रेलवे स्टेशन के आउटर पर लूट, चोरी और डकैती की वारदातों में इजाफा

आउटर व छोटे स्टेशन पर जीआरपी-आरपीएफ की कम संख्या बनी वजह

आरपीएफ की स्पेशल फोर्स व जीआरपी की गश्ती दलों की पेट्रोलिंग बढ़ी

BAREILLY: ट्रेनों में एक के बाद एक हो रही लूट और डकैती की वारदातों पर रेलवे के सुरक्षा इंतजाम के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। ट्रेनों में पैसेंजर्स को लूटने व सामान चोरी करने को बदमाशों के लिए स्टेशन के आउटर एरिया सबसे पसंदीदा जगह बन गए हैं। पिछले कुछ महीनों में ट्रेनों में हुई चोरी, लूट और डकैती की वारदातों में बदमाशों ने स्टेशन के आउटर एरिया को ही घटना को अंजाम देने के लिए चुना। आउटर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम न होने से बदमाशों के लिए वारदातों को अंजाम देना आसान है। रेलवे के लिए भी स्टेशन पहुंचने से पहले या छूटने के बाद ट्रेनों को अपराधियों से बचाना एक चुनौती बन गया है।

नो सिक्योरिटी बड़ी वजह

जंक्शन की ही बात करें तो यहां के आउटर एरिया में जीआरपी या आरपीएफ के पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम न होने से खतरा बना रहता है। जंक्शन पर मुरादाबाद रूट पर सीबीगंज के आगे और शाहजहांपुर रूट पर तिलहर के आगे का इलाका बेहद सुनसान रहता है। वहीं इस रूट पर आगे बड़े स्टेशनों के आउटर एरिया पर भी जीआरपी-आरपीएफ जवानों की मौजूदगी न के बराबर रहती है। ऐसे में इन एरिया से ट्रेनों में सामान चोरी, छिनैती और ट्रैक से रेलवे का सामान चोरी होने की घटनाएं सामने आती रहती हैं।

आउटर से भ्ागना आसान

ट्रेनों पर चोरी और लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले बदमाश ज्यादातार लोकल ही होते हैं। ऐसे में वह ट्रेनों से लेकर उसमें स्कॉवयड की मौजूदगी की जानकारियों से अच्छी तरह वाकिफ रहते हैं। आउटर पर ट्रेनों का प्रेशर लो करने या चेनपुलिंग कर आपराधिक वारदात करना आसान रहता है। आउटर पर अंधेरे और सुरक्षा के इंतजाम न होने से बेखौफ बदमाश वारदात कर आसानी से भाग खड़े होते हैं। जब तक ट्रेन स्टेशन पर पहुंचे और जीआरपी या आरपीएफ को घटना की जानकारी मिले तब तक बदमाश पहुंच से काफी दूर हो जाते हैं।

आरपीएफ ने बढ़ाई गश्त

कर्मभूमि एक्सप्रेस डकैती के बाद रेलवे की ओर से ट्रेनों की सुरक्षा के साथ ही स्टेशन के आउटर पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश आरपीएफ को दिए गए हैं। जंक्शन के आउटर पर बदमाशों की गतिविधियां बढ़ने पर दिल्ली से आरपीएफ स्पेशल फोर्स के क्0 जवान जंक्शन पर चौकसी के लिए तैनात किए गए हैं। आरपीएफ के ब् गश्ती दल शाम होते ही जंक्शन के दोनों आउटर पर पेट्रोलिंग के लिए भेजे जा रहे हैं। इन गश्ती दल में स्पेशल फोर्स के ख् जवान और एक आरपीएफ थाने का जवान शामिल रहता है। रेलवे का रूल है कि स्टॉपेज के अलावा ट्रेने कहीं भी रुकें। ऐसे में गश्ती दल चेनपुलिंग की घटनाओं पर भी कड़ा एक्शन ले रहा।

सिविल वर्दी में जीआरपी की निगरानी

ट्रेनों में बढ़ रही वारदातों पर रेलवे की हो रही किरकिरी के बाद जीआरपी ने भी अपनी कमर कसी हुई है। आउटर पर ट्रेनों की निगरानी बढ़ाने के लिए जीआरपी ने जंक्शन के दोनों छोरों पर अपनी गश्त बढ़ा दी है। ब्-ब् जवानों का दल जंक्शन के प्लेटफॉर्म और दोनों आउटर पर निगरानी रखे हुए हैं। वहीं जीआरपी ने सिविल ड्रेस में भी अपने जवान आउटर पर निगरानी के लिए लगाए हैं। इसके अलावा ट्रेनों में लूटपाट और डकैती की वारदातों में रजिस्टर्ड गैंग पर भी जीआरपी निगरानी रख रही है। कर्मभूमि कांड के बाद इन गैंगों के जेल में बंद सदस्यों का वेरिफिकेशन कराया जा रहा है। वहीं जो जेल से बाहर है, उनकी गतिविधियों पर भी निगाह रखी जा रही है।

आउटर पर बदमाशों की एक्टिविटी बढ़ने पर जीआरपी की ओर से पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है। सिविल ड्रेस में भी जवान आउटर पर निगरानी कर रहे हैं। रात में पिकेट के दौरे भी बढ़ा दिए गए हैं।

- रामबाबू तिवारी, इंचार्ज जीआरपी

वारदातों के लिए आउटर ज्यादा संवेदनशील हैं। आरपीएफ स्पेशल फोर्स के साथ शाम के बाद आउटर पर गश्त बढ़ा दी गई हैं। आरपीएफ जवानों पर हमले के बाद इसमें और कड़ाई की गई है।

- एसएस गंगवार, इंचार्ज आरपीएफ