-अधिकांश स्कूलों ने आधी-अधूरी तैयारियों के साथ की खानापूर्ति
-जीआईसी ने तो की हद, आधे घंटे तक सुनाते रहे मोदी का भाषण
BAREILLY: टीचर्स डे के ऑकेजन पर पीएम नरेंद्र मोदी फ्राइडछे को बच्चों से लाइव हुए। यह कई मायनों में अनूठा प्रयोग रहा, एकतरफ आईटी की सशक्त भूमिका दिखी तो दूसरी ओर मोदी ने अपने मास्टर स्ट्रोक से इसे स्टूडेंट्स की सबसे बड़ी क्लास में बदल दिया। आजाद भारत में टीचर्स डे पर स्टूडेंट्स से रूबरू होने के महाप्रयोग में बच्चों और गुरुओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। ये अलग बात है कि इस अनूठे प्रोग्राम में सिटी के कई स्कूलों के मिसमैनेजमेंट से इस गोल्डेन चांस पर पानी फेर दिया। सिटी के कुछ सीबीएसई स्कूलों को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश स्कूलों में बेमन से महज कोरम पूरा किया गया। आलम यह कि कहीं कनेक्टिविटी नहीं थी तो कहीं पर बच्चे ही नदारद रहे।
जीआईसी में आधे घंटे चला दो महीने पुराना भाषण
जीआईसी के हॉल में प्रोजेक्टर और लैपटॉप से पीएम मोदी को लाइव करने की पूरी व्यवस्था थी। पॉवर बैकअप के लिए जेनरेटर भी ऑन था। हालांकि क्,000 से ज्यादा संख्या वाले कॉलेज में बमुश्किल क्भ्0 बच्चों को ही बिठाया गया था। उन्हें भी कंट्रोल करने के लिए टीचर्स को काफी मशक्कत करनी पड़ रही थी। ठीक फ् बजे मोदी का भाषण प्रसारित होने लगा, सभी तल्लीनता से सुनने भी लगे। कॉलेज स्टाफ अपनी पीठ थपथपाने के लिए उसकी रिकॉर्डिग भी करवाने लगा, लेकिन यहां पर मोदी का लाइव भाषण नहीं बल्कि फ्0 जून को संसद में दिए गए उनके भाषण की रिकॉर्डिग दिखाई जा रही थी। किसी को समझ में नहीं आ रहा था। करीब आधे घंटे बाद किसी के टोकने पर फ्:फ्0 बजे एक प्राइवेट चैनल के लिंक के जरिए लाइव प्रसारित किया गया, लेकिन तब तक मोदी का संबोधन खत्म हो चुका था और वे स्टूडेंट्स से रूबरू हो रहे थे। करीब ब् बजे तक आधे से ज्यादा बच्चे पिछले दरवाजे से जा चुके थे और अगले पंद्रह मिनट के बाद हॉल में केवल क्भ् से ख्0 बच्चे ही बचे थे।
इस्लामिया गर्ल्स: पिक्चर तो दिखी लेकिन आवाज गायब
अपराह्न फ्:भ्0 बजे थे, इस्लामिया गर्ल्स इंटर कॉलेज से कई गर्ल्स बाहर निकल रहीं थीं तो कई कैंपस में टहल रही थीं। जब उनसे पीएम के प्रोग्राम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुछ नहीं चल रहा है। हमें बुलाया गया था, लेकिन वे भाषण टेलीकॉस्ट नहीं कर पा रहे हैं। स्टाफ रूम में प्रोजेक्टर के माध्यम से इसकी व्यवस्था की गई थी। लैपटॉप के माध्यम से काफी मशक्कत के बाद लाइव पिक्चर आ तो गई, लेकिन आवाज गायब थी। स्टाफ भी इसको लेकर काफी परेशान था। रूम में बच्चों के बैठने के लिए खास इंतजाम नहीं थे। दरी बिछी थी जिस पर कुछ ही स्टूडेंट्स बैठे थे। वैसे भी रूम इतना छोटा था कि क्00 बच्चे भी एक साथ नहीं बैठ सकते।
मुट्ठी भर बच्चों ने सुना मोदी को
बेसिक विद्यालयों का हाल किसी से छिपा नहीं है। मॉडल पूर्व माध्यमिक विद्यालय, किशोर नगर को इस बात की तो दाद दी जा सकती है कि उन्होंने मौजूद संसाधनों का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया। हालांकि, मेन सिटी में होने की वजह से और बेसिक विद्यालयों के मुकाबले इसकी कंडीशन काफी अच्छी है। ये अलग बात है कि यहां बच्चे ही कम पहुंचे। छोटी सी क्लास जिसमें भ्0 बच्चे भी नहीं समा सकते, उसमें टीवी लगाकर मोदी को लाइव दिखाया जा रहा था। बमुश्किल ख्0 से ख्भ् बच्चे ही थे। अधिकांश कुर्सी पर बैठे हुए थे तो कुछ स्टाफ समेत कुर्सी पर। इंचार्ज मोहम्मद यामीन चिश्ती ने बताया कि बच्चों को बोला गया था, लेकिन छोटे हैं नहीं आए।
कस्तूरबा नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज:
मोदी का नहीं हैप्पी बर्थडे का दिखा क्रेज
अपराह्न ब् बजे कस्तूरबा नगर निगम बालिका इंटर कॉलेज में जैसे ही अंदर प्रवेश किया तो नजारा बदला-बदला सा था। एकबारगी देखकर लगा कि यहां तो जश्न का माहौल है। ऑफिस के कुछ स्टाफ समोसे खा रहे थे कुछ नमकीन का लुत्फ उठा रहे थे। कैंपस के और अंदर गए तो पूरा माजरा समझ में आ गया। यहां पर मोदी के भाषण का नहीं टीचर्स डे मनाने का ज्यादा क्रेज दिखा। कॉलेज के बरामदे में एक टेबल पर केक रखा हुआ था। एक तरफ टीचर्स थे तो दूसरी तरफ बच्चे हैप्पी बर्थडे बोल रहे थे। कैमरे का जैसे ही फ्लैश चमका टीचर्स ने बच्चों को बिठाने का ऑर्डर दिया। देखा तो एक बरामदे में ही टीवी चल रहा था। जिस पर पता ही नहीं चल रहा था कि मोदी का भाषण चल रहा था या कुछ और प्रोग्राम। पिक्चर क्वालिटी बेहद खराब थी। आवाज तो आ ही नहीं रही थी। बरामदे में ही बच्चों के बैठने की व्यवस्था कर रखी थी। जहां पर सभी बच्चे खड़े भी नहीं हो सकते थे। आधे से ज्यादा बच्चे कैंपस में ही टहल रहे थे। टीचर्स के साथ केक कटने का वेट कर रहे थे।
एफआर इस्लामिया स्कूल:
यहां पर मिले केवल तीन बच्चे
एफआर इस्लामिया स्कूल के हालात तो काफी खराब मिले। संसाधनों के मामले में इस स्कूल की स्थिति अच्छी कही जा सकती है, लेकिन उनका बेहतर इस्तेमाल किया जाए तो ही बात बनती है। कॉलेज का स्टाफ बाहर कुर्सी पर बैठकर गप्पे हांक रहा था। अंदर एक छोटे से रूम में प्रोजेक्टर और लैपटॉप लगा था। दीवार को ही पर्दे के रूप में इस्तेमाल किया गया। रूम में केवल तीन बच्चे कुर्सी पर बैठे थे। वैसे भी यहां पर स्कूल की क्षमता के आधे बच्चों के आने की भी उम्मीद नहीं की जा सकती थी, जिस रूम में व्यवस्था की गई थी उसमें क्0 बच्चे भी एक साथ बैठ जाएं तो गनीमत है। वह रूम तो स्टाफ से फुल हो जाएगा।
बिशप कोनराड स्कूल :
इंतजाम अच्छा, पर कम जुटे स्टूडेंट्स
शहर के बिशप कोनराड स्कूल में स्टूडेंट्स के लिए पीएम नरेन्द्र मोदी के लाइव भाषण का अच्छा इंतजाम किया गया। सुबह टीचर्स डे सेलिब्रेशन के बाद अपराह्न फ् बजे से स्कूल के ऑडिटोरियम में प्रोजेक्टर लगाकर मोदी लाइव की व्यवस्था की गई थी। हालांकि दोपहर फ् बजे के टाइम स्लॉट के होने चलते कई स्टूडेंट्स ने मोदी से रूबरू होने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। कई स्कूल के गेट और कैंपस में गप्पें लड़ा रहे थे। अंदर ऑडिटोरियम में टीचर्स की तादाद खासी थी। हालांकि प्रोजेक्टर से जुड़े स्पीकर में आवाज की क्वालिटी अच्छी नहीं थी, जिससे पीएम की पाठशाला का जादू स्टूडेंट्स के सिर पर कम ही दिखा। स्टूडेंट्स के लिए पीएम की बचपन की शैतानी, उनकी बातें, सीख और एक साथ पूरे देश के बच्चों से रूबरू होने की अदा सबसे ज्यादा पसंद आई। इस बीच पीएम की स्पीच क्वालिटी और उनके काम करने के तरीके पर भी स्टूडेंट्स चर्चा कर लेते। स्कूल की ओर से स्टूडेंट्स के लिए रिफ्रेशमेंट का भी अच्छा इंतजाम किया गया था।
केंद्रीय विद्यालय-ख् जेएलए:
दिखी पीएम के प्रयोग की सफलता
केंद्रीय विद्यालय-ख् जेएलए कैंट के कैंपस में क्ब्00 बच्चों का जमावड़ा था। हर बच्चों में बस एक ही उत्सुकता थी कि टीचर्स डे पर देश के पीएम नरेंद्र मोदी बच्चों को क्या संदेश देंगे। पीएम के संदेश को बच्चों तक पहुंचाने के लिए स्कूल के विभिन्न क्लास रूम में मैनेजमेंट ने पहले से ही क्भ् प्रोजेक्टर लगा रखे थे। लाइव प्रसारण के दौरान मोदी द्वारा किए जा रहे क्वेश्चन पर स्कूल के बच्चे भी जवाब देने के लिए हाथ उठा रहे थे। जैसे वे एक शिक्षक के तौर पर संदेश दे रहे नरेंद्र मोदी को यह बताना चाह रहे थे कि उनके द्वारा पूछे गए क्वेश्चन के आंसर से वे भलीभांति परिचित है। पूरे लाइव प्रसारण के दौरान बच्चों ने पीएम के संदेश को तन्मयता से सुना। यही नहीं मोदी के चुटकुलेदार संवाद पर बच्चों ने खूब ठहाके लगाए।