डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की ओपीडी में लगनी थी पल्मोनरी चेकअप किट
ट्रेंड टेक्निशियन के इंतजार में दो महीने से स्टोर में धूल फांक रही मशीन
BAREILLY:
सांस व अस्थमा के मरीजों की जल्द पहचान के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में आई पल्मोनरी फंक्शन मशीन ट्यूजडे को अस्थमा डे के मौके पर भी न शुरू हो सकी। मार्च ख्0क्भ् में डिस्टि्क्ट हॉस्पिटल में दो पल्मोनरी फंक्शन मशीन की खरीद की गई, जिनका इस्तेमाल ओपीडी में चेस्ट स्पेशलिस्ट के केबिन में किया जाना था। इन मशीनों से सांस के मरीजों में कमजोर लंग्स और अस्थमा से पीडि़त मरीजों की स्क्रीनिंग करना था। जिससे कि अस्थमा के मरीजों की तुरंत पहचान कर उन्हें टीबी सेंटर से इलाज दिलाया जा सके। साथ ही अन्य मरीजों का भी अस्थमा से बचाव किया जा सके।
ट्रेंड टेक्निशियन पर फंसा पेंच
दो पल्मोनरी फंक्शन मशीन में से एक ओपीडी में और दूसरी इमरजेंसी वार्ड में इंस्टॉल की जानी थी।
हॉस्पिटल की ओपीडी में दो चेस्ट स्पेशलिस्ट हैं। इन दोनों चेस्ट स्पेशलिस्ट के केबिन साथ किए गए, जिससे कि पल्मोनरी फंक्शन मशीन को कॉमन तरीके से दोनों डॉक्टर्स के मरीजों की जांच के लिए यूज किया जा सके, लेकिन मशीन को चलाने व मरीजों की जांच के लिए एक ट्रेंड टेक्निशियन की जरूरत है। ट्रेंड टेक्निशियन के बिना पल्मोनरी मशीन मरीजों की जांच के काम नहीं आ रही।
म् लाख की मशीन स्टोर में बंद
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में पहली बार सांस के मरीजों की जांच के लिए पल्मोनरी फंक्शन चेकअप मशीन की खरीद की गई। दोनों मशीन पर करीब म् लाख रुपए का खर्च आया। हॉस्पिटल में मशीन के आने पर जिम्मेदारों ने खुशी तो जताई लेकिन मरीजों की जांच के लिए ट्रेंड टेक्निशियन की नियुक्ति पर खामोश ही बने रहे। हालत यह है कि लाखों की यह मशीनें मरीजों की जांच के काम आने की बजाय स्टोर में पड़ी धूल फांक रही। टेक्निशियन की नियुक्ति को लेकर कोई फैसला न हो पाने से इन मशीनों के जल्द ओपीडी में इंस्टॉल होने की उम्मीद भी कम ही लग रही।
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पल्मोनरी फंक्शन मशीन आ चुकी है। दोनों स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स के केबिन में कॉमन तरीके से इसका यूज होना है। टेक्निशियन के न होने से इसे ओपीडी में इंस्टॉल नहीं कराया जा सका है। जल्द ही इससे जांच शुरू हो जाएंगी। - डॉ। डीपी शर्मा, सीएमएस