-आंझी शाहबाद-टोडरपुर के बीच सैटरडे रात बाघ एक्सप्रेस में हुई डकैती

-भोले का भक्त बन डकैतों ने कोच एस-4 व एस-5 में मुसाफिरों को लूटा

-तीन बार की चेन पुलिंग, रोजा स्टेशन से हुए फरार, नहीं था जीआरपी स्क्वॉयड

BAREILLY: लखनऊ-दिल्ली रूट पर रेलवे की ट्रेनों और इसके मुसाफिरों पर डाका डालने का बेखौफ खेल जारी है। रेलवे और जीआरपी की सुरक्षा पर तमाम दलीलों को एक बार फिर धज्जियां उड़ाते हुए अपराधियों ने एक और ट्रेन को शिकार बना लिया। सैटरडे आधी रात को 9 हथियारबंद डकैतों ने हावड़ा से काठगोदाम जा रही बाघ एक्सप्रेस के दो स्लीपर कोच में जमकर लूटपाट की। टोडरपुर व आंझी शाहबाद स्टेशन के बीच हुई डकैती की इस घटना में करीब डेढ़ दर्जन मुसाफिरों से मारपीट कर उनसे लाखों के जेवरात और नकदी लूटी गई। चलती ट्रेन में डकैती की एक और दुस्साहसिक घटना ने जीआरपी व रेलवे के तमाम दावों की एक बार फिर कलई खोल कर रख दी है।

तमंचों के बल पर लूटी ट्रेन

हावड़ा से काठगोदाम आ रही क्फ्म्क्9 बाघ एक्सप्रेस के दो स्लीपर कोच एस-ब् व एस-भ् में डकैतों ने कहर बरपाया। जानकारी के मुताबिक डकैत पहले से ही ट्रेन में सवार हुए। आंझी शाहबाद - टोडरपुर स्टेशन के बीच 9 डकैतों ने कोच एस-ब् व एस-भ् में रात ख्.फ्0 से फ्.क्भ् बजे के बीच लूटपाट शुरू कर दी। मुसाफिरों के मुताबिक डकैतों ने तीन तमंचों के बल पर उनसे गहने, मोबाइल फोन, नकदी और बैग में रखा अन्य कीमती सामान लूटना शुरू कर दिया। विरोध करने वाले मुसाफिरों के साथ डकैतों ने मारपीट भी की।

खुद को बताया भोले का भक्त

मुसाफिरों ने बताया कि कोच में घुसे डकैतों ने खुद को भोले बाबा का भक्त बताया और उनसे अपना अपना कीमती सामान चुपचाप देने को कहा। डकैतों ने गले में रुद्राक्ष व शिव शंकर के लॉकेट पहने हुए थे। मुसाफिरों ने बताया कि उनकी बोली और बात करने का तरीका भी अजीब सा था। लूट की शिकार ब् महिलाओं केसर जहां, नूरबानो, पूर्णिमा और मालती सिंह करीब क्8-क्9 लोगों को निशाना बनाया। लूट के शिकार लोगों में से एक ने अपने बैग में ढाई लाख के जेवर होने की बात कही। इस घटना में करीब भ्-म् लाख की डकैती की जानकारी सामने आ रही है।

चेन पुलिंग कर रोजा से फरार

डकैतों ने बेखौफ हो दोनों स्लीपर कोच में तीन बार चेन पुलिंग कर वारदात को अंजाम दिया। डकैतों ने आंझी शाहबाद व टोडरपुर स्टेशन के बीच दो बार चेन पुलिंग की लूटपाट शुरू की। फिर तीसरी बार रोजा स्टेशन के आउटर पर ट्रेन की चेन पुलिंग कर डकैत आराम से फरार हो गए। इसके बाद मुसाफिरों ने मुरादाबाद कंट्रोल रूम को डकैती की जानकारी दी। ट्रेन के शाहजहांपुर रुकने पर दोनों कोच के मुसाफिरों ने हंगामा किया। मुसाफिरों ने शाहजहांपुर जीआरपी के एसआई वीके उपाध्याय को डकैती और मारपीट की बात कही। लेकिन ख् मिनट बाद ट्रेन चल दी तो पीडि़त मुसाफिरों ने आगे के स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराने की बात की। सुबह करीब भ्.भ्0 बजे ट्रेन बरेली जंक्शन पर पहुंची। लेकिन यहां भी मुकदमा नहीं दर्ज कराया जा सका।

मालूम था नहीं है स्क्वॉयड

डकैती का शिकार हुई बाघ एक्सप्रेस में वारदात के दौरान जीआरपी का स्क्वॉयड मौजूद नहीं था। दरअसल इस ट्रेन में लखनऊ से लेकर बरेली तक जीआरपी का कोई स्क्वॉयड नहीं रहता। बरेली से रुद्रपुर चौकी का स्क्वॉयड की ट्रेन में ड्यूटी लगती है। डकैतों को यह बात अच्छे से मालूम थी। इसी लिए डकैतों ने इस ट्रेन को वारदात को अंजाम देने के लिए चुना। जानकारी के मुताबिक डकैतों ने वारदात को अंजाम देने से पहले ट्रेन की ठीक से रेकी की थी। रेकी के बाद ही आंझी शाहबाद और टोडरपुर स्टेशन के बीच चेन पुलिंग कर डकैती कर अपराधी फरार हो गए।

डकैती जोन बना शाहजहांपुर-मुरादाबाद रूट

शाहजहांपुर से मुरादाबाद का रेलवे रूट डकैतों के लिए पसंदीदा एरिया बना हुआ है। बीते साल ख्0क्ब् के आगाज से लेकर अगस्त तक इस रूट पर ब् बार डकैतों ने चलती ट्रेनों में वारदात को अंजाम देकर रेलवे की नींद उड़ा दी। ट्रेनों में जीआरपी-आरपीएफ के स्क्वॉयड के न रहने का फायदा उठाते हुए डकैतों ने देर रात ही नहीं शाम के दौरान भी मुसाफिरों को निशाना बनाकर बेखौफ होने का सुबूत दे दिया। डकैतों के दुस्साहस का पता इसी से चलता है कि अप्रैल में वीवीआईपी ट्रेन मानी जाने वाली लखनऊ मेल सहित अन्य ट्रेनों के एसी कोच में घुसकर वारदात को अंजाम दिया और मुसाफिरों को चोट पहुंचाई। वहीं कर्मभूमि एक्सप्रेस को जनवरी व अगस्त में दो बार डकैती की।