पानी की सप्लाई में नहीं मिलाई जा रही क्लोरीन, कई इलाकों में मिली गड़गड़ी
नगर निगम स्वास्थ्य विभाग ने घरों से लिए पानी के सैंपल में पकड़ी लापरवाही
BAREILLY:
जलकल का पानी पीने योग्य नहीं है। इस पानी को पी रहे हैं तो फिर सावधान हो जाइए, क्योंकि इसे पीने से डायरिया, पीलिया और हैजा जैसी बीमारियां जकड़ सकती हैं। इस बात का खुलासा एक टेस्ट में हुआ, जब शहर के दर्जन भर से अधिक मोहल्लों का पानी टेस्ट में फेल हो गया। रिपोर्ट आने के बाद नगर निगम अधिकारियों के होश फाख्ता हो गए। आनन-फानन में नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने पानी में क्लोरीन मिलाने के ि1नर्देश दिए।
नहीं मिलाई जा रही क्लोरीन
शहर को जरूरत भर का पानी देने में भी नक्कारा साबित हुआ जलकल विभाग अब पानी में जरूरी क्लोरीन मिलाने में भी जबरदस्त गड़बड़ी कर रहा है। जलकल विभाग की ओर से जनता के लिए सप्लाई किए जा रहे पानी में क्लोरीन नहीं मिलाई जा रही। बिना क्लोरीन मिलाए इम्प्योर वॉटर सप्लाई से जनता की सेहत के साथ खुले आम खिलवाड़ किया जा रहा। मंडे को निगम के स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर भर में अलग अलग कराए गए चेकिंग अभियान में इसका खुलासा हुआ। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ। एसपीएस सिंधु चेकिंग अभियान की तैयार रिपोर्टनगर आयुक्त शीलधर यादव को सौंपेंगे।
टेस्ट में फेल हुए सैंपल
मंडे को शहर भर के करीब डेढ़ दर्जन एरिया में लोगों के घरों से पानी के सैंपल ओटी जांच के लिए लिए गए। एरिया के सफाई इंस्पेक्टर्स ने कटराचांद खां, बालजती, आवास विकास, कलेक्ट्रेट और सिविल लाइंस सहित अन्य एरियाज के घरों से पानी का नूमना लिया। जिसमें ओटी टेस्ट में किसी भी सैंपल का रंग गुलाबी नहीं हुआ। दरअसल ओटी टेस्ट में क्लोरीन मिले पानी का रंग गुलाबी हो जाता है। जबकि बिना क्लोरीन मिला पानी रिएजेंट के साथ रिएक्शन करने के बाद भी ंरग नहीं बदलता। नियमानुसार पानी में 0.2 पीपीएम क्लोरीन मिली होनी चाहिए। लेकिन सभी टेस्ट निगेटिव मिले। सभी सैंपल में क्लोरीन की मात्रा 0.0 पाई गई।