहनों को सीज तो करते हैं, लेकिन दोपहर तक ये गाडि़यां फिर रोड पर फर्राटा भरने लगती हैं। सोर्सेज की मानें तो आरटीओ डिपार्टमेंट यह सब ड्रामा पैसे वसूलने के चक्कर में करता है। वाहन ओनर्स भी को भी इसमें फायदा नजर आता है। वे मानते हैं कि दो दिन गाड़ी खड़ी से अच्छा है कि कुछ ले देकर मामला रफा दफा कर दिया जाए। नाम न छापने की शर्त पर विभाग के ही एक व्यक्ति ने बताया कि डग्गामार वाहनों से आरटीओ को हर माह भ् करोड़ की कमाई होती है। जबकि आरटीओ की अफसरों की मिलीभगत से कागजों में यह आंकड़ा लाखों में ही नजर आता है। जनवरी मंथ में आरटीओ की लीगल तौर पर कुल कमाई भ्भ्.9ख् लाख रही। जबकि क्भ् फरवरी तक आरटीओ डिपार्टमेंट की ओर से ख्फ्.89 लाख रुपए जुर्माना वसूल किया गया।
वसूली के चक्कर में हुई थी मारपीट
सिटी में रोज हजारों डग्गामार वाहन इंट्री करते हैं, लेकिन इनकी चेकिंग के लिए मात्र तीन एआरटीओ की ड्यूटी लगाई गई है। इंट्री कराने के नाम पर वाहन ओनर से मोटी रकम भी वसूली जाती है। सोर्सेज की मानें तो इंट्री के नाम पर जांच ऑफिसर्स फ्00 से लेकर ख्क्,00 रुपए तक की वसूली करते हैं। वसूली के चक्कर में ही कुछ मंथ पहले ऑफिसर्स और ट्रक ड्राइवर्स के बीच पीलीभीत बाईपास रोड पर मारपीट हुई थी। उस वक्त जांच के नाम पर ऑफिसर्स ने एक ट्रक ड्राइवर से क्0,000 रुपए की मांग की थी।
रोडवेज भी है परेशान
डग्गामारी से परिवहन निगम भी आतंकित हैं। रोडवेज ऐसे वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कई बार आरटीओ को लेटर लिख चुका है। प्रूफ के तौर पर रोडवेज की ओर से डग्गामर वाहनों की फोटो भी सौंपी गई है। मगर कार्रवाई के नाम पर मामला सिफर है। जबकि रोडवेज हर महीने लाखों रुपए का टैक्स भरता है।
कार्रवाई का प्रावधान
ओवर लोड पर - चालान।
परमिट शर्तो का उल्लंघन पर - चालान व बंद।
डग्गामार कैटेगरी
- परमिट का न होना।
- फिटनेस सही नहीं होना।
- पॉल्यूशन सर्टिफिकेट नहीं होना।
- परमिट शर्तो का पालन न करना।
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प्रॉपर जांच कर वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। वाहनों के खिलाफ एमवी एक्ट के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती है। प्रॉपर जांच के लिए अधिकारियों की ड्यूटी डिफरेंट रूट्स पर लगाई गई है।
ममता शर्मा, आरटीओ
डग्गामार वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आरटीओ को कई बार लेटर लिखा जा चुका है। मगर कार्रवाई नहीं हो रही है। डग्गामार वाहनों से रोडवेज को काफी नुकसान हो रहा है।
साद सईद, आरएम, परिवहन निगम