-वर्ष 2013 से 2018 तक 304 डकैतों को पुलिस ने भेजा है जेल
-डेरों में भी अपराधियों की खाक छानने में जुट गई है पुलिस
<-वर्ष ख्0क्फ् से ख्0क्8 तक फ्0ब् डकैतों को पुलिस ने भेजा है जेल
-डेरों में भी अपराधियों की खाक छानने में जुट गई है पुलिस
BAREILLY: BAREILLY: सर्दियों के सीजन में ताबड़तोड़ डकैती और लूट की वारदातों को लेकर पुलिस अलर्ट हो गई है। क्राइम ब्रांच की एंटी डकैती सेल ने फ्0ब् डकैतों की लिस्ट तैयार की है। इन डकैतों की एक्टिविटी पर पुलिस नजर रख रही है, ताकि भविष्य में वारदातों पर लगाम लगायी जा सके। थानों की पुलिस को भी एसएसपी ने अलर्ट किया है और रात में गश्त बढ़ा दी गई है। त्रिनेत्र एप में अब तक फीड हुए ब्800 अपराधियों का भी रिकॉर्ड क्राइम ब्रांच ने ले लिया है, ताकि किसी संदिग्ध का नाम आने पर उसकी डिटेल कलेक्ट की जा सके।
म्ख् डकैत इस वर्ष जमानत पर छूटे
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक वर्ष ख्0क्फ् से ख्0क्8 में अब तक फ्0ब् डकैतों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इनमें कई डकैत कई वारदातों में भी शामिल रहे हैं। इन सभी डकैतों की लिस्ट एंटी डकैती सेल को दे दी गई है। इनमें से म्ख् डकैत क् जनवरी ख्0क्8 से अब तक जमानत पर छूटकर बाहर आ चुके हैं। जमानत पर छूटे डकैतों के बारे में पता लगाया जा रहा है कि वह मौजूदा समय में कहां हैं। क्या वह किसी गैंग के साथ शामिल हैं। क्या वह अपने निवास स्थान पर है या फिर किसी दूसरे एरिया में चला गया है। इसके लिए थानों की भी मदद ली जाएगी।
डेरों में पुरुषों की आधी रात होगी गिनती
रेलवे लाइन हो या फिर रोड के किनारे कहीं भी अचानक डेरे डालकर घुमंतू जाति के लोग रहने लगते हैं। कुछ तो परमानेंट डेरे होते हैं लेकिन कुछ डेरे कुछ समय के लिए ही पड़ते हैं। एक डेरे में रहने वाले लोग दूसरे शहर में डेरों में रहने वाले लोगों के रिश्तेदार होते हैं। इन्हीं डेरो में घुमंतू जाति के क्रिमिनल भी रहते हैं। जो डेरा डालकर उस एरिया में रेकी करते हैं और फिर वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं। यही वजह है कि पुलिस रात में डेरों को भी खंगालने में जुट गई है। क्राइम ब्रांच की टीम को डेरों की चेकिंग के निर्देश दिए गए हैं। इन डेरों में कोई क्रिमिनल तो नहीं रह रहा है।
बीते वर्ष ताबड़तोड़ वारदातें
इस वर्ष घुमंतू जाति के बदमाशों ने अभी तक भमोरा में डकैती की वारदात को अंजाम दिया है लेकिन बीते वर्ष घुमंतू जाति के बदमाशों ने नवाबगंज, भोजीपुरा, किला, फरीदपुर, फतेहगंज पूर्वी और देवरनियां में ताबड़तोड़ डकैती की वारदातों को अंजाम दिया था। नवाबगंज में टीचर की विरोध करने पर हत्या भी कर दी थी। जब वारदातों का खुलासा हुआ था तो शाहजहांपुर के खुटार के पास डेरों में रहने वाले बदमाश पकड़े गए थे। इन बदमाशों ने भुता में फरीदपुर रोड पर अपने रिश्तेदार के यहां ठिकाना बनाकर रेकी की थी। घुमंतू जाति के बदमाश सर्दी की अंधेरी रात में ही वारदातों को अंजाम देते हैं। इसी वजह से पुलिस इन पर भी नजर रख रही है।
डकैतों की धरपकड़ की जा रही है। भ् वर्षो में जेल गए फ्0ब् डकैतों की लिस्ट तैयार की गई है। इनमें म्ख् जमानत पर छूटे हैं। सभी की डिटेल खंगाली जा रही है।
रमेश कुमार भारतीय, एसपी क्राइम
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ज्वैलर लूटकांड में खाली हाथ पुलिस
इज्जतनगर रोड नंबर म् पर ज्वैलर संतोष सिंह से गोली मारकर लूट मामले में पुलिस भ् दिन बाद भी खाली हाथ है। पुलिस अभी तक इसी में उलझी हुई है कि ज्वैलर के साथ लूट की वारदात कैसे हुई है। क्योंकि पुलिस अभी तक ज्वैलर से सही से पूछताछ ही नहीं कर सकी है। संडे को भी एसपी क्राइम व अन्य पुलिस की टीमें ज्वैलर से पूछताछ के लिए हॉस्पिटल पहुंची लेकिन उसकी हालत में सुधार न होने की वजह से कुछ नहीं हो सका। हालांकि पुलिस ने उसके रिश्तेदारों और परिजनों से पूछताछ की है।
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गाड़ी बरामद लेकिन डकैत हाथ नहीं आए
भमोरा के बभियाना में चमन के घर डकैती कांड में पुलिस अभी तक फरार डकैतों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। पुलिस ने बदायूं से डकैती में इस्तेमाल कार बरामद कर ली है और डकैतों के दो रिश्तेदारों को भी पूछताछ के लिए पकड़ा है। वहीं पुलिस गिरफ्त में आए बदमाशों ने अपने कुछ साथियों के नाम भी गलत बताए हैं। बदमाश ने भूरा का नाम पूछताछ में बताया था, जो पुलिस की अब तक की जांच में गलत पाया गया है।