फैक्ट एंड फिगर
10 प्रतिशत पेशेंंट अस्पतालों में कान दर्द की शिकायत लेकर आ रहे
90 डेसिबल से अधिक वॉल्यूम लेवल कानों को पहुंचाता है नुकसान
150 से अधिक पेशेंट कानों में शिकायत लेकर पहुंच रहे जिला अस्पताल


बरेली(ब्यूरो)। महाराणा प्रताप संयुक्त मंडलीय चिकित्सालय के (नाक, कान, गला) विशेषज्ञ डॉ। लक्ष्मीकांत सक्सेना ने बताया कि युवाओं च् बच्चों में समय से पहले हियरिंग की समस्या सामने आ रही है। यह पहले अधिक उम्र के लोगों को ही ज्यादा हुआ करती थी। लेकिन, बदलती जीवन शैली के कारण यह समस्या कम उम्र में ही सामने आने लगी है। आजकच् बच्चे व युवाओं में ईयरफोन का विभिन्न कारणों से बढ़ता इस्तेमाल इन समस्याओं को बढ़ा रहा है।

बढ़़ रहे मामले
ईएनटी विभाग में फ्राईडे को 154 पेशेंट्स आए। डॉ। लक्ष्मीकांत बताते हैैं कि ओपीडी में कम उम्रच्के बच्चे भी कान में दर्द की शिकायत करते हैैं। रोज 10 प्रतिशत पेशेंंट ईयरफोन के शोर के कारण दर्द होने की शिकायत करते हैैं। जब उनकी जांच की जाती है तो कई लोगों में हियरिंग लॉस की समस्या देखने को मिली है। आजकल युवाओं की गेम्स खेलते समय, पढ़ाई करते समय या अन्य कार्य करते समय अधिक समय तक तेज आवाज में ईयरफोन का इस्तेमाल करना कान की समस्या का प्रमुख कारण है।

तेज आवाज से रहें दूर
विशेषज्ञ बताते हैैं कि कान के सुनने की क्षमता 80 डेसिबल होती है। लेकिन, ईयरफोन से 90 से 100 डेसिबल से ज्यादा आवाज कानों तक पहुंचती है। लगातार 80 डेसिबल से ज्यादा आवाज सुनने से कान की नसें कमजोर होने की आशंका है। साथ ही वाइब्रेशन से कान के पर्दे पर धमक से नुकसान होने की भी संभावना बनी रहती है। इसलिए जितना कम हो सके, उतना ईयरफोन का इस्तेमाल करना चाहिए। कभी अधिक उम्र में होने वाली यह समस्या अब कम उम्र के लोगों में सामने आ रही है। इसका कारण है अधिक आवाज में गाने सुनना, देर तक म्यूजिक को इंजॉय करना जोकि थोड़ी समय के लिए मन को सुकून तो दे सकता है। लेकिन, यह कान की समस्या को पैदा कर सकता है। हेडफोन और ईयरफोन को घंटों तक फुल आवाज में सुनना। इससे युवाओं के चथ-साथ बच्चों को भी हियरिंग लॉस की समस्या हो रही है।

डिवाइस को करें सैनिटाइज
विशेषज्ञ बताते हैं कि कान में इंफेक्शन की वजह इयरफोन या हेडफोन की शेयरिंग करना भी हो सकती है। शेयरिंग के ईयरफोन की साफ सफाई न होने से कान में बैक्टीरिया या फंगस पहुंच सकतेे हैं, जिससे कान में दर्द और कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए साफ सुथरे ईयरफोन का खुद इस्तेमाल करें और हो सके तो ईयरफोन सैनिटाइज करके इस्तेमाल करें।

जरूरत पर ही करें यूज
अगर आपको किसी जरूरी काम से ईयरफोन का इस्तेमाल करना है तो सीमित आवाज में कम समय के लिए ही इस्तेमाल करें। साउंड पॉल्यूशन वाली जगह पर भी ज्यादा देर तक न बैठें। डीजे इत्यादि पर भी ज्यादा समय न बिताएं। यदि डीजे या क्लब में आने के बाद कान में कोई दिक्कत हो तो एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। ज्यादा देर फोन पर बात करनी है तो स्पीकर पर करें।

इसका रखें ध्यान
-ईयरफोन यूज करने से परहेज करें
-ऑनलाइन क्लास की जगह ऑफलाइन क्लास को प्राथमिकता दें
-ज्यादा देर फोन पर बात करते हैैं तो स्पीकर ऑन करके बात करें

ये बरतें सावधानी
-कान में पानी नहीं जाने दें।
-कान में पेन या सींक न डालें।
-ईयर फोन का इस्तेमाल न करें।

इन्हें न करें नजरअंदाज
-कान में दर्द होना।
-कान में खुजली होना।
-कान में वैक्स हो

किसमें कितना जोर
शांति से बातचीत- 30-50 डेसिबल
तेज बातचीत - 60 डेसिबल
मोटर साइकिल की आवाज- 90 डेसिबल
ट्रक की आवाज- 120 डेसिबल
हवाई जहाज की आवाज- 140 डेसिबल
धमाके की आवाज- 164 डेसिबल