जननी सुरक्षा योजना में फिर बड़ी लापरवाही, सड़क पर होने से बची डिलीवरी
4 घंटे दर्द से तड़पी प्रसूता को पीएचसी में इलाज नहीं, टैम्पो से पहुंची हॉस्पिटल
BAREILLY:
प्रदेश सरकार की जननी सुरक्षा योजना को स्वास्थ्य विभाग के लापरवाह कर्मी बट्टा लगा रहे। संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए शुरू हुई इस योजना में ट्यूजडे को एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली। लेबर पेन से कराहती एक प्रसूता को विभाग की लापरवाही के चलते घंटों इलाज नहंी मिला। पीएचसी पहुंची प्रसूता और उसके परिजन डिलीवरी के लिए डॉक्टर व स्टाफ खोजते रहे। लेकिन पीएचसी में सुबह 10 बजे तक सन्नाटा पसरा रहा। 11 बजे तक इंतजार करने के बाद भी जब दर्द से तड़पती प्रसूता को डिलीवरी कराने कोई न पहुंचा तो परिजन मजबूरी में उसे एम्बुलेंस की बजाय टैम्पो से डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल ले गए। करीब 11.50 बजे प्रसूता की डिलीवरी हुई।
घर में थी स्टाफ नर्स
करेली-करगैना निवासी राजू पेशे से मजदूर है। उनकी वाइफ आशा 9 महीने के गर्भ से थी। टयूजडे को सुबह 7 बजे से ही अचानक प्रसूता को तेज लेबर पेन उठा। परिजन उसे करीब 7.55 बजे लेकर क्यारा ब्लॉक के एडिशनल करेली पीएचसी लेकर पहुंचे। सुबह 8 बजे से पीएचसी में डॉक्टर्स व स्टाफ नर्स के पहुंचने का समय तय है। लेकिन 9 बजे तक कोई नहीं आया। प्रसूता के साथ मौजूद आशा मीना साहू ने स्टाफ पर्स अमिता पाठक को कॉल कर प्रसूता की गंभीरता के बारे में बताया। लेकिन स्टाफ नर्स न पहुंची। परिजनों का आरोप है कि 11 बजे तक इंतजार करने के बाद भी स्टाफ नर्स के न आने पर आशा की सलाह पर प्रसूता को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के ि1लए ले गए।
रास्ते में डिलीवरी का डर
गांव-कस्बों में बनाए गए हेल्थ सेंटर्स पर सरकार कितना ही खर्च क्यों न करें। लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही के चलते मरीजों और प्रसूताओं को इलाज नहीं मिल रहा। सवा तीन घंटे से ज्यादा देर तक प्रसूता पीएचसी में तेज दर्द से रोती रही। आशा का आरोप है कि स्टाफ नर्स अमिता पाठक ऑन कॉल ड्यूटी पर मौजूद होने की बात कही। प्रसूता की हालत बिगड़ने पर 102 एम्बुलेंस के चालक को कॉल किया गया, लेकिन वह उपलब्ध न था। ऐसे में टैम्पो में प्रसूता को लाया। टैम्पो के झटकों के बीच प्रसूता को रास्ते में ही डिलीवरी होने का डर बढ़ गया। इस पर आशा ने प्रसूता को ढांढस बंधाया और हॉस्पिटल पहुंचाया।
15 मिनट में डिलीवरी
आशा और प्रसूता के पति के मुताबिक हॉस्पिटल पहुंचने के करीब 15 मिनट बाद ही प्रसूता की डिलीवरी हो गई। परिजनों के मुताबिक डॉक्टर्स ने बताया कि और देरी होने पर नवजात की जान को खतरा हो सकता था। प्रसूता की मां रामकटोरी ने बताया कि प्रसूता को सामान्य डिलीवरी में बेटा हुआ है। प्रसूता को क्लीन लेबर रूम में ही रखा गया है। परिजनों ने पीएचसी की स्टाफ नर्स के खिलाफ सीएमओ को शिकायत करने की बात कही। वहीं हॉस्पिटल में मौजूद आशाओं ने भी आरोपी स्टाफ नर्स के पीएचसी में मौजूद न रहने की शिकायत कही।
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