बरेली (ब्यूरो)। पटेल विहार में मूक बधिर विद्यालय के निर्माण में ठेकेदार घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहा है। भवन व नाले निर्माण में खुलेआम पीली ईंटों का प्रयोग किया जा रहा है। मिट्टी की जगह रेत से भराव कार्य किया जा रहा है। यह संभव नहीं कि अधिकारियों की जानकारी न हो। लेकिन फिर भी ठेकेदार पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इससे प्रतीत होता है कि सारा गोलमाल अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है।
सात करोड़ है लागत
मूक बधिर और दृष्टिहीन बच्चों के लिए हो रहे विद्यालय और आवासीय परिसर के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग कर ठेकेदार सरकार की योजना को फलीता लगा रहा है। मूक बधिर विद्यालय के निर्माण करीब साढ़े सात करोड़ रुपए से किया जा रहा है। वहीं आवासीय परिसर का निर्माण यूपी सिडको कंपनी 13.82 करोड़ की लागत से करा रही है। लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत से ठेकेदार निर्माण कार्यों में घटिया सामग्री का प्रयोग कर रहे हैं।

स्टिंग में खुलासा
कुछ दिन पहले दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम हकीकत जानने मौके पर पहुंची तो बिल्डिंग के आगे हो रहे नाला निर्माण में पीली ईंटों का प्रयोग किया जा रहा था। राजमिस्त्री से जब इस बाबत पूछा तो उसने बताया कि वह तो सिर्फ मजदूरी कर रहा है। इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। जो ठेकेदार जैसी सामग्री देता है, उसी से निर्माण कार्य किया जा रहा है।

मिट्टी का टेंडर, रेत से भराव
मूक बधिर विद्यालय और दृष्टिहीन बच्चों के लिए बनाए जा रहे आवासीय परिसर में भराव के लिए टेंडर के हिसाब से मिट्टी का प्रयोग होना चाहिए। लेकिन ठेकेदार मिट्टी की जगह रेत का प्रयोग किया जा रहा है। इसके अलावा भी निर्माण कार्य में और भी कई खामियां नजर आईं।

अधिकारी करते हैं विजिट
मूक बधिर विद्यालय का निर्माण करा रहे ठेकेदार अर्जुन सिंह पटेल से बात की तो उसने बताया कि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग नहीं किया जा रहा है। साथ ही कहा कि मिट्टी से बेहतर रेत का भराव होता है। वैसे भी प्रतिदिन कोई न कोई अधिकारी विजिट करता है। यदि घटिया सामग्री का प्रयोग हो रहा है तो अधिकारियों ने कार्य क्यों नहीं रुकवाया।

कराएंगे मामले की जांच
एडीएम सिटी से जब इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। यदि ऐसा है तो जांच कराई जाएगी। यदि निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का प्रयोग पाया जाता है तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीएम शिवाकांत द्विवेदी के संज्ञान में मामला लाया जाएगा।


फैक्ट एंड फिगर
7.52 करोड़ से हो रहा विद्यालय का निर्माण
13.81 करोड़ से हो रहा दृष्टिहीन बच्चों के लिए आवासीय परिसर का निर्माण

वर्जन
मूक बधिर विद्यालय के निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग की जानकारी मिली है। जांच में यदि आरोप सही पाए जाते हैं तो ठेकेदार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आरडी पांडे, एडीएम सिटी