बिजली विभाग के दो बाबू, ड्राइवर समेत पांच लोग गिरफ्तार
फर्जी रसीद के जरिए लोगों के साथ करते थे ठगी
BAREILLY: बिजली विभाग के कुछ कर्मचारियों ने सरकारी पैसा आईपीएल सट्टे में लगा दिया। जब सट्टे में रकम डूब गई तो उन्होंने ठगने का प्लान बना लिया। फर्जी रसीद बुक बनाकर लोगों का बिल जमा करने और पीडी यानि परमानेंट डिस्कनेक्शन के नाम पर लाखों रुपए ठग लिए। कोतवाली पुलिस ने ठगी का भंडाफोड़ करते हुए बिजली विभाग के दो बाबू, एक ड्राइवर और एक फोटो स्टेट शॉप ओनर को गिरफ्तार किया है। फोटो स्टेट शॉप ओनर की दुकान से मशीन और प्रिंटर जब्त किए हैं।
बीसीबी गेट पर है फोटो स्टेट की शॉप
पुलिस गिरफ्त में आए आरोपियों में भरतौल कैंट निवासी अनुज शर्मा, पंजाबपुरा किला निवासी अमित कुमार, देवरनियां निवासी गजेंद्र सिंह गंगवार और फाल्तूनगंज बारादरी निवासी बृज किशोर यादव हैं। अनुज शर्मा और गजेंद्र बिजली विभाग में बाबू हैं। अमित बिजली विभाग के एसडीओ का ड्राइवर है। वह संविदाकर्मी है। इसके अलावा बृज किशोर की बीसीबी के पश्चिमी गेट पर यादव फोटो स्टेट की शॉप है।
क्ख् सितंबर को दर्ज हुई थी एफआईआर
क्ख् सितंबर को कोतवाली में बिजली विभाग के अधिशाषी अभियंता ने एफआईआर दर्ज करायी थी कि कुछ लोगों के साथ फर्जी रसीद देकर ठगी की जा रही है। ठगी के शिकार लोगों की शिकायत पर विभागीय जांच की गई जिसमें सभी आरोपियों के नाम सामने आए। विभाग ने अखबारों में भी विज्ञापन देकर ठगी के शिकार लोगों को बयान देने के लिए आफिस आने की अपील की थी। इसी दौरान क्भ् रसीदें भी फर्जी पायी गई थीं। विभागीय जांच में नाम सामने के बाद ख्ब् सितंबर को रिपोर्ट पुलिस को दे दी गई थी। तभी से पुलिस चारों आरोपियों की तलाश में जुटी हुई थी। वेडनसडे रात पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
अनुज ने सभी को किया शामिल
पुलिस पूछताछ में ड्राइवर अमित ने बताया कि अनुज शर्मा आईपीएल सट्टे में काफी रकम हार गया था। यह रकम उसने बिजली बिलों के सरकारी पैसे से चुकायी थी। इसके बाद ही उसने फर्जीवाड़ा करने का प्लान बनाया। अनुज ने उसे क्लाइंट को लाने पर आधी रकम देने का वायदा किया। इसमें उसने गजेंद्र को भी शामिल कर लिया। फिर सभी मिलकर लोगों से ठगी करने लगे।
ऐसे करते थे ठगी
बिजली विभाग द्वारा लोगों के बिल जमा करने के लिए रसीद बुक इश्यू होती हैं। ख्0 जून को बिजली विभाग से अनुज शर्मा को एक रसीद बुक मिली थी। 9 जुलाई को उसने रसीद बुक वापस विभाग में जमा कर दी। वह पकड़ा ना जाए इसलिए उसने पानी में डुबाकर रसीद जमा की जिससे कार्बन छुट गया। अनुज को जो रसीद बुक इश्यू हुई थी इसकी उसने बृजकिशोर की दुकान पर स्कैन कराकर फर्जी रसीद बुक निकाल लीं। यहां से भ्0 रसीद फर्जी प्रिंट की गई थी। जिस किसी को बिल जमा करना होता था उसे बिल माफ करने की बात कहकर रसीद दे देते थे। कई बार सही रसीद भी काट देते थे। पुलिस के पास ऐसे क्म् लोग आ चुके हैं। अनुज बिल की फर्जी रसीद काटता था और गजेंद्र कनेक्शन को परमानेंट डिस्कनेक्ट करने के नाम पर ब्0 से भ्0 हजार तक की रसीद देकर ठगी करते थे।
इन लोगों के साथ हुई ठगी
ठगों ने नकटिया निवासी शांति देवी के साथ क्8000 रुपये, कर्मचारी नगर निवासी ऊंचाई कुमार से ख्0000 और क्भ्000, भोजीपुरा के सिराज अहमद से 8,फ्भ्म् और पीपलसाना चौधरी इज्जतनगर निवासी साबिर से फ्0000 रुपये की फर्जी रसीद देकर ठगी की थी। अभी ऐसे न जाने कितने बिजली उपभोक्ता है, जिन्हें इन कर्मियों ने ठगी का शिकार बनाया है, उनके नाम सामने नहीं आये हैं।