फैक्ट एंड फिगर
13-पक्के मकान तोड़े गए
11-कच्चे मकान तोड़े गए
4-किलोमीटर एरिया में है अतिक्रमण
195-अवैध निर्माण रेलवे की जमीन पर हैं टूटने
1-माह पहले अतिक्रमणकारियों को दिए थे नोटिस
8-जनवरी तक चलेगा अभियान
-दो दशक से अधिक पुराना अतिक्रमण हटाने के लिए रेलवे हर बार देता था नोटिस
-कोर्ट ने डीआरएम से तलब किया जवाब तो ट्यूजडे सुबह को अतिक्रमण तोड़ने पहुंची जेसीबी
बरेली: बारादरी के ईट पजाया के पास रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर वर्षो पुराने अतिक्रमण पर ट्यूजडे को रेलवे ने जेसीबी चलवा दी। हालांकि इस दौरान अतिक्रमणकारियों ने विरोध भी किया लेकिन मौके पर मौजूद फोर्स को देखा तो उनके हाथ पांव ढीले पड़ गए। लेकिन रेलवे के आईडब्ल्यू की मेहरबानी से चिह्नित किए गए अतिक्रमण में भी किसी को तोड़ दिया तो किसी को छोड़ दिया गया। हालांकि मौके पर जिन लोगों का अतिक्रमण टूट गया उन सभी ने रेलवे के अफसरों पर पक्षपात का भी आरोप लगाया। सुबह से शाम तक चली जेसीबी से जो अतिक्रमण बचे थे उनको अगले दिन तोड़ने की बात कहकर चले गए। इस दौरान एसीएम फर्स्ट रोहित कुमार, रेलवे सीआईबी, रेलवे एलआईयू, आरपीएफ, लेखपाल और पीडब्ल्यूआई और बारादरी पुलिस मौजूद रही।
हर बार देते थे सिर्फ नोटिस
रेलवे की जमीन पर करीब वर्ष 2001 से पहले की बंद पड़ी एनईआर की रेलवे लाइन पर लोगों ने अतिक्रमण कर लिया। इस पर पहले तो आसपास रहने वालों ने झुग्गी और झोपड़ी बनाई तो कुछ लोगों ने अपने मकान के पीछे हिस्से में गेट लगाकर अतिक्रमण कर कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं अतिक्रमण करने वालों ने पूरे-पूरे मकान भी बना लिए। हालांकि रेलवे अफसरों की तरफ से अतिक्रमण कारियों को पहले भी नोटिस दिए गए, कि अतिक्रमण हटा ले। लेकिन अतिक्रमण हटाने के नाम पर कभी कार्रवाई नहीं की। इस बार डीआरएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रेलवे की जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने का प्लान तैयार किया और कार्रवाई शुरू की। रेलवे की जमीन के रहने वालों ने पक्का मकान आदि बनाकर दुकाने भी बना ली। अतिक्रमणकारियों की माने तो रेलवे की उदासीनता के चलते ही उन्होंने पक्का निर्माण किया था अगर रेलवे पहले ही नोटिस देकर एक्शन लेता तो आज उनका नुकसान न होता।
विरोध नहीं आया काम
रेलवे के अफसर सुबह करीब दस बजे एक जेसीबी लेकर ईंट पजाया से माधोबाड़ी तक अतिक्रमण हटाने के लिए पहुंचे थे। साथ में आरपीएफ और थाना की फोर्स भी थी। लेकिन मौके पर अतिक्रमण करने वालों को जब बताया गया कि अतिक्रमण खाली करना है तो पहले उन्होंने विरोध किया। अतिक्रमणकारियों के विरोध को देखते हुए और पुलिस फोर्स बुलाने के साथ एक जेसीबी और बुला ली। इसके बाद दोनों जेसीबी ने रेलवे के चिह्नित किए गए अतिक्रमण को तोड़ना शुरू कर दिया। सुबह दस बजे शुरू हुई कार्रवाई शाम चार बजे के बाद तक चलती रही।
खुद करने लगे नापजोख
सुबह को अचानक पहुंची रेलवे की टीम और पुलिस ने अतिक्रमण तोड़ना शुरू किए तो रेलवे लाइन के किनारे रहने वालों ने खुद ही अपने मकान की नाप जोख शुरू कर दी। वहीं रेलवे अफसरों का कहना था कि वह एक साइड 75-83 मीटर तो दूसरी साइड में 42-45 मीटर जमीन रेलवे की है जिस पर अतिक्रमण को वह तोड़ देंगे। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों का बख्शा नहीं जाएगा।
आज हो सकता है विरोध
रेलवे की जमीन पर अतिक्रमणकारी आज विरोध कर सकते हैं। अतिक्रमणकारियों का कहना था कि रेलवे ने जब जमीन खरीदी थी तो रेलवे ने अपने काम के लिए ली थी लेकिन अब रेलवे इसे प्राइवेट बिल्डरों को बेंच रहा है। जिसका वह विरोध करेंगे। जबकि कुछ लोगों का कहना कि रेलवे ने अचानक में आकर अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चला दिया जिससे वह एकत्र होकर विरोध नहीं कर सके। वह आज अतिक्रमण हटाने का विरोध करेंगे, अब वह शांत नहीं बैठेंगे।
-रेलवे की जमीन पर ट्यूजडे को 13 पक्के और 11 कच्चे मकान तोड़े गए हैं। रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को एक माह पहले नोटिस दिया गया था, इससे पहले भी नोटिस दिए गए। अब रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का अभियान 8 जनवरी तक चलाया जाएगा।
राजेन्द्र सिंह, पीआरओ इज्जतनगर रेलवे