बरेली(ब्यूरो)। मातृ शिशु दर में कमी लाने एवं जनपद के समस्त रजिस्टर्ड प्राइवेट हॉस्पिटल्स, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों से मातृ व शिशु स्वास्थ्य देखभाल, नियमित टीकाकरण एवं परिवार कल्याण की सेवाओं की रिपोर्ट का समय प्रदान कराने के उद्देश्य से निजी होटल के सभागार में बैठक की गई। स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान व पीएसआई इंडिया के सहयोग से आयोजित बैठक की अध्यक्षता सीडीओ जग प्रवेश ने की।

सभी करें डेटा अपलोड ्
बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीडीओ जग प्रवेश ने कहा कि देश में 90 पर्सेंट प्रसव संस्थागत होते हैं। लेकिन, इनमें से रिपोर्ट कुल 40 से 45 परसेंट ही हो पाते हैं। निजी क्षेत्र के सेवा प्रदाता संस्थागत प्रसव परिवार नियोजन एवं टीकाकरण टीकाकरण की रिपोर्ट नियमित रूप से एमआईएस पोर्टल पर अपलोड करें। जिससे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं की एक एक सही स्थिति का आंकलन किया जा सके।

अपडेटिड रिपोर्ट भेजें
बैठक में सीएमओ डॉ बलबीर सिंह ने निजी चिकित्सालयों, नर्सिंग होम व अन्य संस्थानों से आए चिकित्सकों प्रबंधकों व अन्य कर्मियों से कहा कि वह हर माह पिछले 21 से 20 तारीख और अधिकतम 25 तारीख तक नवीनतम व अपडेटेड रिपोर्ट अनिवार्य रूप से भेजें।

समस्या हो तो लें हेल्प
एसीएमओ आरसीएच डॉ। भान प्रकाश ने कहा रिपोर्ट संकलित कर पोर्टल एचएमआईएस और आरसीएच पर अंकित की जाती है। जिससे जनपदों की रैंकिंग निर्धारित होती है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं अर्बन नोडल डॉ। अशोक कुमार ने कहा कि डाटा फीडिंग में किसी प्रकार की दिक्कत अगर महसूस होती है तो मैनेजर सहित प्रत्येक कार्यक्रम के नोडल अधिकारी से संपर्क करें। डीआईओ डॉ प्रशांत रंजन ने बताया कि वर्तमान में जनपद के करीब 118 निजी चिकित्सालय में नर्सिंग होम व अन्य संस्थान पंजीकृत हो चुके हैं। लेकिन इन समस्त निजी चिकित्सालयों में केवल 37 चिकित्सालयों की ही रिपोर्ट मिल पा रही है। समय पर सभी रिपोर्ट दें तो जिले की रैैंकिंग में सुधार हो सकता है। रिपोर्ट में गलती से बचने के लिए अपने संस्था पर डाटा वैलिडेशन की मीटिंग कर ही डाटा को चढ़ाया जाए।

रजिस्ट्रेशन का दिया आश्वासन
सीनियर पीडियाट्रिशियन डॉ अतुल अग्रवाल ने 78 निजी अस्पतालों के पंजीकरण एवं रिपोर्ट करवाने का आश्वासन दिया।
गायनोकोलॉजिस्ट डॉ। प्रगति अग्रवाल ने बताया कि समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा एच एमआईएस पोर्टल प्राइवेट नर्सिंग होम के स्टाफ को बताया जाए। शरण मण्डलीय शहरी स्वास्थ्य समन्वयक डॉ। गंगा ने बताया कि सरकारी चिकित्सालयों सहित समस्त निजी चिकित्सालयों का सहयोग प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग हमेशा तत्पर है। निजी चिकित्सालयों की ओर से जितना बेहतर सहयोग मिलेगा। उतना बेहतर परिणाम व सेवाएं जनमानस तक मिल सकेगी।