-शोध समिति की बैठक में लिया गया फैसला
बरेली : एमजेपीआरयू में पीएचडी दाखिले से लेकर पूरी शोध प्रक्रिया अब ऑनलाइन होगी। थीसिस के मूल्यांकन के लिए शोधार्थियों को एक भारतीय और एक विदेशी या फिर दोनों विदेशी या दोनों भारतीय प्रोफेसर चुनने का विकल्प दिया जाएगा। मंडे को शोध समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मंडे को हुई बैठक
दोपहर साढ़े तीन बजे से वीसी प्रो। केपी सिंह की अध्यक्षता में पीएचडी शोध समिति की बैठक हुई। कुलपति ने नए शोध अध्यादेश पर चर्चा की। कहा कि गुणवत्ता पूर्ण थीसिस निश्चित समय में अवार्ड करना हमारा लक्ष्य है। नए रिसर्च ऑर्डिनेंस के अनुसार अब पूरी शोध प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और पेपर लैस होगी। गौरतलब है कि अभी तक सिर्फ पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन ही ऑनलाइन लिए जाते हैं। बाकी सारी प्रक्रिया के लिए शोधार्थियों को विश्वविद्यालय आना होता है।
ऑनलाइन चेक होगी साहित्य चोरी
विश्वविद्यालय में अब रिसर्च थिसिस सॉफ्ट कॉपी में जमा होगी। उसका प्लेगरिज्म (साहित्यिक चोरी) चेक करने के बाद ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। सभी रिपोर्ट भी ऑनलाइन जमा होंगी। वायवा होने के बाद अंत में हार्ड कॉपी जमा होगी। मीडिया प्रभारी डॉ। अमित कुमार सिंह ने बताया कि सभी विभागाध्यक्षों एवं केंद्रीय पुस्तकालय में ओर्कुंड, त्रिनिटीन एंटी प्लेगरिज्म सॉफ्टवेयर का ¨लक व पासवर्ड दिया जाएगा, जिससे वह शोधार्थियों के शोध को चेक कर सके।
आज से शुरू होंगे इंटरव्यू
पीएचडी 2019-20 की 319 सीटों पर दाखिले के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होगी। प्रत्येक शोधार्थी को पीपीटी प्रजेंटेशन देना होगा। जो कि अधिकतम सात स्लाइड तक होगा। 400 से 600 शब्द का रिसर्च प्रपोजल भी कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा। बैठक में विश्वविद्यालय के रिसर्च सेल के प्रभारी प्रो। सुधीर कुमार भी मौजूद रहे।