- सन 2006 के बाद बनें 27 शौचालयों की मरम्मत को लेकर डीपीआरओ और बीएसए के बीच ठनी
BAREILLY: बेसिक शिक्षा स्कूलों में फ्80 शौचालयों का बदहाल स्थिति में होना बड़ी चिंता का विषय है। सबसे ज्यादा फि स्ड्डी अर्बन एरिया के स्कूल हैं। एक सर्वे में सामने आया कि जिले के कुल ख्89क् विद्यालयों में से फ्80 स्कूलों के शौचालय की स्थिति बेहद खराब है। इनकी मरम्मत का प्रस्ताव बीएसए ने डीपीआरओ को बना कर भेज दिया है। लेकिन अब ये दोनों अधिकारी नियमों का हवाला देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं।
मरम्मत नहीं कराएंगे डीपीआरओ
प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल में शौचालय निर्माण का जिम्मा साल ख्00म् से पहले जिला पंचायत राज अधिकारी का था। इसके बाद स्कूलों में शौचालय निर्माण सर्वशिक्षा अभियान के तहत आने वाली शौचालय निर्माण राशि के तहत कराए जाने लगे। बीएसए ने फ्80 शौचालयों के मरम्मत का जो प्रस्ताव डीपीआरओ को भेजा है उसमें ख्00म् के बाद निर्मित ख्7 शौचालय हैं। डीपीआरओ का कहना है कि इन ख्7 शौचालयों के मरम्मत का जिम्मा विभाग को ही उठाना चाहिए। बाकी के फ्भ्फ् शौचालयों की मरम्मत के लिए डीपीआरओ ने पिछले महीेने सभी ब्लॉक्स के सहायक विकास अधिकारियों को लेटर भेज ि1दया है।
क्या कहता है शासनादेश
क्7 नवंबर को जारी शासनादेश में प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों के शौचालयों के रख-रखाव व मरम्मत की जिम्मेदारी जिला पंचायत राज अधिकारी को दी गई है। इस शासनादेश के बारें में डीपीआरओ का कहना है कि इसमें साल ख्00म् के बाद निर्मित शौचालयों की मरम्मत के बारे में कोई स्पष्ट निर्देश नही है।
ख्00म् के बाद सर्व शिक्षा अभियान में बने शौचालयों के मरम्मत की जिम्मेदारी भी डीपीआरओ की है। हमने शासनादेश के आधार पर प्रस्ताव बनाकर डीपीआरओ को भिज दिया है।
- देवेंद्र दत्त, बीएसए
ख्00म् से पहले निर्मित शौचालयों की मरम्मत के निर्देश दे दिये हैं। इनकी मरम्मत ग्राम पंचायत अपनी निधि से कराएगा। साल ख्00म् के बाद निर्मित शौचालयों की जिम्मेदारी निर्धारण के लिए मैंने शासन को मार्ग दर्शन के लिए लेटर लिखा है। निर्देश के आधार पर इन ख्7 शौचालयों की मरम्मत होगी।
- टीपी पांडे, डीपीआरओ