बरेली (ब्यूरो)। वर्तमान में सत्ता पक्ष के पांच जनप्रतिनिधियों की धरती फरीदपुर के लोग अरसे से एक अदद रोडवेज के लिए तरस रहे हैं। दो वर्ष पहले इस के निर्माण की प्रॉसेस स्टार्ट की गई थी, लेकिन अचानक कार्य बीच में रोक दिया गया तब से 2 साल के बाद भी रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण अधूरा पड़ा है। ऐसे में यहां की जनता डग्गामार वाहनों में सफर करने को मजवूर है, जिस से इन वाहनों की खूब चांदी कट रही है। ऐसे में लोगों का समय तो अधिक खर्च हो ही रहा है, मनमाना किराया वसूले जाने से जेब पर भी अतिरिक्त भार पड़ रहा है।

होती है परेशानी
तहसील क्षेत्र में 381 गांव हैं। इन गांवों से लोगों को रोज की तहसील एवं जनपद मुख्यालय पर आना-जाना रहता है। ऐसे में यहां पर रोडवेज बसों की बहुत आवश्यकता महसूस होती है। इन के न होने की स्थिति में लोगों को विवशतावश डग्गामार वाहनों में बैठ जान जोखिम में डाल कर यात्रा करना पड़ती है। ये डग्गामार वाहन मार्ग में जगह-जगह यात्रियों को बैठाने-उतारने के चक्कर में गंतव्य तक पहुंचने में बहुत अधिक समय लेते हैं। ऐसे में लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

1.81 करोड़ हुए स्वीकृत
इस समस्या से निपटने के लिए कई जनप्रतिनिधियों ने प्रयास भी किए। भाजपा शासन काल में विधायक डॉ। श्याम बिहारी लाल के प्रयास रंग लाए। परिणामस्वरूप रोडवेज के बस स्टैंड की स्थापना के लिए भूमि के साथ शासन से धन भी उपलब्ध करवाया गया। मछली तालाब के सामने इस का निर्माण कराने के लिए 1.81 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से लगभग 50 प्रतिशत धनराशि 2021 में निर्माण के लिए भेज भी दी गई थी। इस से बस स्टैंड का निर्माण शुरू किया गया, लेकिन 2022 में बकाया धनराशि नहीं भेजी गई, जिस से निर्माण अधूरा ही रह गया।

अधर में लटका
फरीदपुर की भूमि से सत्ता पक्ष के चार विधायक, जिनमें एमएलए डॉ। श्याम बिहारी लाल के अलावा एमएलसी कुंवर महाराज सिंह, कटरा विधायक वीर विक्रम सिंह तथा बरेली कैंट विधायक संजीव अग्रवाल जुड़े हुए हैं। इस के अलावा आंवला सांसद धर्मेंद्र कश्यप की फरीदपुर में ससुराल है। फरीदपुर श्याम बिहारी लाल की कर्मभूमि है तो संजीव अग्रवाल, वीर विक्रम सिंह तथा एमएलसी कुंवर महाराज सिंह की जन्मभूमि है। सत्ता पक्ष के चार विधायक और एक सांसद होने के बाद ही दो साल से रोडवेज बस स्टैंड का निर्माण का अधर में लटका होना चिंतनीय है।

बढ़ गई समस्या
यहां पर रोडवेज का बस स्टैंड न होने से नगरवासियों के सामने एक समस्या और बढ़ गई है। रोडवेज की बसें बाईपास से हो कर निकल जाती हैं। इस के अलावा एसी बसें भी बरेली सिटी के लिए आई थीं, लेकिन वहां पर प्रॉफिट कम होने के कारण उन को फरीदपुर से बरेली रोड पर चलाया जाने लगा था। ये बसें यात्रियों को इतनी अच्छी लगीं कि वे उन में यात्रा करने लगे। इस से बसों की संख्या बढ़ती चली गई, लेकिन अचानक उन बसों का संचालन भी बंद कर दिया गया। इस से एक बार फिर पैसेंजर्स डग्गामार वाहनों में ट्रैवल करने के लिए विवश हो गए हैं।

बोले प्रतिनिधि- जल्द होगा निर्माण
अधूरे रोडवेज निर्माण के लिए सरकार शीघ्र ही धनराशि रिलीज करेगी। इस के बाद क्षेत्रवासियों की समस्याओं का समाधान होगा। रोडवेज बस स्टैंड बनने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिलेगी।
डॉ। श्याम बिहारी लाल, विधायक

रोडवेज के संबंध में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से हम लोग मिले थे और जल्द से जल्द बस स्टैंड का निर्माण पूरा करने की मांग की थी। परिवहन मंत्री ने रोडवेज का जल्द ही इस का निर्माण पूरा करने का आश्वासन भी दिया।
कुंवर महाराज सिंह, एमएलसी

भाजपा सरकार में जिस गति से विकास हो रहा है, इससे पहले कभी नहीं हुआ। रोडवेज बस स्टैंड का निर्माणसरकार बहुत जल्द पूरा कराएगी। इस के पूरा होने के बाद क्षेत्र की जनता को राहत मिलेगी।
-वीर विक्रम सिंह, विधायक कटरा

जनता की बात
रोडवेज बस स्टैंड न होने से परेशानियों का सामना करना पडता है। टैंपो व ई-रिक्शा से बरेली जाना पड़ता है। वाहनो के लिए घंटों तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। जल्द ही इस का निर्माण हो जाए तो लोगों की समस्या काफी कम हो जाएगी।
-पेशकार यादव

रोडवेज की मांग काफी पुरानी है। निर्माण शुरू होने पर लगा कि अब समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन एक वर्ष बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। बाईपास से बसें ले जाने पर लोगों को कई किलोमीटर पैदल चल कर ट्रैवल करना पड़ता है।
-सुरेश कुमार