-सैटरडे को लोक अदालत में 52 मामलों की हुई सुनवाई

-18 मामलों में पति-पत्‍‌नी एक साथ रहने के लिए हुये राजी

>BAREILLY: लोक अदालत में सैटरडे को कई मामलों में रिश्तों की उलझी हुई डोर आपसी सहमति से सुलझ गई। वहीं इसके अलावा लोक अदालत में 52 मामलों की सुनवाई हुई। जिसमें 18 मामलों में अलग हुए पति-पत्नी आपसी सहमति से फिर से एक साथ जिंदगी जीने को तैयार हुए। वहीं 34 अन्य मामलों में भरण-पोषण की धनराशि देने पर सहमति बनी।

सीमा और सुमन ससुराल विदा

लोक अदालत में बीसलपुर का एक मामला सामने आया। यहां की सीमा का विवाह भुता के राकेश से 2011 में हुआ था। कुछ दिनों बाद सीमा के पति और ससुराल वालों ने दहेज में बाइक न मिलने पर उसे जलाकर मारने का प्रयास किया। तब से सीमा मायके में रह रही थी। उसने कोर्ट में पति पर भरण पोषण का केस दायर किया। चार वर्ष तक चले केस के बाद सैटरडे को दोनों समझौता कर लिया। वहीं बरेली निवासी सुमन के मामले की सुनवाई हुई। उसका विवाह शाहजहांपुर निवासी राजू से वर्ष 1991 में हुआ था। पालिकाकर्मी राजू से सुमन को एक बेटा और एक बेटी भी है। पति-पत्नी में अनबन के बाद वर्ष 2011 में राजू ने अपनी पत्‍‌नी को मार पीटकर घर से निकाल दिया। सुमन ने भरण-पोषण के लिए वर्ष 2015 में कोर्ट की शरण ली। कोर्ट के आदेश के बावजूद राजू ने भरण-पोषण नहीं दिया तो सुमन ने फिर कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तो कोर्ट ने पुलिस महानिदेशक को भरण-पोषण दिलाने के लिए आदेश दिया। हालांकि सैटरडे को कोर्ट में केस की सुनवाई के दौरान दोनों में समझौता हो गया।