चौकीदार को बंधक बनाकर बदमाशों ने दिया वारदात को अंजाम

पुलिस मान रही है घटना को संदिग्ध

BAREILLY: इलेक्शन के बाद सिटी में जो ताबड़तोड़ क्राइम की शुरुआत हुई है उसका कहर संडे को भी जारी रहा। सैटरडे रात को किला थाना एरिया के नेशनल हाइवे पर अग्रवंशी इंटरप्राइजेज में बदमाशों ने डाका डाला। बदमाश चौकीदार को बंधक बनाकर शोरूम में रखा लाखों का सामान व नगदी लेकर फरार हो गए। हालांकि पुलिस घटना को संदिग्ध मान रही है। ठीक इसी तरह से क्क् महीने पहले भी इसी शोरूम में वारदात को अंजाम दिया गया था। पुलिस एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई है। चौकीदार को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

आधी रात में घ्ाुसे बदमाश

गांधी नगर निवासी राजीव अग्रवाल की मिनी बाईपास चौराहा के पास अग्रवंशी इंटरप्राइेज नाम से टाइल्स-मार्बल की शॉप है। उनके शोरूम में दिन व रात में अलग-अलग चौकीदार ड्यूटी करते हैं। सैटरडे को नाइट में चौकीदार मेघराज डयूटी पर था। चौकीदार मेघराज का कहना है कि रात में करीब क्ख् बजकर ख्0 मिनट पर वह शोरूम के अंदर कुर्सी पर बैठा था। इसी दौरान हाइवे की तरफ से दीवार कूदकर दो युवक आए। इस पर वह घबरा गया और उठकर भागा। इतने में सामने से भी तीन युवक आ गए और उसे पकड़कर उसके मुंह पर कपड़ा डालकर उसे बांध दिया। उसके बाद बदमाशों ने सभी कमरों के लॉक तोड़े और वहां से सामान लेकर फरार हो गए।

दूसरे चौकीदार से पता चला

संडे सुबह करीब आठ बजे दूसरा चौकीदार नंद किशोर पहुंचा तो उसने देखा कि मेघराज रस्सी से बंधा चारपाई पर बैठा है। उसने तुरंत अपने मालिक राजीव को इसकी सूचना दी। उसके बाद सूचना पर सीओ ख् हेमंत कुटियाल, किला एसएचओ विद्यराम दिवाकर, फील्ड यूनिट व अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंच गए। फील्ड यूनिट और सीओ ने जब हर जगह घुसकर जांच की तो घटना पूरी तरह से संदिग्ध लगी। राजीव अग्रवाल का कहना है कि बदमाश शोरूम से करीब दस लाख का सामान व कुछ नकदी लेकर गए हैं। अधिकांश सामान पीतल का है।

क्क् महीने पहले भी सेम वारदात

इसी शोरूम में ठीक ग्यारह महीने पहले ख्फ् मई को भी इसी तरह की वारदात हुई थी। तब भी बदमाश शोरूम से लाखों रुपये का सामान लूटकर ले गए थे। दोनों घटनाओं में लूट करने का तरीका भी एक ही जैसा था। जिस तरह से बदमाशों ने इस बार लॉक तोड़ी है उसी तरह से पहले भी लॉक तोड़ी थी। शटर उठाने का तरीका भी पहली घटना से मिलता जुलता है। पहले केस में पुलिस आरोपियों को पकड़ नहीं पायी थी।

घटना पर शक होने की वजहें

-चौकीदार को रस्सी से बांधा गया लेकिन उसके हाथ व पैर पर रस्सी के निशान नहीं मिले हैं।

-चौकीदार आराम से चारपाई पर लेटा था।

-कमरों के लॉक तोड़े गए हैं लेकिन इन्हें बाहर की ओर खींचा गया है जो संदिग्ध है।

-शटर को उखाड़ा गया लेकिन टायल नहीं टूटी, इसका मतलब शटर को हाथ से कई लोगों ने खींचा है।

-शटर उखड़ने पर नीचे की जगह काफी कम है और अंदर की ओर सीढ़ी भी है, इसमें कम कद काठी का शख्स भी आसानी से इंटर नहीं कर सकता, सीओ ख् ने भी अंदर जाने का प्रयास किया लेकिन वे भी फंस गए।

-अगर शटर के रास्ते कोई अंदर घुसेगा तो उसके घिसटने के निशान होंगे लेकिन वहां पर धूल पूरी तरह से पड़ी हुई थी।

-शोरूम के अंदर लॉक तोड़कर रुपये निकालने की बात कही गई है लेकिन पुलिस को लॉक ओपन मिली, जब पुलिस ने लॉक बंदकर देखी तो यह ताकत लगाने पर भी नहीं खुली।

-चौकीदार ने पूछने पर सीटी चारपाई पर पड़ा होना बताया जबकि सीटी जेनरेटर के पास मिली, इस पर बदमाशों द्वारा सीटी छीनकर बजाते रहने की बात कही गई।

शोरूम के हालात घटना को संदिग्ध बता रहे हैं। फिलहाल एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

हेमंत कुटियाल, सीओ सिटी सेकेंड