बरेली : आरयू में चार साल बाद शुरू हुई पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया का पेंच फंसता जा रहा है। चार विषयों का रिजल्ट तैयार न होने से उनकी काउंसलिंग अधर में लटक गई है। शोध विभाग की लापरवाही को देखते हुए काउंसलिंग प्रभारी ने अन्य विषयों की काउंसलिंग कराने से ही हाथ खड़े कर दिए हैं।

विज्ञान की हो चुकी है दो काउंसलिंग

विज्ञान फैकेल्टी की दो काउंसलिंग हो चुकी है। जबकि, 14 दिसंबर को शिक्षाशास्त्र की काउंसलिंग होगी। अब कला, कॉमर्स और मैनेजमेंट विषयों काउंसलिंग होनी है, लेकिन इनका संयुक्त प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट ही तैयार नहीं हुआ। काउंसलिंग प्रभारी प्रोफेसर वीपी सिंह ने इन विषयों का जब रिजल्ट मांगा तो विभाग ने बहानेबाजी शुरू कर दी। इसको लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई। उन्होंने इन विषयों की काउंसलिंग कराने से ही हाथ खड़े कर दिए। उनका कहना है कि जब तक रिजल्ट नहीं मिल जाता तबतक पीएचडी काउंसलिंग प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ाई जाएगी।

गुम कर दिए दस्तावेज

रिजल्ट तैयार करने में विभाग की लापरवाही सामने आई है। अभ्यर्थियों के नेट और जेआरएफ के दस्तावेज ही रिजल्ट सूची में नहीं लगाए गए। इसके चलते दर्जनों अभ्यर्थियों की काउंसलिंग में अड़ंगा लग गया। अभ्यर्थियों का कहना था कि उन्होंने नेट और जेआरएफ के प्रमाण पत्र विश्वविद्यालय के शोध अनुभाग में जमा किए है, जबकि वो प्रमाण रिजल्ट के साथ ही भेजे ही नहीं गए। अब अभ्यर्थी परेशान हो रहे हैं।

पचास प्रतिशत सीटें रह जाएंगी खाली

गुरुवार को प्लांट साइंस,एनीमल साइंस, पर्यावरण विज्ञान, कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, एप्लाइड फिजिक्स, केमिस्ट्री, एप्लाइड केमिस्ट्री, गणित सांख्यिकी और सैन्य विज्ञान की पहली काउंसलिंग में रह गए अभ्यर्थियों को बुलाया गया था, लेकिन महज 80 अभ्यर्थी ही काउंसलिंग में पहुंचे। पहली काउंसलिंग में भी तीस प्रतिशत अभ्यर्थियों ने ही काउंसलिंग कराई थी। बड़ी संख्या में रिक्त रह गई सीटों पर को भरना अब मुश्किल दिख रहा है। इन विषयों में करीब पचास प्रतिशत सीटें खाली रहने की उम्मीद है।