- शासन के आदेश के बाद महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को बहेड़ी में खोली जानी है रिपोर्टिग चौकी
- पुलिस प्रशासन की तैयारियां तेज, लेकिन महिला थाने में समस्याओं का लगा है तांता
बरेली। शासन के आदेश के बाद महिला सुरक्षा व सशक्तिकरण के नजरिए से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आठ मार्च को बहेड़ी में रिपोर्टिग चौकी खोलने की तैयारियां की जा रही हैं। बहेड़ी व आसपास के इलाकों में बढ़ रहे महिला अपराध को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। जिसकी तैयारियां भी पुलिस प्रशासन ने तेज कर दी हैं। हालांकि अभी चौकी में तैनात किए जाने वाले स्टाफ व अन्य व्यवस्थाओं पर विचार विमर्श किया जा रहा है। लेकिन महिला सुरक्षा के लिए शहर के महिला थाने में व्यवस्थाएं कुछ ज्यादा बेहतर नहीं हैं। स्टाफ की कमी समेत अन्य कई परेशानियों से यहां जूझना पड़ रहा है। ऐसे में रिपोर्टिग चौकी की कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गर्म है। यह देखने वाली बात रहेगी की पहले से मौजूद स्थानों पर संसाधनों की कमी के चलते नई जगहों पर व्यवस्थाएं कैसे चलेंगी।
साइबर थाने में भी होगी सुनवाई
शासन द्वारा मिले आदेश के मुताबिक रिपोर्टिग चौकी पर महिला संबंधित अपराधों की कार्रवाई की जाएगी। वहीं अब साइबर क्राइम थाने में भी महिला संबंधित अश्लील फोटो-वीडियो वायरल करने व अन्य आईटी से संबंधित मामले की छानबीन करने के लिए महिला पुलिसकर्मियों का एक विंग तैनात किया जाएगा।
स्टाफ की कमी से जूझ रहा महिला थाना
काफी दिनों तक बिना इंचार्ज के चलने के बाद कुछ दिनों पहले महिला थाने को नई इंस्पेक्टर मिली थीं। लेकिन अब भी वहां स्टाफ की कमी है। महिला थाने एक इंस्पेक्टर, पांच एसआई और 38 महिला कांस्टेबल तैनात हैं। लेकिन थाने के बाहर पेट्रोलिंग वाहन समेत अन्य जगहों पर ड्यूटी लगने के कारण यहां स्टाफ आधे से भी कम रह जाता है। ऐसे में काम भी प्रभावित होता है। महिला थाने के स्टाफ के मुताबिक वहां करीब चार एसआई व कुछ कांस्टेबल्स की जरूरत है।
एसआई पांच, विवेचना अनेक
महिला थाने में पांच महिला एसआई तैनात हैं। जिन पर यहां दर्ज होने और ट्रांस्फर की जाने वाले मामलों की विवेचनाएं करने की जिम्मेदारी रहती है। यहां अधिकतर मामले में दहेज उत्पीड़न के दर्ज होते हैं। जिनमें परामर्श केंद्र में समझौता ना होने के बाद दर्ज किया जाता है। ऐसे में स्टाफ कम होने के चलते इन पर लोड भी बढ़ जाता है। अधिकतर मामलों में छानबीन के चलते स्टाफ को दूसरे जिलों में भी जाना पड़ता है। इसके चलते केस पेंडेंसी भी बढ़ जाती है। साथ ही फिलहाल में चल रही ट्रांस्फर पोस्टिंग की प्रक्रिया के चलते भी थाने में कुछ पद रिक्त पड़े हैं।
11 मैटरनिटी लीव पर, नौ कर रही अन्य ड्यूटी
महिला थाने में 38 महिला कांस्टेबल तैनात हैं। थाने में काम के साथ ही अन्य पुलिस लाइन व अन्य जगहों पर भी उनकी ड्यूटी लगाई जाती है। इससे थाने में स्टाफ कम रह जाता है। वहीं थाने में वर्तमान में तैनात महिला कांस्टबलों में 11 पिछले कुछ समय से मैटरनिटी लीव पर चल रही हैं। वहीं नौ महिला कांस्टेबल अभी थाने के बाहर शक्ति मोबाइल व अन्य जगहों पर ट्यूडी पर तैनात की गई हैं।
दो महीनों में दर्ज हुईं 22 रिपोर्ट
महिला थाने में इस साल सिर्फ दो ही महीनों में 22 रिपोर्टें दर्ज हो चुकी हैं। जिनकी विवेचना निष्पक्ष रूप से की जा रही है। वहीं पिछले साल लॉकडाउन करने के कारण दर्ज हुए मामलों का आंकड़ा कुछ कम रहा। लेकिन वर्ष 2019 में महिला थाने में करीब सवा सौ मामले दर्ज हुए थे। जिनमें कई मामलों में जांच पूरी कर रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। वहीं कुछ मामले अभी पेंडिंग हैं।