सावित्री के मर्डर के लिए प्रॉपर्टी डीलर ने की थी पूरी प्लानिंग

65 रुपये में दिन में ही खरीद लिया था हथियार

सावित्री के मोबाइल को टुकड़े कर दो जगह था फेंका

BAREILLY: प्रेमनगर के इंद्रलोक की रहने वाली टीचर सावित्री देवी की हत्या की प्लानिंग प्रॉपर्टी डीलर व इंजीनियर संजू उर्फ संदीप ने पहले ही कर ली थी। उसने वारदात को अंजाम देने में अपना इंजीनियरिंग माइंड यूज किया था। वह रात में करीब आठ बजे सावित्री को बाइक पर कर्मचारी नगर में ढाई घंटे तक घुमाता रहा था, लेकिन मौका ना मिलने पर घर वापस छोड़ गया था। फिर वह सुबह चुपचाप रिक्शे से आया और सावित्री का मर्डर कर फरार हो गया। उसने सावित्री का मोबाइल दो टुकड़ों में अलग-अलग फेंक दिया था। हत्या में प्रयोग की गई दराती उसने दिन में ही एमबी इंटर कॉलेज के पास से म्भ् रुपये में खरीदी थी। संजीव सावित्री के अलावा भी कई लोगों के साथ ठगी कर चुका था।

रात में हुआ थ्ा झगड़ा

पुलिस के अनुसार संजू ने सावित्री को रिटायर्ड टीचर नरेश चंद्र सक्सेना का मकान दिखाकर फर्जी एग्रीमेंट कर ढाई लाख रुपये ले लिए थे, जिसे सावित्री वापस मांग रही थीं। वारदात से करीब एक सप्ताह पहले संजू ने सावित्री को ढाई लाख रुपये का चेक दिया, लेकिन फिर उसने अकाउंट में रुपए न होने की बात कहकर नकद ही देने को कहा। वेडनसडे को सावित्री को बाइक पर कर्मचारी नगर में घुमाने के बाद वापस घर पहुंचने पर करीब क्ख् बजे सावित्री की संजू से कहासुनी भी हुई थी, जिसे पड़ोसियों ने भी बताया।

स्कूल के लिए हो रही थीं तैयार

थर्सडे सुबह चार बजे संजू रिक्शे से सावित्री के घर पहुंच गया। सावित्री उस वक्त स्कूल निकलने के लिए आंगन में तैयार हो रही थीं। उन्हें लगा कि संजू रुपये देने आया है। जैसे ही वह घर के अंदर गई, वैसे ही संजू ने पीछे से सावित्री पर दराती से हमला बोल दिया। सावित्री ने अपने हाथ से कई बार उसे रोका भी, जिससे उसके हाथ में भी घाव हो गया। वहीं उनके विरोध के चलते संजू के गले में खरोंच के निशान थे, जो मेडिकल में भी कंफर्म हो गया। यहां से वह सावित्री की पर्स, जिसमें मोबाइल व एग्रीमेंट के कागज थे, उठाकर पैदल भाग गया। उसने सबसे पहले मेंहदी रत्ता कांप्लेक्स के पास सावित्री के मोबाइल की बैट्री व ढक्कन निकालकर फेंक दिया। उसके बाद सिटी हॉस्पिटल के पास बचा हुआ मोबाइल और हथियार फेंक दिया।

फ्0ख् को फ्0ब् में बदलना चाहता था

करीब पांच बजे उसने जिस रत्‍‌न नाम के युवक की आईडी पर फर्जी सिम लिया था, उसके ही भाई रोहित के मोबाइल पर कॉल की। कॉल सिर्फ ब्क् सेकेंड की हुई। संजू इसी नंबर से सावित्री से बात करता था। वह हर नए क्लाइंट से नए सिम से बात करता था। रत्‍‌न के नाम से यूनिनॉर का सिम संजू ने पास के ही दुकानदार सलमान से लिया था। संजू ने सलमान के रजिस्टर में रत्‍‌न के फर्जी साइन भी किए थे। संजू ने हवालात में एक पन्ने अपनी मां के नाम चिठ्ठी लिखी थी। इसमें उसने पुलिस को कुछ ना बताने के साथ-साथ एडवोकेट भेजने की बात कही थी। वह एडवोकेट के माध्यम से फ्0ख् का केस फ्0ब् में बदलवाना चाहता था। उसने लेटर में तीन बार मैं निर्दोष हूं भी लिखा था, जिससे किसी को उस पर शक ना हो।