नकली नोट में महात्मा गांधी के फेस की ठुड्डी दिखती है लंबी
पुलिस लाइंस में आरबीआई के अधिकारियों ने जाली नोटों और फर्जी कंपनियों से बचाव के तरीके बताए
एटीएम स्लिप को फेंकना सबसे बड़ी लापरवाही, एसएसपी ने बरेली की कंपनियों की मांगी लिस्ट
BAREILLY: असली नोट रगड़ने पर कड़कड़ाहट की आवाज होती है। जबकि नकली नोट में महात्मा गांधी के फेस की ठुड्डी लंबी दिखाई पड़ती है। असली और नकली नोटों में फ र्क करने के ये गुर सैटरडे को आरबीआई के अधिकारियों ने सेमिनार में पुलिसकर्मियों को सिखाए। प्रोग्राम का आयोजन पुलिस लाइंस में हुआ था।
फेक करेंसी में नहीं होते सिक्योरिटी फीचर
सेमिनार में सबसे पहले जाली नोटों की पहचान के बारे में बताया गया। इसमें बताया गया कि फेक करेंसी में सिक्योरिटी फीचर नहीं होते हैं। इन नोटों को अल्ट्रा वायलेट लैंप, मैग्निफाइंग ग्लास, नोट शार्टिग मशीन और नोट डिटेक्टर मशीन से आसानी से पहचाना जा सकता है। इन सबका यूज बैंक करती हैं। आम पब्लिक भी नोट को आसानी से पहचान सकती है। इसके लिए असली नोट को रगड़ने पर कड़कड़ाहट की आवाज आयेगी, जाली नोटों के नंबर पैनल ज्यादातर छोटे होते हैं या फिर बड़े होंगे, असली नोट में महात्मा गांधी के फेस पर मल्टी डायरेक्शन लाइन होंगी और फेस स्माइलिंग होगा, नकली नोट में महात्मा गांधी ठुड्डी लंबी होती है, असली नोट में फाइबर पड़ा होता है।
चार से कम नोट पर पुलिस एफआइर्आर नहीं
आरबीआई के अधिकारियों ने बताया कि नवंबर ख्0क्क् में मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स ने सर्कुलर जारी किया कि यदि किसी कस्टमर के पास ब् नोट या इससे कम नोट नकली मिलते हैं तो उसे सिर्फ पुलिस को सूचना देनी होगी, लेकिन उसके खिलाफ एफआईआर नहीं होगी। इस पर एसएसपी धर्मवीर सिंह ने आईपीसी का हवाला देते हुए कहा कि यदि जानकारी में होते हुए नकली नोट चलाया गया तो एक्शन होगा, लेकिन बैंक ऐसा नहीं लिखते हैं। इस मामले में आरबीआई के जनरल मैनेजर ने कहा कि जल्द ही बैंक को इस संबंध में सर्कुलर भेजा जाएगा। यही नहीं उन्होनें सभी जिलों में जाली करेंसी पर रोक लगाने के लिए नोडल पुलिस थाना बनाने के लिए भी कहा।
फेक करेंसी लोड न करने वाली बनेंगी मशीनें
बैंकों के अलावा एटीएम से भी जाली नोट निकलने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसे मामले में एटीएम स्लिप को फेंकना नहीं चाहिए। नोट निकलने पर तुंरत एटीएम की ब्रांच से संपर्क करें। आरबीआई से भी शिकायत कर सकते हैं। इसके जरिए उन्हें असली नोट मिल जाएंगे। आरबीआई के जीएम ने बताया कि इस पर रिसर्च चल रही है। जल्द ही ऐसी मशीनें बनेंगी कि इनमें जाली नोट पड़ेंगे ही नहीं।
इनकी साइट्स पर जाकर लें कंपनियों की जानकारी
आरबीआई के अधिकारियों ने बताया कि लोग लोक लुभावन कंपनियों के लालच में न आएं। अधिक रकम कोई भी कंपनी नहीं दे सकती है। कौन सी कंपनी कहां से रजिस्टर्ड है इसके बारे में नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, आईआरडीए, स्टेट गर्वनमेंट के रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसायटीज एंड चिट्स ऑफ रेस्पेक्टिव स्टेट्स गवर्नमेंट और मिनिस्ट्री ऑफ कारपोरेट अफेयर्स जीओबी की साइट पर जाकर चेक कर सकते हैं। सेमिनार में आरबीआई कानपुर के जनरल मैनेजर पीके कर, एजीएम विजया पुंडीर, मैनेजर एसएन द्विवेदी, एसएसपी धर्मवीर सिंह यादव, एसपी रूरल, एसपी क्राइम, एसपी रूरल व अन्य पुलिसकर्मी मौजूद रहे।