- कैसे सच होगा देश के पीएम का सपना
- माननीय ही नहीं आर्थिक रूप से सुदृढ़ लोग भी पीछे
BAREILLY:
गैस सब्सिडी छोड़कर स्क्रोल ऑफ ऑनर लेना तो दूर की बात रही, बरेली में इस मसले पर कोई पहल भी करने को तैयार नहीं है। माननीयों ने दो टूक में सब्सिडी का प्रेम दिखाया ही था, अब शहर के अमीर भी कुछ ऐसी ही बातें कर रहे हैं। शहर का यह प्रबुद्ध तबका सब्सिडी छोड़ने के पीएम के आह्वान का स्वागत तो कर रहा है, लेकिन खुद सब्सिडी छोड़ने को तैयार नहीं हैं। आई नेक्स्ट ने वेडनसडे को शहर के कुछ ऐसे ही धनाढ्य लोगों से बात किया, जिसमें लोगों की राय कुछ इस प्रकार है
कैसे सच होगा मोदी का सपना
जिस तरह से शहर के लोगों का विचार है, उसे देखकर तो, यही लग रहा है कि, देश के पीएम मोदी का सपना सच होने से रहा। जबकि, मोदी ने देश के तमाम फील्ड से जुड़े अपर क्लास के लोगों से यह रिक्वेस्ट की थी कि, वह आगे आए और देश के विकास में अपना योगदान दे। लेकिन चुनाव से पहले जिस तरह मोदी की कही हर एक बात लोगों के दिलो दिमाग पर छा जाता था वह अब नहीं दिख रहा है। मोदी की लाख कोशिशों के बाद भी बरेली के लोग गैस सब्सिडी छोड़ने के नाम पर आगे नहीं आ रहे है।
गैस सब्सिडी छोड़नी है कि नहीं मैं इस संबंध में कुछ नहीं कह सकता। यह सब मम्मी ही देखती हैं।
अंकुर बिज, बिजनेसमैन
मैं गैस सब्सिडी नहीं छोड़ रहा हूं। कुछ लोग गैस सब्सिडी छोड़ देंगे तो, उससे क्या होने वाला है।
घनश्याम खंडेलवाल, बिजनेसमैन
मेरा आधार कार्ड ही नहीं है। फैमिली में किसी का नहीं बना है। तो सब्सिडी छोड़ने और लेने का सवाल ही नहीं।
सचिन भसीन, बिजनेसमैन
फौरन गैस सब्सिडी छोड़ देंगे। हम तो, ऐसे भी नॉन सब्सिडी गैस का पूरा पैसे देते है।
अजय अग्रवाल, बिजनेसमैन