पीडब्ल्यूडी में पीएमजीएसवाई के एक्सईएन और कर्मचारियों में टकराव

दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के ट्रांसफर के लिए चीफ इंजीनियर को भेजा शिकायती लेटर

करोड़ों के विकास कार्य आपसी लड़ाई में लटके

BAREILLY: 'जब से बरेली ट्रंासफर होकर आया हूं, इन लोगों की कारगुजारियां देख रहा हूं। मनमाने ढंग से काम करते हैं, सब के सब तिकड़मबाज हैं। इन सबको ट्रांसफर किया जाए, अगर पॉसिबल ना हो तो मुझे ही ट्रंासफर कर दिया जाएकुछ ऐसे ही शब्दों से कर्मचारियों को नवाजते हैं पीडब्ल्यूडी पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) के एक्सईएन साहब। दूसरी ओर जवाबी हमले में कर्मचारियों के अल्फाज हैं कि 'जुम्मे जुम्मे छह महीने से यहां हैं, जब से इन्होंने बरेली ज्वॉइन किया है, इनकी हरकतें झेल रहे हैं। लेडीज कर्मचारी से दु‌र्व्यहार, हर काम में नौटंकी और बेकार का तमाशा, तामझाम दिखाते है, इन्हें तुरंत ट्रंासफर किया जाए'। ये विवाद हद से आगे बढ़ जाने पर अधिकारी और कर्मचारी एक दूसरे के ट्रंासफर की मांग पीएजीएसवाई बरेली और लखनऊ जोन से कर रहे हैं। आलम यह कि इनकी लड़ाई में पब्लिक पूरी तरह से पिस रही है। करोड़ों के टेंडर लटके और विकास का काम ठप है।

यह था मामला

अधिकारी और कर्मचारियों के आपसी टकराव का ये माजरा करीब छह महीने से चल रहा है। ख्7 जनवरी, ख्0क्ब् को एक्सईएन ई। मदन कुमार संतोषी ने पीडब्ल्यूडी के डीडीख्, पीएमजीएसवाई को ज्वॉइन किया। कर्मचारियों ने बताया कि शुरुआत से ही उनका व्यवहार, कार्यशैली सही नहीं रही। ऐसे में कई बार मिनिस्ट्रियल एसोशिएसन की ओर से चीफ इंजीनियर को शिकायती पत्र भेज कार्रवाई करने की मांग की गई। दूसरी ओर, एक्सईएन ने भी कर्मचारियों के खिलाफ चीफ इंजीनियर को लेटर भेज दिया।

कर्मचारियों पर काम चोरी का आरोप

शुरुआत से ही कर्मचारियों के अडि़यल रवैये से नाराज एक्सईएन ने फ् जुलाई को पीएमजीएसवाई पीडब्ल्यूडी बरेली, लखनऊ और मेरठ जोन के चीफ इंजीनियर को शिकायती पत्र लिखा। पत्र में बरेली पीएमजीएसवाई के कर्मचारियों की शिकायत को गंभीरता से लेते जल्द कार्रवाई की मांग की। जोन को लिखे पत्र में एक्सईएन ने असिस्टेंट इंजीनियर, जूनियर इंजीनियर, क्लर्कियल स्टॉफ और फोर्थ क्लास कर्मचारी पर कामचोरी समेत आदेश को फॉलो नहीं करने के भी आरोप लगाए हैं। ऐसे में एक्सईएन ने समस्त स्टाफ को ट्रांसफर करने की रिक्वेस्ट की है। वहीं, दूसरी ओर जवाबी हमले में कर्मचारियों ने एक्सईएन पर मानसिक उत्पीड़न और अडि़यल रवैये के चलते काम प्रभावित होने के आरोप लगाए हैं। इसके साथ ही कार्रवाई करने की रिक्वेस्ट समस्त जोन के चीफ इंजीनियर से की है।

ख्0 करोड़ के विकास कार्य प्रभावित

विवाद की शुरुआत के बाद से रोड टेंडर और मेनटेंनेंस का कार्य पूरी तरह से बंद चल रहा है। पीएमजीएसवाई के पास कुछ पैकेज यूपीआरडीए लखनऊ से जारी होने के बाद भी टेंडर नहीं हुए। दूसरी ओर, सड़कों की छमाही और सालाना मेनटेंनेस के कार्यो पर भी लगाम लगी है। इससे सड़कों की स्थिति बदतर हो रही है। विभाग के पास पिछले छह माह में मेनटेनेंस के आठ और रोड निर्माण के लिए चार नए स्वीकृत टेंडर प्राप्त हुए। इनकी कुल लागत करीब ख्0 करोड़ से ज्यादा की थी, लेकिन एक्सईएन की सहमति ना होने से टेंडर पास नहीं हो सके। इस पर कर्मचारियों ने दो लेटर भी लिखे, जिन पर फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं हुई। दोबारा इन टेंडर्स पर सरकार को करीब एक करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व की हानि होने की संभावना है।

चरणबद्ध ट्रांसफर की मांग

एक्सईएन ई। मदन कुमार संतोषी की ओर से जोन को लिखे पत्र में स्टाफ में कार्यरत सभी अधिकारी और कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाने की मांग की है। प्रेजेंट में पीएमजीएसवाई में करीब म्8 कर्मचारी कार्यरत हैं। इनमें फ् एसिस्टेंट इंजीनियर, क्भ् जूनियर इंजीनियर, क्ख् क्लर्क और फ्8 फोर्थ क्लास एम्लॉई हैं। एक्सईएन ने एक साथ ट्रांसफर ना कर पाने की स्थिति में चरणबद्ध तरीके से ट्रांसफर करने का अनुरोध जोन चीफ इंजीनियर से किया है। साथ ही लेटर के साथ पहले चरण में ट्रांसफर किए जाने वाले कर्मचारियों की सूची भी दी है।

यूनियन ने किया घेराव

अधिकारी और कर्मचारियों के बीच छिड़ी जुबानी जंग वेडनसडे को चीफ इंजीनियर सलेक चंद्र तक जा पहुंची। मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन क्षेत्रीय शाखा के सदस्यों समेत पीएमजीएसवाई के सेकंड, थर्ड और फोर्थ क्लास कर्मचारियों ने चीफ इंजीनियर का घेराव किया। यूनियन के सदस्यों ने चीफ इंजीनियर के सामने एक्सईएन मदन कुमार संतोषी की कार्यप्रणाली और शिकायतें बता उन्हें तत्काल प्रभाव से हटाने की गुहार लगाई। चीफ इंजीनियर ने मामले पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एक्सईएन को थर्सडे को हाजिर होकर मामले पर स्पष्टीकरण देने को कहा है।

एक साथ पूरा स्टाफ भ्रष्ट और कामचोर नहीं हो सकता। कहीं ना कहीं एक्सईएन से गलती हो गई है। एक्सईएन से पूछताछ के बाद ही मामले पर विचार किया जाएगा।

सकेल चंद्र, चीफ इंजीनियर

जब से ज्वॉइन किया है, सभी को वॉच कर रहा हूं। लेटर लिख देने से कुछ होने वाला है नहीं। यहां की स्थिति बहुत बुरी है। सुधारने की कोशिश की पर ये हैं कि सुधरने वाले नहंीं।

ई। मदन कुमार संतोषी, एक्सईएन, पीएमजीएसवाई

एक्सईएन पूरे स्टाफ को परेशान करके रखे हैं। महिलाकर्मियों के साथ इनका व्यवहार अशोभनीय है। जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो यूनियन इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी।

जितेंद्र कुमार, महामंत्री, मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन क्षेत्रीय शाखा

एक्सईएन का रवैया अजीब है। जब से ज्वॉइन किया है, विभाग को मिले सभी विकासकार्य प्रभावित हो रहे हैं। इनके पहले भी सात एक्सईएन रह चुके हैं। कहीं कोई शिकायत नहीं रही।

अजय अग्रवाल, एसिस्टेंट क्लर्क

कुछ लोग कामचोर हो सकते हैं, लेकिन एक साथ विभाग के म्8 कर्मचारियों तो दोषी हो नहीं सकते। अगर एक्सईएन का ट्रंासफर नहीं हुआ तो हम सब कार्य बहिष्कार करेंगें।

अजय कुमार शर्मा, हेड क्लर्क

हमारा कोई ऑफिशियल काम तो होता नहीं। पानी पिलाना, फाइल लाने और ले जाने जैसे काम हम करते हैं। अब पता नहीं क्या हुआ कि हमारे भी ट्रंासफर की मांग की है।

तेजपाल, फोर्थ क्लास इंप्लाई