बरेली (ब्यूरो)। शहर की शान रहा बरेली कॉलेज अब पढ़ाई से लेकर सुविधाओं तक में पिछड़ रहा है। यहां स्टूडेंट्स को पीने के लिए शुद्ध पानी तक के लिए तरसना पड़ता है। यही वजह है कि स्टूडेंट्स प्यास बुझाने के लिए कॉलेज की व्यवस्था से ज्यादा अपनी व्यवस्था पर ही भरोसा करते हैं। यहां अधिकांश स्टूडेंट्स प्यास बुझाने के लिए पानी की बोटल साथ लेकर आते हैं। कहने को तो कॉलेज में कई जगहों पर पानी पीने के लिए नल लगाए गए हैं, लेकिन इनमें से अधिकांश सूखे पड़े रहते हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम वेडनेसडे को कॉलेज की पेयजल व्यवस्थाओं की स्थित देखी तो कुछ इस तरह की नजर आई।
एनसीसी ऑफिस के सामने
कॉलेज में विकास भवन वाले गेट से एंट्री करते ही एनसीसी ऑफिस के सामने पानी की एक बड़ी टंकी रखी है। इसको देखकर स्टूडेंट्स पानी पीने पहुचते हैं, पर उन्हें पानी नहीं मिलता है। सिर्फ दस मिनट के दौरान ही यहां 15 से 20 स्टूडेंट्स पानी लेने के लिए पहुंचे, पर उन्हें बिन पानी ही लौटना पड़ा।
हॉकी ग्राउंड के सामने
हॉकी ग्राउंड के सामने चार-चार पानी के टैप लगे हुए हैं, पर इनमें से पानी किसी में भी नहीं। वहां पर बैठे स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें कॉलेज में दो साल हो गए हैं, पर उस टैप से पानी कभी नहीं निकला। इसके अलावा टैप के आप-पास की हालत देखकर ऐसा लग रहा की वहां सालों से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरी होगी।
स्पोर्ट ग्राउंड
स्पोर्ट ग्राउंड में पीने के पानी के लिए दो टैप और एक हैैंड पंप लगा है, पर उनमें से किसी एक में भी पानी नहीं है। सभी सूखे पड़े हैं। वेडनेसडे को कॉलेज के स्पोर्ट ग्राउंड में स्टूडेंट्स खेल रहे थे, लेकिन वह प्यास बुझाने के लिए बाहर जा रहे थे।
एग्जामिनेशन कंट्र्रोल रूम
इस रूम के सामने एकक बड़ा सा ग्राउंड है। इसमें दो पानी के टैप और उसके पास एक हैैंड पम्प लगा है। इसके बाद भी यहां पानी नहीं। टैप और हैंडपंप यहां दोनों ही सूखे हैं। स्टूडेंट्स पानी के लिए दर-दर भटक रहे हैैं। कॉलेज मेें पानी को ढूंढना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन हो गया है।
गल्र्स कॉमन रूम
गल्र्स कॉमन रूम का हाल तो और भी बेहाल हो गया है। यहां चार टैप लगे हुए हैं। इसके अलावा एक हैैंड पम्प भी है, पर पानी नहीं। इससे भी बड़ी बदहाली यहां गल्र्स के वॉशरूम की है। इस वॉशरूम में पानी नहीं होने से गल्र्स के लिए इसमें जाना तक दूभर है। कॉलेज प्रशासन इससे अंजान बना रहता है।
साइंस ब्लॉक
सेमिनार रूम के पास और साइंस ब्लॉक में भी पानी की किल्लत है। यहां टैप भी लगे हैं, पर वह सूखे हैं। इससे स्टूडेंट्स को पानी के लिए दूसरी जगह जाना पड़ता है।
प्रिंसिपल ऑफिस के पास
प्रिंसिपल ऑफिस के पास कहने को तो वॉटर कुलर लगा है, पर वह भी बेजान पड़ा है। उसमें पानी नहीं आ रहा है। पूछने पर वहां बैठे एक स्टाफ ने कहा कि पानी तो कॉलेज में कहीं ही नहीं आ रहा है।
प्रिंसिपल ऑफिस
कॉलेज में भले ही स्टूडेंट्स पानी के लिए भटकते हों, पर प्रिंसिपल रूम में आरओ के पानी की व्यवस्था है। यहां सभी आरओ का शुद्ध पानी पीते हैं। स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां टीचर्स को अपनी प्यास की तो चिंता रहती है, पर उनकी नहीं। कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वह कॉलेज में कम से कम दो जगह तो बड़े आरओ प्लांट जरूर लगवाए।
बोले स्टूडेंट्स
कॉलेज में मुझे पढ़ते हुए तीन साल हो गए हैं, लेकिन यहां पर पानी के लिए मुझे भटकना ही पड़ता है। इसलिए मैं तो पानी की बोटल साथ लेकर आती हूं। पानी की समस्या को लेकर सर से भी बात की थी, पर कोई फायदा नजर नहीं आया।
सानिया पाण्डेय, स्टूडेंट
पानी की समस्या यहां पर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। पानी चाहिए हो तो बाहर जाना होता है या फिर घर से ही लेकर आओ।
मधुमेेश यादव, स्टूडेंट
पानी के टैप तो यहां जगह-जगह हैं, पर वह सिर्फ दिखाने के लिए हैं। इनमें पानी नहीं मिलता। यह परेशानी यहां लंबे समय से चली आ रही है।
रितेश पाण्डेय, स्टूडेंट
प्यास लगे तो कॉलेज में पानी खोजने से भी नहीं मिलेगा। क्योंकि यहां कहीं पर भी पानी नहीं है। पानी पीने के लिए बाहर ही जाना पड़ता है।
अजय यादव, स्टूडेंट
पानी की समस्या अभी कुछ समय से है, क्योंकि यहां पर सीवरेज का काम चल रहा है। इसके चलते ही पानी की सप्लाई कट गई है। पानी का इंतजाम जल्द शुरू किया जाएगा।
प्रो। ओपी राय, प्रिंसिपल