Case-1
शाहबाद निवासी शर्मा जी की वाइफ को सर्दी लगने से संडे को खांसी की प्रॉब्लम हो गई। रात में खांसी ज्यादा बढऩे पर शर्मा जी कफ सिरप खरीदने के लिए केमिस्ट शॉप की ओर गए। मगर सारी केमिस्ट शॉप्स बंद मिलीं. लिहाजा वह थक हारकर घर वापस लौट आए।
Case-2
हरनाम सिंह के 10 वर्षीय बेटे हरपाल को रात में अचानक फीवर हो गया। वो घर से निकले और केमिस्ट शॉप ढूंढने लगे पर उन्हें एक भी केमिस्ट शॉप खुली नहीं मिली। वापस लौटकर उन्होंने अपने पड़ोसी से फीवर की दवा ली।
5 साल पहले खुलते थे
केमिस्ट शॉपकीपर्स की मानें तो पांच साल पहले तक केमिस्ट शॉप्स रात को खुली रहती थीं लेकिन अब यह व्यवस्था बदल गई है। केमिस्ट एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बताया कि कुछ शॉप कीपर्स तो रात को भी शॉप खोलना चाहते हैं। मगर पेचीदा नियमों और सुरक्षा कारणों से ऐसा नहीं हो पाता है। केमिस्ट स्टोर अगर रात में खुलता है तो केमिस्ट स्टोर ओनर को रात में अतिरिक्त फार्मासिस्ट की रिक्वायरमेंट होगी। इसके अतिरिक्त उसे एक हलफनामा भी खाद्य सुरक्षा एंव आपूर्ति विभाग को देना होगा, जो सुरक्षा से संबंधित होगा। इस हलफनामा में शॉप कीपर ये लिखकर देता है कि रात में शॉप ओपेन करने पर किसी घटना के लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा। नियमों के फेर से बचने के चक्कर में भी रात में कई केमिस्ट शॉप ओपेन नहीं किए जा रहे हैं।
नर्सिंग होम के केमिस्ट स्टोर किसी काम के नहीं
हालांकि रात में दवा की सडन जरूरत को पूरा करने के लिए बरेलियंस के पास एक जरिया मौजूद है नर्सिग होम। लगभग सभी नर्सिंग होम में अपने खुद के केमिस्ट स्टोर होते हैं, जो रात में भी खुले रहते हैं। मगर इसमें भी एक पेंच है। अगर आप किसी नर्सिंग होम के केमिस्ट स्टोर में जाते हैं तो उनके पास सारी दवाएं मौजूद नहीं होती हैं। वह कुछ खास ब्रांड की मेडिसिन को ही अपने पास रखते हैं। ऐसे में रेजिडेंट्स को फाइनली परेशान ही होना पड़ता है। वहीं अगर सेम सॉल्ट में दूसरी दवा का ऑप्शन लेना चाहे, तो उसी नर्सिंग होम के डॉक्टर से कंसल्ट करने के नाम पर रेजिडेंट्स को कंस्लटेंसी फीस का चूना लगना भी लगभग तय होता है।
रेजिडेंट्स क्या करें
-फीवर, कोल्ड एंड कफ, वॉमिटिंग और लूज मोशन सरीखी बीमारियों की दवाइयां घर में जरूर रखें।
-स्टोर करके रखी गई दवाओं की एक्सपायरी डेट जरूर चेक कर लें।
-घर के पास ऐसे कैमिस्ट स्टोर, जिनके ओनर उसी प्राइमसेस में रहते हो, उनका कॉन्टेक्ट नंबर जरूर रख लें।
हम पहले अपनी शॉप 24 आवर खोलते थे। मगर पेचीदा नियमों और एडमिनिस्ट्रेशन की तरफ से सिक्योरिटी के अरेंजमेंट न होने से हमने सिर्फ दिन में दुकान खोलना शुरू कर दिया।
राजीव ढिंगरा, कुलदीप मेडिकल स्टोर
5 साल पहले तक केमिस्ट स्टोर रात में खुलते थे। पर ज्यादा बिजनेस न होने और सिक्योरिटी की प्रॉब्लम के चलते शॉप्स एक-एक करके बंद हो गई। हां ये सही है कि इससे रेजिडेंट्स को प्रॉब्लम तो फेस करनी पड़ती है।
दुर्गेश, सिटी रिटेल केमिस्ट स्टोर
सिटी में निर्धारित स्पॉट पर केमिस्ट शॉप 24 आवर खुलनी तो चाहिए। इसके लिए हम जनरल मीटिंग में प्रस्ताव रखेंगे। एडमिनिस्ट्रेशन से वार्ता करके कोशिश की जाएगी कि कुछ शॉप्स को रात में खोला जाए।
दिनेश चंद्र रस्तोगी, डिस्ट्रिक्ट केमिस्ट स्टोर
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी में आ सकते हैं
ये सीरियस प्रॉब्लम है। अगर प्राइवेट केमिस्ट शॉप के बंद होने से किसी रेजिडेंट को समस्या होती है तो वह डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इमरजेंसी में आ सकता है। इमरजेंसी 24 घंटे खुली रहती है। जहां डॉक्टर और पैरा मेडिकल स्टाफ तैनात रहता है। इमरजेंसी में हर तरह का इलाज पेशेंट को मुहैया करवाया जाता है.
डॉ। विजय यादव, सीएमओ
Report by: Abhishek Misra