- सरकार ने मांगी दाल की रिपोर्ट, जिला प्रशासन ने भेजी
-रिपोर्ट में दाल का सिटी में भीषण संकट, हजारों मीट्रिक टन का अंतर
-सरकार इंपोर्ट कर करेगी दाल की कमी को पूरा
BAREILLY:
जी हां, स्थिति बेहद चिंताजनक है। लेकिन, उम्मीद जगी है कि सरकार के एक्शन के बाद लोगों को राहत मिल जाए। दाल का जो रेट आसमान छू रहा है, वह और उपर जाने की पूरी संभावना बनी है। शहर में दाल की उपलब्धता और उसकी जरुरत में हजारों मीट्रिक टन का अंतर बना हुआ है। यह खुलासा प्रशासन की उस रिपोर्ट में हुआ है जिसको सरकार को भेजा गया है। दरअसल, दाल की कालाबजारी व रेट बढ़ने के बाद सेंट्रल गवर्नमेंट एक्शन मोड में आ गई थी, उसने सभी राज्यों से दाल की उपलब्धता व छह महीने में जरुरत की डिटेल्स मांगी थी। जिसके बाद प्रदेश सरकार ने सभी जिलों से इस संबंध में डिटेल रिपोर्ट मांगी थी।
टेंशन मत ले, सरकार अलर्ट मोड पर
हालांकि इस बीच राहत की खबर यह है कि सरकार के के अलर्ट मोड पर आने के बाद वह जरुरत के मुताबिक इसका इंपोर्ट करेगी, ऐसे में दाल की जो कमी थी, या जो कमी जमाखोरी के चलते हो रही थी, उससे आम पब्लिक को राहत मिल जाएगी।
जमाखोरी ने कर दिया बड़ा अंतर
जमाखोरी और वायदा कारोबार ने दाल के खेल को बहुत बड़ा कर दिया है। स्थिति यह है कि अभी ही हाल की रेट सेंचुरी का आकड़ा पार कर चुकी है। यह बात भी है कि जिस तरह से दाल की किल्लत सामने आ रही है कि उससे दालों के रेट 150 का आकड़ा भी कर सकते हैं। अगर बरेली की बात की जाए तो यहां पर जमाखोरी के चलते दाल की उपलब्धता डिमांड से बहुत बड़ा अंतर रिपोर्ट में निकल कर सामने आया है। यह अंतर एक को कुंतल का नहीं बल्कि हजारों मीट्रिक टन का है।
मीट्रिक टन में है अंतर
डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिस की ओर से दाल इसकी रिपोर्ट तैयार की गई है। अधिकारियों ने यह रिपोर्ट कृषि विभाग और मंडी समिति की सहयोग से तैयार किए है। यादि रिपोर्ट की बात करें तो, सबसे अधिक अरहर, मसूर और उरद के दाल की आवश्यकता बरेली डिस्ट्रिक्ट में है। वर्तमान समय में अरहर की 728.50, मसूर की 8148.80 और उड़द की मात्र 786.80 मीट्रिक टन उपलब्धता है। जबकि, 6 महीने बाद बरेली डिस्ट्रिक्ट में क्रमश: 4371, 48892.60, 4720.80 मिट्रिक टन दाल की आवश्यकता है।
फूड कमिश्नर को सौंपी गई रिपोर्ट
प्रमुख दालों की रिपोर्ट तैयार कर फूड कमिश्नर को डीएसओ की ओर से सौंप दी गयी है। यह रिपोर्ट फूड कमिश्नर को सौंप दी गई है। ताकि, गवर्नमेंट द्वारा जो दाल इम्पोर्ट होगी उसमें से आवश्यकता के अनुरूप बरेली डिस्ट्रिक्ट को आवंटित हो सके। दालों की मांग और आवश्यकता के साथ ही पिछले तीन की प्राइस लिस्ट भी फूड कमिश्नर को सौंपी गयी है। एक्सपर्ट का ऐसा मानना है कि, गवर्नमेंट द्वारा दाल आवंटित होने के बाद दाल के प्राइस में गिरावट आ सकती है।
कार्रवाई की रिपोर्ट भी भेजी गई
शासन को भेजे गए रिपोर्ट में अधिकारियों ने जमाखोरी रोकने के लिए मई महीने में की गई कार्रवाई का भी जिक्र किया है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रवर्तन कार्य के अंतर्गत 7 वाहन पकड़े गए थे। पकड़े गए वाहनों से मंडी सचिव द्वारा शमन शुल्क भी वसूल किया गया था। इसके अलावा सिटी मजिस्ट्रेट, डीएसओ, जिला खाद्य विपणन अधिकारी और संबंधित उप जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में टीमें गठित करते हुए पूर्व में किए गए कार्रवाई का भी जिक्र रिपोर्ट में किया गया है।
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कम होंगे रेट, दूर होगी दिक्कत
जानकारों ने बताया कि सरकार के इस कदम से न सिर्फ जमाखोरों के हौसले पस्त होंगे, बल्कि दाल की दिक्कत भी खत्म होगी। क्योंकि, अगर सरकार दाल को इंपोर्ट करने का कदम नहीं उठाती तो फिर जमाखोर बड़ा खेल कर देते, लेकिन अब सरकार के एक्टिव मोड पर आने से जमाखोरों के मंसूबे पूरे नहीं हो पाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि दाल को मंगाकर इसको राशन व अन्य जगहों पर निर्धारित रेट से बेचा जाएगा, जिससे की पब्लिक को सही रेट में दाल उपलब्ध हो पाएगी।
बॉक्स
- मई में गवर्नमेंट ने मांगी थी दाल की उपलब्धता और आवश्यकता की रिपोर्ट।
- 4 जून को डीएसओ ने रिपोर्ट तैयार की फूड कमिश्नर को सौंपी।
- दाल आवंटित होने के बाद दाल के प्राइस प्रति केजी 15 से 20 रूपए गिरावट होने की उम्मीद।
दाल की उपलब्धता और डिमांड मीट्रिक टन में
दाल - उपलब्धता - 6 महीने बाद डिमांड
अरहर - 728.50 - 4371
उरद - 786.80 - 4720.80
मूंग - 154.60 - 927.60
चना - 1293.90 - 7763.40
मसूर - 8148.80 - 48892.60
नोट - जैसा की रिपोर्ट बना कर शासन को भेजा गया है।
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प्राइस जैसा रिपोर्ट में सौंपा गया है
होलसेल प्राइस प्रति क्विंटल
दाल - 2012-2013 - 2013-2014 - 2014-2015
अरहर - 6,055 - 6,445 - 8,053
उरद - 4,504 - 5,584 - 7,000
मूंग - 5,672 - 7,480 - 8,590
चना - 4,650 - 3,816 - 4,351
मसूर - 4,191 - 5,714 - 6,582
रिटेल प्राइस प्रति केजी
अरहर - 72-92 - 74-94 - 90-110
उरद - 60-80 - 75-95 - 95-115
मूंग - 66-71 - 84-90 - 95-100
चना - 63-70 - 55-62 - 60-67
मसूर - 56-76 - 72-95 - 90-100
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दाल की कितनी आवश्यकता है इसकी रिपोर्ट कुछ दिन पहले गवर्नमेंट से मांगी गई थी। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गयी है। दाल आने के बाद उनको निर्धारित रेट पर पब्लिक को उपलब्ध कराई जाएगी।
केएल तिवारी, डीएसओ