जनता का दर्द

चुनावी माहौल में आम जनता को मिल रहे दर्द को रामानंद का किस्सा बखूबी बयां करता है। दोपहर करीब डेढ़ बजे वह एडीएम एफआर के रेजिडेंस के पास पुलिस से रिक्वेस्ट पर रिक्वेस्ट करते हुए दिखे। दरअसल वह रिक्शे पर सवार थे और जंक्शन की तरफ जा रहे थे। बैरीकेडिंग ने उनका रास्ता रोक दिया। उन्होंने बताया कि उन्हें सुबह लखनऊ से अहमदाबाद की ट्रेन पकडऩी थी। भीड़ से जूझते वहां पहुंचे तो देखा कि पुलिस सभी को रोक रही थी। कुछ ऐसी ही परेशान तमाम लोगों को हो रही है, जो शहर में मूव कर रहे हैं।

Candidate भी हो रहे परेशान

नाम न छापने की शर्त पर एक कैंडीडेट ने अपनी परेशानी बताई। उनका कहना है कि एडमिनिस्ट्रेशन ने कलेक्टे्रट से काफी दूर बेरीकेडिंग की है। इसकी वजह से उन्हें नामांकन दाखिल करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

Administration बता रहा मजबूरी

इस रोक-टोक को एडमिनिस्ट्रेशन के अधिकारी अपनी मजबूरी बता रहे हैं। एडीएम सिटी राजेश राय का कहना है कि सुरक्षित नामांकन करवाना उनकी जिम्मेदारी है। इसके लिए उन्हें ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ रहा है।

एडमिनिस्ट्रेशन को लोगों को ध्यान में रखकर अरेंजमेंट करना चाहिए। ऐसे अरेंजमेंट का क्या फायदा जो लोगों के परेशानी का कारण बन जाए।

-अर्जुन, सर्विसमैन

एडमिनिस्ट्रेशन को चाहिए कि रोड पर बैरीकेडिंग करने के दौरान ऐसी व्यवस्था करे, जिससे लोगों को परेशानी का सामना न करना पड़े।

- प्रदीप, प्राइवेट सर्विस

एडमिनिस्ट्रेशन को तो सिर्फ नामांकन से मतलब है। उन्हें लोगों की परेशानी से क्या लेना देना। इलेक्शन हमारे लिए हैं कि हम इलेक्शन के लिए।

-अफसर हुसैन, सर्विसमैन

एडमिनिस्ट्रेशन को लोगों को ध्यान में रखकर अरेंजमेंट करना चाहिए। ऐसे अरेंजमेंट का क्या फायदा जो लोगों के परेशानी का कारण बन जाए।

-अर्जुन, सर्विसमैन