-शहर में राहगीरों की प्यास बुझाने के लिए सामाजिक संस्थाओं विधायक निधि ने लगवाए हैं प्याऊ

-दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रियलिटी चेक में बदहाल मिले प्याऊ, कुछ में टूटी टोटी तो कुछ में मिली गायब

बरेली: राहगीरों की प्यास बुझाना बड़ा पुण्य का काम माना गया है। पीढि़यों से ही लोग इस पुण्य को कमाने के लिए जलसेवा की व्यवस्था करते रहे हैं। समय के साथ-साथ इस जलसेवा के तौर तरीके बदलते चल गए, अब असरदार लोग और सामाजिक संस्थाएं ठंडे पानी की मशीन वाले प्याऊ लगवाते हैं यानि कि वाटर कूलर लगवाते हैं। शहर में भी ऐसे प्याऊ जगह-जगह लगे हैं। अब गर्मी अपना असर दिखाने लगी है तो इन प्याऊ की जरूरत भी महसूस होने लगी है। मंडे को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शहर में जगह-जगह लगे प्याऊ की रियलिटी चेक किया तो इनकी स्थिति बेहद ही अफसोसजनक मिली। इन सभी प्याऊ पर लगवाने वालों की कहानी तो लिखी मिली नहीं उन पर एक भी बूंद पानी नहीं मिला

सीन-01 : डीआईओएस ऑफिस

डीआईओएस ऑफिस में ठंडे पानी का प्याऊ अपनी बदहाली के आंसू बहा रहा है। यह प्याऊ साल 2018 में कैंट विधायक राजेश अग्रवाल की विधायक निधि से शिक्षक नेत्री रंजनी रोहतगी की स्मृति में स्थापित किया गया। अब यह पूरी तरह बदहाल है। ठंडे पानी के लिए लगी टंकियां टूटी हुई हैं। इसके छत पर लगा पानी का टैंक भी बेकार हो गया है। इससे साफ होता है कि स्थापित होने के बाद से इसकी किसी ने सुध नहीं ली।

सीन-02 : बटलर प्लाजा

बटलर प्लाजा में हर सीजन में लोगों की भीड़ रहती है। यहां भी जलसेवा के जरिए पुण्य बटोरने की चाहत से ही विधायक राजेश अग्रवाल की निधि से प्याऊ लगाया गया है। इसका निर्माण साल 2003 तब कराया गया, जब वह कर एवं निबंध मंत्री रहे। वर्तमान में इस प्याऊ की बदहाल स्थिति भी इसे लगवाने वालों की पुण्य की चाहत पर खरा नहीं उतर रही है।

सीन-03 : पटेल चौक सीतापुर आई हॉस्पिटल

पटेल चौके के पास ही सीतापुर आई हास्पिटल की बाउंड्री पर ठंडे पानी का प्याऊ स्थापित है। इस प्याऊ को भी वर्ष 2013 में विधायक राजेश अग्रवाल की विधायक निधि से आईएमए ने लगवाया है। जनहित में इसको संचालित करने की जिम्मेदारी भी आईएमए ने अपने हाथों में ली है। यह प्याऊ यहां वर्षो से खराब है। वर्तमान में इस प्याऊ की बदहाली यह बताने को काफी है कि इतनी बड़ी संस्था भी अपनी जिम्मेदारी के प्रति उदासीन है।

सीन-04 : शहर कोतवाली

शहर कोतवाली परिसर में गेट के पास ही ठंडे पानी का प्याऊ स्थापित है। इसको यहां अशोक किरन हॉस्पिटल के डॉ। अशोक अग्रवाल ने अपनी माताजी राम देवी की स्मृति में 2002 में लगवाया था। स्थापित होने के बाद इसके संचालन की जिम्मेदारी बरेली नागरिक समाज समिति ने अपने हाथों में ली, पर वर्तमान में इसकी भी बदहाली यही बता रही है कि समिति ने अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रखा है।

शहर में जब घूमते हैं तो प्यास बुझाने के लिए तरसना पड़ता है। गर्मी में ठंडे पानी के लिए शहर में प्याऊ तो लगे हैं, पर इनमें पानी नहीं मिलता। यह सिर्फ दिखावे के लिए लगाए जाते हैं।

जगन्नाथ

शहर में जनप्रतिनिधि और सामाजिक संस्थाएं ठंडे पानी के प्याऊ लगवाते तो हैं, पर बाद में इन्हें भूल जाते हैं। शहर में जगह-जगह लगे यह प्याऊ बदहाल हैं। गर्मी में तो इन्हें सही कराना चाहिए।

राजीव सक्सेना