- बीडीए ने एडमिनिस्ट्रेशन पर लगाया जमीन का अवार्ड ना कराने का आरोप

- आवंटी बोले, पैसे की डिमांड पर जाएंगे कोर्ट, नगर विकास मंत्री से करेंगे कंप्लेन

BAREILLY: रामगंगा आवासीय योजना के तहत अब तक आवंटियों को कब्जा दिलाने में नाकाम रहा विभाग इसका ठीकरा एडमिनिस्ट्रेशन पर फोड़ रहा है। बीडीए ने एडमिनिस्ट्रेशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि रुपए जमा करने के बाद भी उसने समय से जमीन का अवार्ड नहीं कराया, जिस वजह से आवंटियों को जमीन पर कब्जा दिलाने में परेशानी हुई है। अगर एडमिनिस्ट्रेशन समय से जमीन का अवार्ड कराया लिया होता तो प्लॉट ओनर्स को पहले ही जमीन की रजिस्ट्री करा दी जाती।

आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

बीडीए अब अपनी कारस्तानी का ठीकरा एडमिनिस्ट्रेशन पर फोड़ रहा है। हालांकि अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन सोर्स के मुताबिक विभाग किसानों से जमीन लेने में एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही को जिम्मेवार मान रहे हैं। उसका कहना है कि करोड़ों रुपए एसएलओ (स्पेशल लैंड एक्विजीशन ऑफिसर ) के यहां जमा करने के बाद भी जमीन का समय से अवार्ड नहीं कराया गया। वहीं दूसरी ओर एसएलओ ऑफिस का कहना है कि जमीन रजिस्ट्री के लिए कई बार स्थितियां भी बनी, लेकिन बीडीए ने किसानों से संपर्क ही नहीं साधा। ऐसे में पूरा मामला प्रशासन और बीडीए के पाले में उलझकर रह गया है। उधर, प्लॉट ओनर्स का कहना है कि वर्षो पूर्व अलॉट जमीन के लिए अब नए रेट के हिसाब से पैसे की मांग होती है तो वे कंज्यूमर कोर्ट और हाईकोर्ट जाएंगे।

स्कीम की अनदेखी

योजना के तहत विभाग ने क्0 हेक्टेयर जमीन किसानों से पहले ही बैनामा करा लिया था। ख्007 के बाद समय-समय पर विभाग को बाकी की क्भ्9 हेक्टेयर जमीन में से 7ख् हेक्टेयर जमीन पर कब्जा मिल गया था, लेकिन विभाग ने पहले आओ, पहले पाओ स्कीम के तहत पूर्व के आवंटियों को कब्जा नहीं दिया। अलबत्ता इस जमीन पर कुछ प्लॉट्स काटकर नए कस्टमर को दे दिया गया। यहां भी पुराने करीब एक हजार से ज्यादा आवंटियों की अनदेखी की गई।

मंत्रालय जाने की तैयारी में आवंटी

अब आवंटी बीडीए की शिकायत मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री से करने की बात कह रहे हैं। विभाग के इस टालमटोल रवैये से परेशान प्लॉट ओनर्स अब कंज्यूमर कोर्ट और हाईकोर्ट भी जाने की तैयारी में हैं। इनका कहना है कि अपने वादों में नाकाम विभाग को अब जमीन की बढ़ी कीमत के नाम पर एक पैसा भी नहीं दिया जाएगा। वे अलग-अलग पैनल बनाकर विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं।

पैसों की बाट जोह रहे किसान

रामगंगा आवासीय योजना के तहत आने वाले गांवों में कुछ किसान ऐसे भी हैं, जो जमीन की माल्कियत के लिए वर्षो से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन विभाग अब तक उनके पास नहीं पहुंच पाया। सोर्सेज के अनुसार कई ऐसे किसान हैं, जो जमीन बेचने के लिए विभागीय अधिकारियों के चक्कर भी लगाए। मगर, विभाग करार की जमीन के लिए भ्क् करोड़ भ्म् लाख ख्ब्0 रुपए एसएलओ के यहां जमा करने की बात कहकर उनसे पिंड छुड़ाता रहा।

हमारे पैनल में करीब ख्0 डॉक्टर्स हैं। हमने संगठित होकर इसकी शिकायत कई बार विभाग से की, लेकिन हमें हमारे पैसे से ख्भ् परसेंट कटौती के बाद धनराशि वापस करने की धमकी दी गई। अगर हमसे कीमत बढ़ने के नाम पर एक्स्ट्रा पैसा मांगा गया तो हम कोर्ट की शरण में जाएंगे।

- डॉ। रेखा पाठक, सीनियर साइंटिस्ट, आईवीआरआई, बरेली

हमें सेक्टर वाइज आवंटित प्लॉट पर ही कब्जा चाहिए। जमीन की रेट बढ़ने के नाम पर अगर हमसे पैसे की मांग की जाती है तो हम विभाग के खिलाफ केस दर्ज कराएंगे।

- डॉ। शिवकुमार गंगवार, पशु चिकित्साधिकारी, मथुरा

एसएलओ ने जो हमें अमाउंट बताया है। हम उसे जल्द से जल्द दे देंगे और इसके बाद आवंटियों को उनके प्लॉट का रजिस्ट्री कर दिया जाएगा। इस काम में कम से कम छह माह का समय लग जाएगा।

- गरिमा यादव, सेक्रेटरी बीडीए

एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से किसी समस्या का समाधान नहीं होगा। विभाग किसी भी काम में प्रशासन का सहयोग लें। मामला हाल ही में मेरे संज्ञान में आया है। इस पर बीडीए अधिकारियों के साथ बैठकर सॉल्यूशन निकाला जाएगा।

-संजय कुमार, डीएम, बरेली