- सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने मांगी सूचना

- लघु सिंचाई विभाग को बनाया गया नोडल

बरेली : यह खबर बरेलियंस के लिए काफी खास है, भले ही जिले के सरकारी हॉस्पिटल में मरीजों को जीवनदान दिया जा रहा है लेकिन कहीं न कहीं धरा की कोख उजाड़ने में भी हॉस्पिटल का विशेष योगदान है। जी हां इस बात का खुलासा इस बात से हुआ जब लघु सिंचाई विभाग ने समस्त सरकारी विभागों से रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्लांट लगाने की सूचना मांगी, इस पर हेल्थ डिपार्टमेंट ने विभाग को जानकारी दी कि उनके किसी भी हॉस्पिटल में प्लांट अभी तक नहीं लगा है। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश की माने तो सभी भवनों में प्लांट लगाना आवश्यक है अगर ऐसा नहीं किया गया तो संचालन पर रोक लगाई जाएगी।

लघु सिंचाई विभाग को बनाया गया नोडल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शासन ने लघु सिंचाई विभाग को वाटर हॉर्वेस्टिंग के लिए नोडल बनाया है वहीं किस प्रकार आदेश पर अमल करना है इसके लिए कार्ययोजना भी तैयार कर ली है। जल्द से जल्द कार्य शुरु हो सके इसकी कवायद की जा रही है।

फेज वाइस होगी प्रक्रिया

यह प्रक्रिया फेज वाइस होगी। पहले फेज में जिले के सभी सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट बनाया जाएगा जिसमें जिले के सीएचसी समेत जिला पुरुष व महिला अस्पताल शामिल हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जिले के करीब डेढ़ हजार भवनों को चिन्हित भी कर लिया गया है।

ये की गई तैयारी

पहले चरण का काम शुरू करते हुए लघु सिंचाई विभाग की ओर से जिले के सभी विभागाध्यक्ष को पत्र भेज कर उनके यहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है या नहीं इसकी जानकारी मांगी गई है। अब तक आई जानकारी में मात्र 62 भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बना पाया गया है। अभी कई विभागों ने जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई है।

डिस्ट्रिक्ट में सरकारी हॉस्पिटल

- 1 जिला अस्पताल

- 1 महिला अस्पताल

- 17 सीएचसी

- 24 पीएचसी

वाटर हार्वेस्टिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है। इस पर काम शुरू किया गया है। यह एक लंबी प्रक्रिया है इसके लिए सबसे पहले सरकारी भवनों में इसे पूरा कराया जा रहा है। गिरते जल स्तर की स्थिति सुधारने के लिए यह कारगर साबित होगी।

जितेंद्र बहादुर, अभियंता, लघु सिंचाई विभाग