BAREILLY:
कामर्स में अकाउंटेंसी सब्जेक्ट को टफ माना जाता है। इस लिहाज से स्टूडेंटस को बहुत अच्छी तरह इसकी तैयारी करना चाहिए। इस साल सब्जेक्ट का रिवाइज्ड पैटर्न आया है, इसमें यूनिट्स को दिये गए मार्क वेजेट के अकॉर्डिग ही तैयारी करें। स्टडी में सबसे ज्यादा उन पोशर्न को कवर करने की जरूरत है जहां मार्क्स कटने की सबसे ज्यादा आशंका होती है। आज हम आपको सब्जेक्ट स्पेशलिस्ट की सलाह के आधार पर कुछ हेल्पफुल टिप्स और इंपोर्टेट टॉपिक्स के बारे में बता रहे हैं।
न्यू पैटर्न पर रखें ध्यान
पहले पर यूनिट पेपर का वेटेज सेट था, जिसमें बदलाव कर अब कई यूनिट्स को कंबाइंड कर वेटेज दिया गया है। इसके चलते स्टूडेंटस को सलाह है कि वे सभी यूनिट्स को बराबर की अटेंशन दे कर पढ़ें, और किसी भी यूनिट को छोड़ने की गलती न करें। इस पेपर में सेक्शन 'ए' से म्0 जबकि सेक्शन 'बी' से ख्0 मार्क में क्वेश्चन आते हैं। सेक्शन 'ए' में पार्टनरशिप से फ्भ् व कंपनी अकाउंट से ख्भ् मार्क के क्वेश्चन आते हैं। कंपनी में शेयर एंड डिवेंचर, कैश जनरल एंट्रीज को तैयार करें। डिवेचर से ख्भ् मार्क में क्वेश्चन पूछे जाते हैं। पार्टनरशिप में बेसिक पार्टनरशिप, फंडामेंटल पार्टनरशिप, पार्स्ट एडजेस्टमेंट्स, कैलकुलेशन ऑफ इंट्रेस्ट एंड ड्राईग, कैपिटल एडजस्टमेंट एट द टाइम ऑफ एडमिशन एंड रिटायर्डमेंट ऑफ पार्टनर को तैयार करें।
इनका रखें ध्यान
सीबीएसई की एकेडमिक वेबसाइट के पब्लिकेशन लिंक पर सैंपल पेपर्स अवेलबल हैं। इन्हें जरूर सॉल्व करें।
आंसर राइटिंग के मार्क्स गेनिंग तरीकों को समझने के लिए वेबसाइट पर टापर्स की कॉपीज प्रोवाइड कराई गई है। इन्हें जरूर देखें। आंसर लिखकर याद करें, हमेशा टू द प्वाइंट ही लिखें।
न्यूमेरिकल स्टेपवाइज ही करें, टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें।
स्टूडेंटस एग्जाम के टाइम स्टडी में उन प्वाइंट्स पर ध्यान दें जिनकी वजह से मार्क्स काटे जाते हैं। न्यू पैटर्न के ब्लू प्रिंट के अकार्डिग ही स्टडी करें। आंसर देते समय जो भी सेक्शन करें उसमें सिक्वेंस का ध्यान रखें।
- राजेंद्र अरोरा, केंद्रीय विद्यालय जेआरसी