सब्जियों के थोक एंव फुटकर रेट
सब्जी थोक रेट फुटकर रेट
आलू 15 20
तुरई 1 10
करेला 8 30
लौकी 3 15
टिंडा 5 20
नीबू 50 150
भिंडी 8 25
बैगन 5 15
टमाटर 25 60
कटहल 5 20
मिर्च 30 80
नोट सब्जियों के रेट प्रति किलो में दिए गए हैं
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बरेली(ब्यूरो)। हरी सब्जियों के थोक रेट अब कंट्रोल में आ गए हैं लेकिन फुटकर वालों की अभी मनमानी चालू है। वह अपनी मनमर्जी के पब्लिक से रेट वसूल रहे हैं.जिससे आम लोगों को राहत की जगह मुश्किल बढ़ी हुई है। फुटकर सब्जी विक्रेता मनमाने ढंग से रेट वसूल रहे हैं लेकिन किसी जिम्मेदार पर भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। हालांकि इससे लोगों को काफी प्रॉब्लम झेलनी पड़ रही है। जबकि कई ऐसे लोग हैं जो थोक मंडी से जाकर ही सब्जी खरीदकर लाते हैं।

तीन से चार गुना बढ़ाते हैं रेट
थोक मंडी से सब्जी खरीदने के बाद फुटकर विक्रेता मनमाने ढंग से सब्जी का तीन से चार गुना तक रेट बढ़ा देते है। इसके लिए इनके पास कोई रेट बढ़ाने का मानक नहीं है। मजबूरन जरूरतमंद को मनमाने रेट पर बेंच रहे फुटकर विक्रेता से सब्जी खरीदनी पड़ रही है। मंडी में इस समय बात करें तो तोरई के रेट एक से दो रुपए किलो बिक रही है लेकिन फुटकर में यही तोराई 15 रुपए किलो बेंची जा रही है। टमाटर मार्केट में कुछ दिन पहले 90 रुपए किलो तक बिक रहा था जबकि टमाटर के थोक मार्केट में रेट सिर्फ 25 रुपए किलो हैं लेकिन फुटकर विक्रेता टमाटर को 80 रुपए आज भी बेच रहा है। हालांकि कुछ दिन पहले नीबू के रेट में सबसे अधिक वृद्धि हुई लेकिन अब नीबू के रेट कंट्रोल में हैँ।

गर्मी में हो रही प्रॉब्लम
जिले में टेंप्रेचर अधिक होने के चलते इस समय सबसे अधिक प्रॉब्लम हरी सब्जियों की होती है। व्यापारियों का कहना है कि हरी सब्जी खरीदने के बाद उसी दिन ही बेचनी पड़ती है अगर डेली न बेंच पाएं तो अगले दिन तक गर्मी में खराब होने का बड़ा डर रहा है। क्योंकि हरी सब्जी धूम तेज होने के चलते सूखने लगती है जिस कारण हरी सब्जी में इस वक्त नुकसान के अधिक चांसेस रहते हैं।

अलग-अलग एरिया में अलग रेट
शहर के कुछ खास एरिया में सब्जियों के रेट अधिक रहते हैं जिसमें सिविल लाइंस, पॉश कॉलोनियां सहित अन्य एरिया में सब्जियों के रेट फुटकर में अधिक रहते हैं। जबकि शहर के आउटर एरिया में सब्जियों के रेट कम रहते हैं जिस कारण शहर के आउटर एरिया में भी लोग सब्जियों की शॉपिंग के लिए खूब जाते हैँ।


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बोली महिलाएं
थोक में तो सब्जियों के रेट कम हो जाते हैं लेकिन पता तो हम लोगों को तब चलता है जब फुटकर में रेट कम हो। फुटकर में सब्जी बेचने वाले तो मनमानी करते हैं। इनको रोकने के लिए कोई नियम नहीं जिससे उनके हौसले और बढ़े हुए हैँ।
सतेन्द्र पटेल
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-थोक में सब्जियों के रेट तो कम हो गए है लेकिन फुटकर में सब्जी विक्रेता तो उसी रेट में महंगी सब्जी बेेंच रहे हैं। ऐसा लगता है कि फुटकर वालों को मनमानी के लिए छोड़ दिया गया है। इससे काफी परेशानी हो रही है।
काकाक
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बोले थोक मंडी व्यापारी
मंडी में हरी सब्जियों के रेट तो अब काफी कंट्रोल हो गए है। फुटकर वाले क्या रेट वसूल रहे हैं उसकी जानकारी हमें तो नहीं होती है। लेकिन इस समय आलू को छोडक़र सभी हरी सब्जी, टमाटर और नीबू भी सस्त हो गया है।
सलीम, आढ़ती थोक सब्जी मंडी
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-थोक सब्जी मंडी में सब्जियों की आवक भरपूर है। थोक मंडी में सब्जियों के रेट अब महंगे नहीं हैं, थोक में रेट क्या चल रहे हैं उसकी जानकारी नहीं है।
शुजाउर्र रहमान, डेली पीर थोक सब्जी मंडी अध्यक्ष