(बरेली ब्यूरो)।। शहर के निजी होटल में सैटरडे को स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ एसोसिएशन के द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महिलाओं व पुरषों में फर्टिलिटी को लेकर फैली हुई भ्रांतियों को दूर करने और सही इलाज के बारे में चर्चा की गई। लोगों को इसके लिए जागरूक होने की जरूरत है।

इंफर्टिलिटी है बड़ी समस्या
स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ एसोसिएशन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की दावेदार डॉ। साधना गुप्ता ने बताया कि
दंपति के बच्चा न पैदा होने के लिए अक्सर महिलाओं को ही जिम्मेदार बताया जाता है, लेकिन दंपति के बच्चा न होने के मामले में तीस प्रतिशत दोनों लोग जिम्मेदार होते हैं। वहीं दस प्रतिशत केवल पुरूष जिम्मेदार होता है। ऐसे में दोनों का उचित इलाज कराया जाना चाहिए जिससे बच्चा पैदा हो सके।

मामला है गंभीर
कार्यक्रम में डॉ। साधना ने बताया कि भारत व दक्षिण एशिया में 10 से 12 परसेंट लोगों को बच्चे पैदा नहीं होते हैं। इसमें से एक तिहाई मामले मेल इनफर्टिलिटी के होते हैं। 15 से 20 प्रतिशत महिलाओं के ओवरी से संबंधित पॉलीस्टिक ओवरी सिंड्रोम से भी इंफर्टिलिटी का खतरा होता है। स्त्री व प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ। भारती सरन ने बताया कि कोविड की वजह से तेज बुखार आता है। जिससे इंफर्टिलिटी का खतरा रहता है


हो जाता है मानसिक तनाव
इंफर्टिलिटी की समस्या से कपल्स
को स्टैस व हाइपरटेंशन हो जाती है। लोगों को इसके लिए सही समय पर स्वास्थ्य परामर्श लेना चाहिए। इसको लेकर लोगों को अवेयर होने की जरूरत है। लोगों को इसके लिए खुलकर सामने आने की जरूरत है। वहीं पुरूषों में इंफर्टिलिटी की समस्या का निस्तारण उनकी झिझक व जागरूकता की कमी की वजह से नहीं हो पाता।

इफर्टिलिटी के मुख्य कारण
लोगों में इंफर्टिलिटी का मुख्य कारण अनहेल्दी लाइफस्टाइल, स्मोकिंग, फास्ट फूड व अल्कोहल का सेवन करना। खराब जीवनशैली से भी इंफर्टिलिटी होने की संभावना होती है।
आजकल लोगों घंटो कंप्यूटर पर कार्य करते रहते हैं और ज्यादातर फोन के संपर्क में बने रहते हैैैं। जिससे निकलने वाली रेडिएशन भी इंफर्टिलिटी की संभावना को बढ़ा देती हैं। इस अवसर पर स्त्री व प्रसूति रोग ïिवशेषज्ञ एसोसिएशन की अध्यक्ष प्रीती वैश्य, सचिव डॉ। प्रगति अग्र्रवाल व डॉ। अनूप आर्या मौजूद रहे।