-चौबीस अप्रैल को होनी थी नीरज की शादी, बांटे जा चुके थे कार्ड
भमोरा : घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। 23 अप्रैल को घर पर बारात आनी थी। डेकोरेशन से लेकर हलवाई आदि का इंतजाम भी कर दिया गया था। रिश्तेदारों को दावत भी बांट दी गई थी। लेकिन भगवान को कुछ और ही मंजूर था। फ्राइडे मॉर्निग सारी खुशियां गम में तब्दील हो गई। रोड एक्सीडेंट में दूल्हे की मौत हो गई।
हो चुकी थीं सारी तैयारियां
गांव खेड़ा के ड्राइवर रामवीर पाल चार संतानों में एमए कर रही बड़ी बेटी नीरज पाल है। रामवीर ने बेटी नीरज के हाथ पीले करने के लिए डेढ़ माह पहले आंवला के बेहटा गांव के रहने वाले डॉ। रामेन्द्र पाल पुत्र हरनाम पाल के साथ रिश्ता तय किया था। तेइस अप्रैल को बेटी की बरात आनी थी। रामवीर ने चार दिन पहले ही बाइक खरीद कर बेटी की ससुराल में पहुंचा दी थी। शादी को लेकर नीरज भी बेहद खुश थी।
सहेलियों को बुलाया था
नीरज सहेलियों को हंसी-ठिठौली के साथ बता रही थी कि वह चौबीस अप्रैल को दुल्हन बनकर पिया के साथ जाएगी। तुम लोगों को शादी में जरूर आना है और मुझे सजाना है।
किसी तरह संभाला
शुक्रवार को रामेंद्र पाल की आंवला में घर से क्लीनिक पर जाते समय सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह सूचना मिली तो रामवीर रो पड़े। पत्नी और बेटों के साथ आंवला के लिए चल दिए। कुछ देर में नीरज को भी दूल्हे की मौत की जानकारी हो गई। उसके बाद वह बेहाश हो गई। दादी और छोटी बहन मनोरमा और मोहल्ले की महिलाओं ने उसे संभाला।