-एसएमएस के जरिए प्राइमरी और जूनियर टीचर्स की लगेगी अटेंडेंस

-जीपीएस सर्विस से ट्रेस होगी टीचर्स की लोकेशन

-फेक अटेंडेंस को देखते हुए विभाग ने उठाया बड़ा कदम

BAREILLY: हफ्ते में एक-दो दिन स्कूल जाकर फुल अटेंडेंस का मजा उठाने वाले टीचर्स जल्द से जल्द अपनी आदत सुधार लें। वरना, उनको इस आदत का बड़ा खमियाजा भुगतना पड़ सकता है। दरअसल, शिक्षा विभाग स्कूल न जाने वाले टीचर्स को टेक्नोलॉजी की मदद से दुरुस्त करने की तैयारी में जुटा हुआ है। विभाग अब मोबाइल एसएमएस के जरिए टीचर्स की अटेंडेंस लगाएगा। ऑफिसर्स ने उम्मीद जताई है कि जुलाई से इस नई व्यवस्था लागू हाे जाएगी।

क्या है मोबाइल अटेंडेंस का सिस्टम

दरअसल, विभाग के पास बड़ी तादाद में ऐसी शिकायतें हैं कि टीचर्स रोजाना स्कूल नहीं जाते हैं। इस परेशानी से पार करने के लिए अब टीचर्स की अटेंडेंस मोबाइल के एसएमएस से लगाई जाएगी। इस व्यवस्था के तहत टीचर्स को खुद ही अपने मोबाइल से एक दिए गए नंबर पर एसएमएस करके अटेंडेंस लगानी होगी। खास बात यह है कि जीपीएस यानि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम पर बेस्ड इस व्यवस्था में जहां से एसएमएस किया जाएगा, उसकी लोकेशन ट्रेस हाे जाएगी।

मैसेज से ट्रेस होगी लोकेशन

अधिकारियों ने बताया कि टीचर्स अटेंडेंस को मैसेज स्कूल पहुंचकर ही करेंगे। इसमें वह जहां से मैसेज करके उस स्थान की लोकेशन ट्रेस होगी। लोकेशन को ट्रेस करने के लिए जीपीएस सिस्टम का सहारा लिये जाने की बात है। अधिकारियों ने यहां तक बताया कि स्कूलों में जीपीएस सिस्टम भी लगाएं जाएंगे, जिससे की मैसेज करते ही एरिया की लोकेशन ट्रेस हाे जाएगी।

बीईओ को सेंड करना होगा मैसेज

ये सुविधा प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल के टीचर्स के लिए शुरू की जा रही है। एसएमएम टीचर अपने खंड शिक्षा अधिकारी यानि बीईओ को भेजेगा, इसके लिए हर ब्लॉक को एक कोड प्रोवाइड कराया जाना है। टीचर अपने स्कूल कोड व ब्लॉक कोड को मेंशन करते खंड शिक्षा अधिकारी को मैसेज भेजेंगे। प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूल को अटेंडेंस के लिए अलग-अलग नंबर्स प्रोवाइड कराए जाने की बात है।

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जैसा टीचर का पद, वैसा कोड

मैसेज करके अटेंडेंस लगाने का नियम सुविधा प्राइमरी, मिडिल के सभी हेडमास्टर, असिस्टेंट टीचर, शिक्षामित्र, ट्रेनी और अनुदेशकों पर भी लागू होगा। इसके लिए अलग-अलग कोड भी बनाए गए हैं। मसलन, हेडमास्टर को अपनी अटेंडेंस लगानी है तो उन्हें एचटी और प्रजेंट के लिए 'पी' लेटर को टाइप करके स्कूल कोड के साथ भेजना होगा। वहीं छुट्टी के लिए एचटीए लिखकर भेजना होगा। जिसमें 'ए' लेटर का मतलब अबसेंट है। इसी प्रकार असिस्टेंट टीचर को एटीपी, शिक्षामित्र के लिए एसटीपी, ट्रेनी के लिए टीटीपी, जबकि अनुदेशक के लिए एटीपी कोड निश्चित किए गए हैं।

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क्यों पड़ी एसएमएस हाजिरी की जरूरत

-टीचर्स रोजाना स्कूल नहीं जाते थे और एक दिन जाकर पीछे के कई दिन की हाजिरी लगा देते थे।

-कई जगह एडवांस में लीव अप्लीकेशन लिख देते थे। ताकि कोई चेकिंग करने आए तो उसको दिखा दिया जाए, न आने पर बाद में आकर अटेंडेंस लगा देते थे।

-टीचर्स एक दो घंटे के लिए स्कूल जाते थे और वापस चले आते थे, जिससे पढ़ाई पूरी तरह से डिस्टर्ब हो रही थी।

एसएमएस से अटेंडेस की सुविधा संभवतया जुलाई में शुरू हो जायेगी, इसके लिए हर ब्लॉक को एक स्पेशल कोड दिया जाएगा। इसकी तैयारियां लगभग अंतिम दौर में हैं।

- अकीला आदिल, प्रभारी बीएसए