Pollution level बढ़ा
आरयू के एनिमल साइंस की एचओडी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की कोआर्डिनेटर प्रो। नीलिमा गुप्ता ने बताया नवंबर 2011 में गंगा दशहरा के मौके पर रामगंगा तट पर चौबारी मेले से पहले और बाद में पानी के सैंपल लेकर उसकी जांच की गई। इसमें यह तथ्य उभरकर सामने आया है कि मेले के बाद रामगंगा का पॉल्यूशन लेवल काफी हद तक बढ़ चुका था। आंकड़ों की बात करें तो मेले के बाद वाले सैंपल में ऑक्सीजन की मात्रा केवल 2.75 मिली ही रह गई है। इतना ही नहीं प्रदूषण का प्रभाव पानी के तापमान पर भी पड़ा है।
मछलियों के लिए खतरनाक
प्रो। गुप्ता के मुताबिक रामगंगा में बढ़ता पॉल्यूशन पानी में रहने वाले जीवों के लिए कई तरह से हानिकारक है। प्रदूषित पानी में रहने से जीव-जंतुओं की प्राकृतिक श्रंखला भी टूट सकती है। यहां तक कि ऐसे प्रदूषित पानी में रहने वाली मछलियां मानव जाति के लिए भी खतरनाक हो सकती हैं। इसकी वजह प्रदूषित पानी में रहने वाली मछलियां जहरीली हो सकती हैं। जीव-जंतुओं की कई प्रजातियां विलुप्त हो सकती हैं। चौबारी के मेले में हर साल पांच लाख श्रद्धालु रामगंगा में डुबकी लगाते हैं।