बरेली: हाइवे किनारे, रास्तों और चौराहों के पास बने धार्मिक स्थल अब तुरंत हटाए जाएंगे। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 3 मार्च को ही आदेश जारी किया है। इस संबध में शासन ने भी जिले भी में बने ऐसे सभी धार्मिक स्थलों की सूची तैयार करने के लिए दो माह का समय दिया है। ताकि उन सभी धार्मिक स्थलों को हटाने की कार्रवाई की जा सके। शहर में इस तरह की धार्मिक स्थलों की हकीकत जानने के लिए फ्राइडे को शहर और आसपास के रोडस का रियलिटी चेक किया तो हकीकत चौकाने वाली सामने आई। शहर की मेन रोडस ही नहीं चौराहा के पास भी कई जगह धार्मिक स्थल बने हुए मिले। इन धार्मिक स्थलों से न सिर्फ यातायात प्रभावित होता है बल्कि कई बार हादसा भी होने का डर बना रहता है। आईए बताते हैं आपको शहर व आसपास के रोड़्स और चौराहों बने धार्मिक स्थलों के बारे में
यह होगी कार्रवाई
रोड, चौराहा और रास्तों के किनारे पर बने धार्मिक स्थलों के बारे में हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश के बारे में बताया गया है कि जनवरी 2011 या उसके बाद अतिक्रमण करके बने धर्म स्थल तुरंत हटाए जाएं। इसके पहले के बने धर्मस्थलों को शिफ्ट करने का आदेश भी दिया है।
चौकी चौराहा
शहर के चौकी चौराहा स्थित एक धार्मिक स्थल बना हुआ है। इस धार्मिक स्थल पर अभी तक फ्राइडे को मेन रोड पर नमाज अदा की जाती थी लेकिन प्रशासन ने रोड पर नमाज तो बंद करा दी लेकिन धार्मिक स्थल मेन चौराहा के जस्ट किनारे और रोड पर बना हुआ है। हालांकि यह धार्मिक स्थल पुराना बताया जाता है।
पीलीभीत बाईपास रोड
शहर के पीलीभीत बाईपास रोड पर सैटेलाइट से वैरियर तक ही बात की जाए तो करीब आधा दर्जन से अधिक धार्मिक स्थल बने हुए हैं। यह धार्मिक स्थल कोई अधिक समय से भी नहीं बल्कि कुछ चंद वर्षो में ही बने हैं। इन सभी धार्मिक स्थलों के बारे में प्रशासन को भी जानकारी है लेकिन सभी अंजान बन हुए है और निर्माण कार्य भी होने दे रहे हैं।
सिविल लाइंस
सिविल लाइंस एरिया में दोनों समुदाय के धार्मिक स्थल हैं। यह धार्मिक स्थल भी काफी समय पुराने बताए जाते हैं, दोनों ही समुदाय के दोनों धार्मिक स्थल बिल्कुल रोड के किनारे बने हुए है लेकिन अब कोर्ट का आदेश फॉलो कराने के लिए इनको भी शिफ्ट किया जा सकता है।
किला पुल
शहर किला पुल से रामपुर की जाते समय एक धार्मिक स्थल पुल पर चढ़ते समय ही बना हुआ है। इस पुल पर चढ़ने के दौरान ही ही रोड पर एक साइड से बना है, हालांकि आने जाने वालों को भी प्रॉब्लम तो होती है लेकिन यह पहले से बने हुए धार्मिक स्थल को चाह कर भी नहीं कुछ पाते हैं।