खून की कमी के कारण प्रसूता की प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के दौरान मौत
फरीदपुर सीएचसी पर प्रसूता को नहीं मिला इलाज, डॉक्टर नहीं थे मौजूद
फरीदपुर: लल्ली, जिसके हाथ खेलने-कूदने की उम्र में पीले कर दिए गए। कच्ची उम्र में ही उस पर परिवार जैसी बड़ी जिम्मेदारियों का बोझ आ गया। लिहाजा, वह हम उम्र लड़कियों जैसे हंस बोल न सकी। इन्हीं जिम्मेदारियों के बीच एक दिन उसकी कोख मासूम भी पलने लगा। कच्ची उम्र में गर्भवती होने से शरीर उसका साथ न दे सकी। लिहाजा, वह महज 18 वर्ष की उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हुए चली गई।
नहीं रख पाई अपना ख्याल
बात कर रहे हैं मोहल्ला परा स्थित अजय राठौर की पत्नी प्रीति राठौर की जिसकी शादी 19 अप्रैल 2014 को हुई थी। जो अब इस दुनिया में नहीं है। शहर के संजय नगर निवासी गुडडू राठौर ने अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए प्रीति का विवाह 16 वर्ष छह महीने की उम्र में ही कर दिया था। कच्ची उम्र में ही उस पर जिम्मेदारी पड़ गई। हालांकि वह जिम्मेदारियों को निभाती भी गई। बताया गया कि इस दौरान वह गर्भ से भी हो गई। हालांकि गर्भ से होने के बाद जो जरूरी एहतियात बरतना होता है। कच्ची उम्र होने की वजह से प्रीति अपना ख्याल नहीं रख सकी, जिससे उसका शरीर कमजोर होता गया।
सीएचसी पर नहीं थे डाक्टर
परिजनों के मुताबिक करीब आठ महीने का गर्भ होने के दौरान उसके शरीर में खून की कमी भी हो गई। हालांकि इस दौरान उसका इलाज भी चलता रहा, लेकिन किसी को यह पता नहीं था कि प्रीति के शरीर में खून की कमी उसे मौत के मुंह में धकेल देगी। मंडे को उसकी तबीयत खराब हुई थी। परिवार के लोग उसे सीएचसी फरीदपुर ले गए। सीएचसी पर डॉक्टरों ने उसे दवाएं दी। इसके बाद वह घर चली गई। प्रीति ने एक खुराक दवा खाई तो उसकी तबीयत फिर खराब हो गई। तो ससुराल वाले उसे फिर सीएचसी ले गए, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले।
प्राइवेट हॉस्पिटल में हुई मौत
सीएचसी पर डॉक्टर न होने के चलते समय पर प्रीति को इलाज नहीं मिला इसके चलते उसकी हालत बिगड़ती चली गई। ससुराल वाले उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। साथ ही उसकी कोख में पल रहा मासूम की भी मौत हो गई। प्राइवेट हॉस्पिटल डॉक्टरों ने प्रीति के घर वालों को बताया कि जरूरी एहतियात न बरतने के कारण उसके शरीर में खून की कमी हो गई थी।