बरेली ब्यूरो। एमजेपआरयू के एमबीए विभाग व रुहेलखंड इंक्यूबेशन फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में वेडनसडे को साप्ताहिक वैल्यू एडेड प्रोग्राम का तीसरा दिन रहा। कार्यक्रम का विषय 'इमर्शन बैंकिंग उद्योग का पहला अनुभव" रहा। रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रो। अमित सिंह और प्रो। अमित कुमार वर्मा उपस्थित रहे। सत्र का विषय 'आईपीआर, मुद्दे और इसकी चिंता" रहा। कार्यक्रम के प्रारंभ में विषय के बारे में प्रो। संजय मिश्रा ने संक्षिप्त विवरण दिया।
विषय के बारे में दी जानकारी
प्रथम सत्र में डॉ.अमित सिंह ने बौद्धिक संपदा अधिकारों के बारे में जानकारी दी। बौद्धिक संपदा अधिकार व्यक्तियों को उनके दिमाग की रचनाओं पर दिए गए अधिकार हैं। वे आमतौर पर निर्माता को एक निश्चित अवधि के लिए उसकी रचना के उपयोग पर एक विशेष अधिकार देते हैं। उन्होंने हमें बताया कि संपत्ति दो चीजों से बनती है - पदार्थ और कब्जा लेने का अधिकार (एनिमोस)। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि संपत्ति को मोटे तौर पर दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाता है- अचल और चल संपत्ति। यह कानून प्रशासन द्वारा तय किया जाएगा कि वह संपत्ति किसकी होगी। फिर उन्होंने आईपीआर के विभिन्न रूपों जैसे कॉपीराइट, पेटेंट, ट्रेडमार्क, औद्योगिक डिजाइन, व्यापार रहस्य, एकीकृत सर्किट आदि पर विस्तार से बताया।
कॉपीराइट के बारे में दी जानकारी
दूसरे सत्र में डॉ अमित कुमार वर्मा, असिस्टेंट प्रोफेसर (फार्मेसी विभाग ) ने पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के बारे में प्रकाश डालते हुए, बहुत सारे जीवंत उदाहरणों के साथ पेटेंट के बारे में विस्तार से बताया। अंत में उन्होंने छात्रों के प्रश्नों का उत्तर दिया। कार्यक्रम का संचालन वर्षा, डॉ। प्रियंका रस्तोगी एवम डॉ। मंजुला सिंह ने किया। इस मौके पर प्रो.पीबी सिंह, आलोक सक्सेना, डॉ। नम्रता यादव दास, डॉ। रोमिता खुराना, नवनीत शुक्ला समेत एमबीए के छात्र उपस्थित रहे।