केस वन
बिजली विभाग की ओर से जारी सीयूजी नंबर 9453004870 पर दोपहर 3.55 बजे कॉल की गई। फोन उठते ही कर्मचारी से फॉल्ट की शिकायत की। शिकायत को सॉल्व करने के बजाए कर्मचारी ने नंबर कहां से मिला इसकी जानकारी ली। जानकारी मिलते ही भड़क उठे और अपशब्दों का प्रयोग कर तिलमिलाते हुए फोन कट कर दिया।
केस टू
सीयूजी नंबर 9453004868 पर दोपहर 3.57 बजे कॉल की गई। फोन रिसीव करने के साथ ही संबंधित कर्मचारी ने जानकारी हासिल की। सिविल लाइंस स्थित ट्रांसफार्मर को ठीक कराने की प्रॉब्लम सुनते ही 'यह हमारा एरिया नहीं और फोन कट कर दिया। संबंधित एरिया का नंबर जानने के लिए दोबारा कॉल किया, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा।
BAREILLY: यह केस तो महज बानगी भर है। बिजली विभाग की ओर से जारी सीयूजी नंबर्स पर कॉल करने की भूल अगर आप करेंगे तो आपको बिजली कटौती के झटके से भी तगड़ा करंट लगेगा। पहले तो फोन उठ जाए इसके लिए ही आपको कई बार फोन से जूझना पड़ेगा और जब फोन उठेगा तो आपकी प्रॉब्लम का सॉल्यूशन गालियों से लेकर गुस्से भरे जवाबों से होगा। कुल मिलाकर ये सीयूजी नंबर्स बिजली प्रॉब्लम सॉल्व करने के बजाय कंप्लेनीज पर खुद बिजली की तरह गिर रहे हैं। बिजली विभाग की तरफ से जारी किए इन सीयूजी नंबर्स की रियलिटी आई नेक्स्ट ने पता लगाई, आपको भी बताते हैं पूरी हकीकत।
नंबर्स मिले नॉट रिचेबल और स्विच ऑफ
शहर के सभी इलाकों में बिजली से जुड़ी शिकायतों को जल्द से जल्द सॉल्व करने के उद्देश्य से करीब क्7 सब स्टेशन के लिए 70 जेई के सीयूजी नंबर्स जारी किए गए। पर विभाग की ओर से जारी इन सीयूजी नंबर्स की हकीकत फोन लगने के साथ ही खुल जाती है। हमारे रियलिटी चेक में क्0 नंबर्स स्विच ऑफ, क्भ् नॉट रिचेबल और दो नंबर्स पर फैसिलिटी नहीं और एक नंबर नॉट एग्जिस्ट मिला। गौरतलब है कि इन नंबर्स पर कॉल ऑफिस ऑवर दोपहर तकरीबन तीन से चार बजे के बीच किए गए।
नो आंसर और कॉल वेटिंग की टोन
बिजली कटौती से परेशान शहरवासियों की मदद को जारी किए नबंर्स पर कॉल करने पर दो और टोन आपके कानों में गुनगनाएंगी, एक नो आंसर और दूसरा कॉल वेटिंग। हमने दोपहर करीब दो बजे से चार बजे तक करीब ब्0 नंबर्स पर कांटीन्यूअस कॉल की, जिसमें से करीब 8 नंबर्स पर काफी देर तक बिजी टोन और ब् नंबर पर उपभोक्ताओं को बिजली के नए कनेक्शन संबंधी जानकारी मिलती रही। जबकि कुछेक नंबर्स पर सन्नाटा सा छाया रहा। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब नंबर्स घंटों व्यस्त रहेंगे और अधिकारी सोते रहेंगे तो आखिर विभाग को सूचना और पब्लिक को प्रॉब्लम से छुटकारा कैसे मिलेगा।
अब बस क्ख् घंटे का कंट्रोल रूम
शहर में बिजली संबंधी समस्याओं की शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई के लिए तीन कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। हेड ऑफिस सर्किट हाउस में दो कंट्रोल रूम और एक रामपुर बाग में बनाया गया है। यहां शहर समेत ग्रामीण एरिया की शिकायतों की सूचना दर्ज कर संबंधित उपकेंद्र को सूचना दी जाती है। लेकिन ख्ब् घंटों तक कार्यान्वित होने वाला कंट्रोल रूम अब क्ख् घंटे तक ही अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। संबंधित अधिकारियों के अनुसार कंट्रोल रूम में दिन भर में केवल ब् या भ् कॉल ही आती हैं। लोग कंट्रोल रूम पर कॉल करने के बजाय सीयूजी नंबर्स पर कॉल करना पसंद करते हैं इसलिए कंट्रोल रूम पर केवल क्ख् घंटों की सेवा अवेलेबल कराई गई है।