हाईटेंशन लाइन की चपेट में आए तीसरे भाई की भी मौत

एक साल पहले इसी दिन हुआ था लगन

BAREILLY: ठीक एक साल पहले वीरपाल अपने बेटे प्रदीप की लगन लेकर गए थे, लेकिन आज उन्हें अपने बेटे की अर्थी उठानी पड़ी। ठीक दो दिन पहले उन्हें अपने छोटे बेटे और बेटी की भी अर्थी उठानी पड़ी थी। वीरपाल पर एक साथ दुखों का पहाड़ बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से टूटा है। उन्होंने तीन दिन में अपने तीन बच्चों को खो दिया। तीनों बच्चों को बीते सैटरडे हाईटेंशन वायर ने अपनी चपेट में ले लिया था। दो बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी और मंडे को तीसरे बेटे प्रदीप की भी मौत हो गई। प्रदीप की मौत के बाद इलाज के खर्च को लेकर मिशन हॉस्पिटल में जमकर हंगामा हुआ। डॉक्टरों से नोकझोंक भी हुई। फिर एक सत्ताधारी नेता के आदेश पर सारा बिल माफ कर दिया गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है।

बिल को लेकर हुई कहासुनी

बीते सैटरडे को भैंस बचाने के चक्कर में वीरपाल के मंझले बेटे रंजीत और बेटी निशा उर्फ पूजा की मौत हो गई थी। हादसे में भैंस की भी जान चली गई थी। परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा देखकर बिजली विभाग ने मुआवजे का एलान कर दिया था। वहीं प्रदीप को मिशन हॉस्पिटल में इलाज के लिए एडमिट कराया था। उसकी हालत स्थिर बनी हुई थी। मंडे सुबह डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया तो एक बार फिर वीरपाल के घर में कोहराम मच गया। इधर हॉस्पिटल में प्रदीप के परिजनों को क्म् हजार का बिल थमा दिया। बिल देने को लेकर डॉक्टरों से कहासुनी हो गई। परिजनों ने जमकर हंगामा किया। सूचना पर कोतवाली और कैंट पुलिस हॉस्पिटल पहुंची और परिजनों को समझाया।

तीनों को इंटर तक पढ़ाया था

एक साथ तीन बच्चों की मौत के बाद वीरपाल के पूरा परिवार गम में डूब गया है। प्रदीप की मौत के बाद उसकी पत्‍‌नी पिंकी को होश ही नहीं आ रहा है। मां को समझ ही नहीं आ रहा है कि ये क्या हो गया। वीरपाल रोते-रोते कहते हैं कि आज के ही दिन उनके लला की लगन गई थी। मेरे तीनों लाल चले गए। मैंने बड़ी मेहनत से सभी को पाला था। तीनों को इंटर तक की पढ़ाई करायी थी। मैं रुपयों का क्या करूंगा। भगवान मुझे भूखा रखता तो रह लेता लेकिन मेरेतीनों लाल को क्यों छीना।