-पीडि़ता की चीख पुकार पर दौड़े ग्रामीणों ने आरोपी युवक को दबोचा, दबंगों ने छुड़ाया
-दुष्कर्म के बजाय दर्ज की छेड़छाड़ की रिपोर्ट, पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
-मेडिकल भी नहीं कराया, गांव में दो संप्रदायों के बीच जबरदस्त तनाव
Visharatganj : देहात इलाकों में दरिंदों का दुस्साहस दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है। विशारतगंज में शौच को गई किशोरी को एक दरिंदे ने तमंचे के बल पर अपनी हवस का शिकार बना डाला। किशोरी की चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने पीछा कर आरोपी युवक को दबोच लिया और खींचते हुए गांव ले आए। भारी हंगामे के बीच गांव के कुछ दबंग युवक भीड़ से छुड़ा ले गए। मामला दो समुदायों से जुड़े होने के कारण घटना को लेकर गांव में जबरदस्त साम्प्रदायिक तनाव पैदाहो गया है।
जिंदा जलाने की दी धमकी
थाना क्षेत्र के सहबाजपुर गांव निवासी एक विकलांग व्यक्ति दिल्ली में मजदूरी करता है। गांव में उसकी पत्नी, क्ब् वर्षीय बेटी व दो छोटे बच्चे रहते हैं। फ्राइडे दोपहर उसकी बेटी गांव के बाहर शौच को गई थी। वहां गांव के ही एक युवक ने लड़की को दबोच लिया और खींचकर पास के चरी के खेत में ले गया। उसके विरोध पर युवक ने उस पर तमंचा तान दिया। इसके बाद उसने उसके साथ मनमानी की। तभी चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों पर काम कर रहे ग्रामीणों ने मौके पर पहुंच कर आरोपी युवक को दबोच लिया और घसीटते हुए गांव तक ले आए। घटना की जानकारी होते ही वहां भीड़ जुट गई। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के कारण वहां भारी हंगामा होने लगा। इसी बीच आरोपी पक्ष के कुछ दबंग आ गए और आरोपी युवक को छुड़ा ले गए। इसके बाद शुक्रवार की शाम आरोपी युवक के परिवार के लोगों ने पीडि़ता के घर पहुंच कर उसकी मां को धमकाया कि घटना की पुलिस से शिकायत करने पर पूरे परिवार को जिंदा जला दिया जाएगा।
छेड़छाड़ की रिपोर्ट की दर्ज
लड़की की मां ने घटना की जानकारी पति को फोन पर दी तो देर रात वह गांव पहुंचा। पीडि़ता का पिता अपनी बेटी व गांव के कुछ लोगों के साथ सैटरडे सुबह थाना विशारतगंज पहुंच गया। सुबह से लेकर दोपहर एक बजे तक टाल-मटोल के बाद आखिरकार पुलिस ने गांव के ही आशीष के खिलाफ छेड़छाड़ की रिपोर्ट दर्ज कर ली। जबकि किशोरी के पिता ने तहरीर में दुष्कर्म की घटना का उल्लेख किया था। पिता का आरोप है कि थाने के एक दारोगा ने उसकी तहरीर फाड़ दी और अपने मुताबिक दूसरी तहरीर लिखाई जिसमें छेड़छाड़ दर्शाया गया। पुलिस ने दोपहर तक पीडि़ता को थाने में रोके रखा किन्तु इस दौरान न तो उसको उपचार दिलाया और न ही देर शाम तक उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। पिता का आरोप है कि पुलिस आरोपी के परिवार के लोगों से मिली है।