-शहर में उमड़ रही खरीदारों की भीड़, बाजार में स्टॉक भरपूर
बरेली: दिल्ली में हाल ही में लॉकडाउन लगा है जिसके चलते बरेलियंस दशहत में हैं। जिसका शहर के कुछ रिटेलर और स्टॉकिस्ट खूब फायदा उठा रहे हैं। बरेलियंस की दहशत का फायदा उठाकर दुकानदार फूड आइटम्स पर 10 से 20 परसेंट तक का मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं फलों और सब्जियों पर भी ज्यादा रेट वसूले जा रहे हैं। वहीं पान मसाला आदि के रेट भी बढ़ा दिए हैं लेकिन इसके बाद भी कोई जिम्मेदार इस पर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
दुकानदार कर रहे स्टॉक
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में लॉकडाउन लगने के बाद बरेली के दुकानदारों ने फूड आइटम्स का स्टॉक करना शुरू कर दिया है जिससे लॉकडाउन लगने के बाद वे उस पर मोटा मुनाफा कमा सके। वहीं फूड आइटम्स आदि पर ज्यादा रेट वसूलना शुरू भी कर दिया है। शहर के श्यामगंज, किला, सुभाषनगर, कुतुबखाना और राजेंद्रनगर आदि मोहल्लों में दुकानदार ज्यादा रेट पर फूड आइटम बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं।
पान मसाला पर ओवर रेटिंग
लॉकडाउन की अफवाह से खाद्य पदार्थो के साथ पान मसाला के भी रेट खूब बढ़े हैं। जबकि सप्लाई में कोई कमी नहीं आई है इसके बाद भी शहर में दुकानदारों की जामखोरी या फिर मुनाफाखोरी कहें कस्टमर्स से रेट ओवर रेट वसूले जा रहे हैं लेकिन इसके बाद भी प्रशासन की तरफ से कोई छापेमारी अभियान शुरू नहीं किया गया है। कस्टमर्स की माने तो जो पान मसाला पहले 5 रुपए का मिलता था उसे 7-8 रुपए ही नहीं 10 रुपए तक बेचा जा रहा है। इससे लोग परेशान हैं।
अफवाह पर न दें ध्यान
शहर के प्रमुख व्यापारियों ने बाजारों में साफ संदेश दिया कि किसी बहकावे में न आएं और व्यापार जारी रखें। कहाकि सरकार व्यापारियों की सहूलियत के लिए पूर्ण बंदी नहीं कर रही है। इसलिए कालाबाजार से बचें। व्यापार मंडल के महानगर अध्यक्ष राजेंद्र गुप्ता ने बताया कि व्यापारियों को सब्र के साथ काम करने के लिए कहा गया है। किसी भी अफवाह को सही न मानें और किसी भी खाद्य सामग्री को रोकने या स्टॉक करने का न सोचें। किराना व्यापार संजय आहूजा ने बताया कि बीते एक पखवाड़े से आटा 19 से 20 रुपए किलो और चावल के दाम 48 से 60 रुपए पर ही स्थिर हैं। इसमें कोई बड़ी बढ़ोतरी नहीं देखी गई है। बताया कि खाद्य तेलों के दाम जरूर हर रोज बढ़ रहे हैं। बताया कि सरसों तेल तीन दिनों ही दो रुपए बढ़कर 160 से ऊपर हो गया है। इसके पीछे सरसों के सरकारी दामों में आई तेजी है।
बरेली:
वस्तु का नाम मार्च रेट अप्रैल रेट
दाल अरहर 90 120
दाल मूंग 90 100
चना 65 80
उड़द 85 90
तेल 120 160
घी 120 140
राजमा 90 130
पिछले माह जो पान मसाला पांच रुपए का मिलता था वह अब 7-8 रुपए का मिल रहा है। दुकान पर जाओ तो पता बताया जाता है कि उत्पादन बंद हो गया है इसीलिए महंगाई आ रही है।
सुनील कुमार
खाद्य पदार्थो में सबसे तेजी से तेल और रिफाइंड के रेट बढ़े हैं इसके साथ दाल के रेट भी अधिक बढ़ गए हैं। इससे आम लोगों के जीवन पर बड़ा इफेक्ट पड़ा है।
रंजीत शर्मा
रेट बढ़ने से ऐसा लगता है कि कि जैसे व्यापारियों ने मुनाफाखोरी के लिए स्टॉक कर लिया है। वैसे भी इतना महंगाई नहीं आई है।
सुमित देवल
आम लोगों की महंगाई ने तो कमर ही तोड दी है। इसके लिए सरकार को कुछ करना चाहिए। क्योंकि एक साथ महंगाई बढ़ना कोई रीजन भी नहीं सप्लाई भी भरपूर है।
सुनिधि चौहान
आढ़तियों के एक ही बोल पीछे से आ रहा महंगा
थोक फल विक्रेता शुबान खान ने बताया कि डेलापीर मंडी में खरबूजा व तरबूज राजस्थान से आ रहा है। खरबूजा 25 से 30 रुपये जबकि तरबूज 12 से 13 रुपये किलो बिक रहा है। जबकि आंध्र प्रदेश का तरबूज 15 से 16 रुपये किलो है। जो कि फुटकर में खरबूजा 60 व तरबूज 30 रुपये किलो बिक रहा है। कोल्ड स्टोर से आने वाला सेब 100 से 125 रुपये थोक तो फुटकर में 180 रुपये में बिक रहा है। वहीं 60 रुपये किलो बिकने वाला अनार बाजार में 140 रुपये में बिक रहा है।
एक नजर फलों के रेट पर
फल कहां का थोक रेट फुटकर रेट
खरबूजा राजस्थान 25 से 30 60
तरबूज राजस्थान 12 से 13 25
तरबूज आंध्रप्रदेश 15 से 16 30
अनार कोल्ड स्टोर 60 140
अंगूर कोल्ड स्टोर 50 80
सेब कोल्ड स्टोर 100 से 125 175 से 180
केला भूसावल 40 रुपये दर्जन 60 रुपये दर्जन
आम सफेदा आंध्रप्रदेश 40 75
आम फुरखा आंध्रप्रदेश 45 80
मौसमी हैदराबाद 50 85
कोल्ड स्टोर का आ रहा माल
डेलापीर मंडी के थोक फल विक्रेता शुबान खां ने बताया कि इन दिनों अनार, सेब व अंगूर कोल्ड स्टोर से आ रहे हैं। कम आवक होने के कारण दाम तेज हैं। पहले इनकी एक दिन में पांच से छह गाड़ी आती थी। अब एक गाड़ी भी मुश्किल से आ पा रही है। यही हाल मौसमी का है। तरबूज व खरबूजा की आवक भरपूर है इसलिए रेट भी इनके कम हैं।
भाड़ा के साथ और भी होते हैं खर्च
सैटेलाइट बस अड्डे पर फुटकर सब्जी बेचने वाले जितेंद्र कुमार ने बताया कि मंडी में थोक रेट खुलने के बाद आढ़ती का कमीशन व भाड़ा, छटाई आदि के साथ ही माल खराब होने का भी रिस्क रहता है। सभी चीजों को देखते हुए रेट निर्धारित किए जाते हैं।
सब्जी की लोकल आवक से रेट हुए डाउन
थोक सब्जी आढ़ती सलीम खां, मिलन वेजिटेबल एंड फ्रट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने बताया कि मंडी में लोकल सब्जी के साथ बाहर से भी भरपूर सब्जी आ रही है। ऐसे में लोकल की पर्याप्त सब्जी आने से रेट डाउन हैं।
जैसा मुहल्ला वैसा रेट
थोक मंडी से सब्जी लाने के बाद फुटकर फेरी कर सब्जी करने वाले मुहल्ले के आधार पर सब्जी का रेट तय करते हैं। सबसे महंगी सब्जी फ्लैट्स, सोसाइटी के साथ ही सिविल लाइंस, पवन विहार, ग्रीन पार्क, महानगर, राजेंद्र नगर, मॉडल टाउन आदि जगह रहती है। कटरा चांद खां में फुटकर सब्जी बेचने वाले कालीचरण ने बताया कि थोक में सब्जी लाने के बाद पूरे दिन बैठकर उसे बेचना भी पड़ता है। गर्मी अधिक है ऐसे में कई बार सब्जी खराब भी हो जाती है।
सब्जी थोक रेट पहले थोक रेट अब फुटकर रेट
आलू 5 से 6 7 से 8 15
प्याज 12 से 15 10 से 12 20
लहसुन 20 से 25 25 से 30 60
टमाटर 6 से 7 4से 5 15
हरी मिर्च 20 से 25 15 20
शिमला मिर्च 15 से 20 5 से 8 20
लौकी 10 से 12 5 से 7 10
करेला 25 से 30 15 से 17 30
हरी धनिया 25 से 30 10 से 15 20
तुरई 25 से 30 20 से 22 30
¨भडी 30 से 35 20 से 25 40