-जंक्शन पर उमड़ी भीड़, इंक्वायरी में लगा सवालों का तांता

-जनरल-स्लीपर कोचेस ठसाठस, पैसेंजर्स से वसूली के आरोप

BAREILLY: प्लेटफॉर्म पर खड़ी ट्रेनों में जगह तलाशती निगाहें, भीड़ के बीच इंक्वायरी से ट्रेन की जानकारी जुटाने की कसरत, प्लेटफॉ‌र्म्स पर जल्द पहुंचने की मेहनत और ट्रेन में बैठने के लिए जगह बनाने की जद्दोजहद। जंक्शन पर पिछले दो दिन से यह नजारा आम है। होली पर समय से घर पहुंचने की फिक्र में जंक्शन पर पैसेंजर्स का तांता लगा हुआ है। सैटरडे को सुबह से ही पैसेंजर्स की भीड़ जंक्शन पर जुटने लगी। होली में सिर्फ एक दिन बचा होने और सैटरडे होने की वजह से दूसरे शहरों को जाने वाले पैसेंजर्स की खासी भीड़ रही।

नो रिजर्वेशन, बनी टेंशन

हफ्तों पहले से कड़ी मशक्कत के बावजूद घर जाने के लिए ट्रेन में रिजर्वेशन न करा पाना पैसेंजर्स के लिए परेशानी का सबब बना है। बरेली के इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स में पढ़ने वाले हजारों स्टूडेंट्स में ज्यादातर रेलवे से ही घर की दूरी नाप रहे हैं। ज्यादातर के रिजर्वेशन कंफर्म न होने से उन्हें सीट की टेंशन परेशान किए हुए है। ऐसे में कई स्टूडेंट्स वेटिंग टिकट पर सफर करने को मजबूर हैं।

इंक्वायरी बनी अखाड़ा

प्लेटफॉर्म क् पर रेलवे की इंक्वायरी पैसेंजर्स और स्टाफ के बीच अखाड़ा बन रही है। ट्रेनों की जानकारी पता करने को दोनों विंडो पर जबरदस्त भीड़ जुट रही है। वहीं कम स्टाफ होने से पैसेंजर्स को जानकारी मिलने में हो रही देरी नोकझोंक का रूप ले रही है। पैसेंजर्स का कहना है कि इंक्वायरी स्टाफ सही से जानकारी नहीं देता, वहीं फीमेल स्टाफ का आरोप है कि कुछ पैसेंजर्स जानकारी मिलने के बावजूद मिसबिहेव कर रहे हैं।

फाइन के नाम पर वसूली

ट्रेनों में ठसाठस भरी भीड़ में बेटिकट और जनरल टिकट पर स्लीपर में बैठने वाले इररेगुलर पैसेंजर्स पर रेलवे की नजर टेढ़ी है। बेटिकटों और इररेगुलर्स के खिलाफ इस अभियान में जहां रेलवे को फाइन के तौर पर जहां मोटा रेवेन्यू मिल रहा है, वहीं पैसेंजर्स से अवैध वसूली की कंप्लेन भी मिल रही है। इन कंप्लेन पर रेलवे भी संज्ञान ले रहा है। चेकिंग स्कॉवयड ऐसे दागी टीटीई पर भी नजर रखने और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कर रहा है।