- डीएसओ के निर्देश के बाद भी कंपनियां नहीं दे रही गैस

- गैस के लिए एजेंसियों के चक्कर काट रहे हैं कंज्यूमर्स

BAREILLY:

होली के स्वागत के लिए शहर में जोर-शोर से तैयारियां चल रही है। रंगों भरे इस फेस्टिवल में शहरवासी घर पर ही डिफरेंट और स्वादिष्ट पकवान बनाने की प्लॉनिंग कर रहे है। लेकिन, कही आपकी इस प्लॉनिंग पर पानी न फिर जाए। और आपको मजबूरन मार्केट से खाने पीने के सामान खरीदना पड़े। क्योंकि एलपीजी कंपनियां होली का रंग फीका करने पर तुली हुई है। कंपनियों द्वारा एजेंसियों को प्रॉपर सिलेंडर प्रोवाइड न कराने के कारण शहर में गैस की संकट हो गयी है। आलम यह है कि, बुकिंग के बाद भी कंज्यूमर को गैस ही नहीं मिल रही है। जबकि, होली के दिन काफी नजदीक आ गए हैं। होली के इस प्यार भरे रंग की जगह लोगों के चेहरे पर टेंशन के रंग चढ़ने लगने लगे है।

कंपनियों की मनमानी नहीं दे रही है गैस

एलपीजी कंपनियां अपनी मनमानी के आगे किसी की नहीं सुन रही हैं। एजेंसियों को सिर्फ उतना ही सिलेंडर दे रही है जितना की कंज्यूमर्स डीबीटीएल से जुड़ चुके है। यहीं नहीं नॉन सब्सिडी सिलेंडर भी लेट लतीफ दें रही है। ऐसे में लोगों को महंगे दाम में भी सिलेंडर मिलना मुश्किल हो गया है। जबकि, इस फाइनेंशियल ईयर में कंज्यूमर्स अपना सब्सिडी वालें क्ख् सिलेंडर अभी तक नहीं ले सके है। उनके जेहन में इस बात का डर है कि, कही उनका सब्सिडी सिलेंडर कंपनियों की मनमानी के आगे लैप्स न हो जाए। क्योंकि, फाइनेंशियल ईयर खत्म होने में मात्र एक महीने का और समय बचा हुआ है।

क्00 परसेंट लिंक से जोड़ने के बाद ही

इंडेन, भारत और एचपी तीनों एलपीजी कंपनियों के करीब भ् लाख कंज्यूमर्स बरेली में है। इनमें से मात्र म्0 परसेंट लोग ही डीबीटीएल से जुड़े है। एलपीजी कंपनियां क्00 परसेंट कंज्यूमर्स को लिंक से जोड़ने का दवाब एजेंसियों के उपर बना रही है। कंपनियों की बातों पर गौर फरमाए तो, अभी ब्0 परसेंट कंज्यूमर्स को जोड़ने के बाद ही गैस एजेंसियों को पूरे सिलेंडर मिल सकेंगे।

कही फीका न पड़ जाए होली का रंग

शहरवासियों के सामने इस समय सबसे बड़ी संकट गैस को लेकर ही है। राजेंद्र नगर की रहने वाली रागिनी सिंह ने बताया कि, पिछले क्0 दिनों से गैस के लिए परेशान है। एजेंसी ने ब्लैक में भी गैस देने से मना कर दिया। रागिनी की तरह की शहर में कई ऐसी फैमिली है जोकि, गैस के लिए दिन रात परेशान है। होली मेन फेस्टिवल में से एक है। फेस्टिवल के कई दिन पहले ही लोग तैयारियां में जुट जाते है। घर और गेस्ट के लिए गुझिया, सेवड़ा, खस्ता, तरह-तरह के नमकीन और ढेर सारी पारम्परिक खानें पीने की चीजे घर पर ही तैयार की जाती है।

मीटिंग का कोई असर नहीं

अभी दो दिन पहले ही डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिसर ने एलपीजी कंपनियों और गैस एजेंसियों के साथ एक बैठक की थी। बैठक में यह साफ हिदायत दी गयी थी कि, किसी भी हाल में कंज्यूमर्स को होली तक सब्सिडी वाले सिलेंडर दिए जाए। लेकिन सब्सिडी वाले सिलेंडर तो छोडि़ए कंज्यूमर्स को नॉन सब्सिडी वाले सिलेंडर भी इन दिनों मिलने मुश्किल हो गई है। कंपनियां बैठक के निर्देशों को दरकिनार कर अपनी मनमानी कर रही है।

होली तक लोगों को गैस देने की बात कही गयी थी। यदि, इसके बाद भी कोई एजेंसी या फिर एलपीजी कंपनी अपनी मनमानी कर रही तो, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

केएल तिवारी, डीएसओ

कंपनियों द्वारा गैस नहीं दिए जा रहे है। जिसके चलते हम कंज्यूमर्स को गैस नहीं दे पा रहे है। कंज्यूमर्स हम लोगों के उपर प्रेशर बना रहे है, कई बार तो बहस भी हो जा रही है। लेकिन हम क्या कर सकते है।

राजेश गुप्ता, प्रोपराइटर, गैस एजेंसी

गैस को लेकर पिछले क्भ् दिन से परेशान हूं। लेकिन अभी तक गैस नहीं मिल सकी है। अब तो मार्केट से ही, फेस्टिवल सीजन के जरूरतों के हिसाब से सामान खरीदने पड़ेंगे।

शनि सिंह, कंज्यूमर्स

यह सब सिर्फ कंज्यूमर्स को परेशान करने के लिए किया जा रहा है। हर बार कंपनियों और गैस एजेंसियों का यही नाटक रहता है। कभी कुछ तो कभी कुछ।

राकेश कंज्यूमर्स