-बरेली में वैसे तो हजारों रईस, लेकिन सब्सिडी छोड़ने वाले महज गिनती के

- चंद रुपये के मारामारी में सिटी के कथित अमीर भी आगे

- बरेली डिस्ट्रिक्ट अभी तक तीनों कंपनियों को मिलाकर 29 लोगों ने छोड़ी सब्सिडी

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pk.singh@inext.co.in

BAREILLY: बरेली में वैसे तो तकरीबन हर मोहल्ले आपको दो चार लखपति, करोड़पति और अरबपति मालियत वाले मिल ही जाएंगे। ये बड़े-बड़े बंगलों में रहते हैं, महंगी एसयूवी से सैर सपाटा करते है, हर साल अपनी शान-ओ-शौकत और और पार्टियों के नाम पर लाखों रुपये उड़ा देते हैं। इनका एक अलग रुतबा है और शो-कॉल्ड तौर पर ये सिटी की रईसों की जमात में शामिल हैं। लेकिन असल में देखा जाए तो ये रईस नहीं हैं, क्योंकि इन सबको गैस पर सब्सिडी चाहिए, महज 204.50 रुपये के लिए ये सब स्क्रोल ऑफ ऑनर से भी मुंह मोड़ रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी अपील

नरेंद्र मोदी ने देश के रईसों से अपील की थी कि वे गैस पर मिलने वाली चंद रुपये की सब्सिडी छोड़ कर देश की तरक्की में अपना योगदान दें। सवाल सीधा था कि अपर क्लॉस के लोगों को गैस सब्सिडी की क्या जरूरत है। सब्सिडी तो मिडिल क्लास फैमिली और गरीबों के लिए है। पीएम की पहल पर यूपी के कई शहरों के साथ ही देशभर के अमीर अपनी सब्सिडी छोड़ रहे हैं। लेकिन करीब 45 लाख आबादी वाले बरेली में फिलहाल 29 लोग ही ऐसे हैं जिन्होंने सब्सिडी का मोह छोड़ स्क्रोल ऑफ ऑनर को चुना है।

जेब से रईस, दिल से गरीब

वैसे तो, बरेली में अमीरों की संख्या हजारों में है। लेकिन ऐसा लगता है कि इनका दिल बेहद गरीब है। बता दें कि बरेली के रईस हर साल करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में जमा किए जाते है। एक से दस करोड़ रुपए टैक्स जमा करने वालों की संख्या 25 से भी अधिक है। इनमें 12 लोग नॉन कॉरपोरेट और 15 लोग कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़े हुए हैं। जबकि, एक लाख से एक करोड़ रुपए टैक्स जमा करने वालों की संख्या करीब 120 है। बाकी के लोग एक लाख से कम टैक्स देने वाले हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन अमीरों को स्क्रोल ऑफ ऑनर की कैटेगरी में आने के लिए महज 2454 रुपये का मोह त्यागना पड़ेगा, लेकिन ये भी इन पर भारी पड़ रहा है। असल में एक गैस कनेक्शन धारक को साल भर में 12 सिलेंडर पाने का हक है, ऐसे में हर सिलेंडर पर अगर 204.50 रुपये छोड़ देता है तो उसकी जेब से तो 2454 रुपये जाएंगे लेकिन इससे देश के लाखों गरीबों का बहुत भला हो सकता है।

देश में हजारों लोगों ने छोड़ी सब्सिडी

बरेली डिस्ट्रिक्ट में भले ही अभी तक महज 29 लोग ही सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आए हैं। लेकिन देश के अन्य डिस्ट्रिक्ट में 2 फरवरी शाम 5 बजे तक 31,161 लोगों ने स्वेच्छा से सब्सिडी नकार कर 'स्क्रोल ऑफ ऑनर' पा लिया है। जिससे देश को करीब 76,46,9094 रुपए की बचत होगी। इस बचत धनराशि से देश के निर्माण और विकास का काम हो सकेगा।

घर बैठे करें आवेदन

'स्क्रोल ऑफ ऑनर' यानि स्वेच्छा से सब्सिडी घर बैठे नकारी जा सकती है। http//indane.co.in/scroll_honour.php पर जाकर आप अपने रसोई गैस कंज्यूमर नंबर और राज्य का नाम देकर 'स्क्रोल ऑफ ऑनर' पा सकते हैं। यही नहीं अब तक देशभर से जिन लोगों ने सब्सिडी लेने से इनकार किया है, उनके नाम भी वेबसाइट पर दिए जा रहे हैं।

क्या है स्क्रोल ऑफ ऑनर

पीएम नरेंद्र मोदी ने देशभर में रईसों से अपील की थी कि वे देश निर्माण में सहयोग के लिए स्वेच्छा से गैस पर मिलने वाली सब्सिडी नकार दें, इससे जो आर्थिक बचत होगी उसे देश के निर्माण के कार्य में लगाया जाएगा और ऐसे उपभोक्ताओं को 'स्क्रोल ऑफ ऑनर' से नवाजा जाएगा।

5 लाख से अधिक कंज्यूमर

बरेली में इंडेन, भारत और एचपी कंपनी की 58 एजेंसियों से 5,33,307 कंज्यूमर जुड़े हुए हैं। इनमें से सबसे अधिक कंज्यूमर की संख्या इंडेन कंपनी की है। इंडेन के 3,73,854, भारत के 1,06,700 और एचपी कंपनी के 53,753 कंज्यूमर है।

Do you know

IOC

- एजेंसी - 34

- कंज्यूमर - 3,73853

- सब्सिडी से जुड़े -1,70,884

- सब्सिडी छोड़ने वाले इंडिया में -11,131

- परसेंट-45.71

बरेली में सब्सिडी छोड़ने वाले

- संतोष कुमार गंगवार, केंद्रीय मंत्री

- गुलशन आनंद, बीजेपी लीडर

BPC

-एजेंसी - 18

- कंज्यूमर - 1,06,700

- सब्सिडी से जुड़े - 52,958

- सब्सिडी छोड़ने वाले इंडिया में - 7,521

- परसेंट - 49.63

ये हैं स्क्रोल ऑफ ऑनर:18

लोकेश कुमार, निशा, सूरजपाल सिंह, हरनीत सिंह, राजन, विनोद कुमार, डॉ। नवीन शर्मा, सुरेश सहजवानी, नाहिद बी, मोहम्मद जीशान, रामबाबू शर्मा, कमल खान, देशदीपक गंगवार, मोहम्मद कामिल, प्रदीप कुमार, देवेंद्र कुमार, क्षत्रपाल सिंह यादव, अनुरोध चित्रा

HPC

- टएजेंसी - 9

- कंज्यूमर - भ्ख्,7भ्फ्

- सब्सिडी से जुड़े - ख्7,0फ्7

- सब्सिडी छोड़ने वाले इंडिया में - क्ख्,भ्09

- परसेंट - भ्0.9क्

बरेली के स्क्रोल ऑफ ऑनर: 9

डॉ। आरके शर्मा, गोपाल कृष्ण, पूनम देवी, बृज, सचिन कुमार सिंह, अनिल कुमार, राजेश शुक्ला, वसीम अहमद, सौरभ यादव

कोट

अभी तक दो लोग सब्सिडी छोड़ने वाले सामने आए हैं। सब्सिडी पाने के लिए कंज्यूमर आगे तो आ रहे है लेकिन, छोड़ने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है। सब्सिडी छोड़ने के प्रति लोगों में अवेयरनेस की जरूरत है।

कैलाश गुप्ता, एरिया मैनजर, इंडियन ऑयल

कंपनी के सभी एजेंसी पर सब्सिडी न लेने वालों के लिए फॉर्म अवेलबल है। बावजूद इसके लोगों में कोई रूझान नहीं दिख रहा है। जबकि बाकी जगहों पर लोग सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आ रहे है।

हिमांशु, असिस्टेंट सेल्स मैनेजर, भारत कंपनी

सब्सिडी जरूरतमंदों के लिए है। लेकिन यहां पर आर्थिक स्थिति से सुदृढ़ लोग भी सब्सिडी पाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे है। जो भी सब्सिडी छोड़ रहा है उनका नाम और कनेक्शन नंबर बाकायदा साइट पर शो कर करा है।

सौरभ यादव, सीनियर सेल्स ऑफिसर, एचपी कंपनी