बरेली के youngistan का ‘power punch’
कहते हैं यूथ में अनलिमिटेड एनर्जी होती है। बस जरूरत होती है इस एनर्जी को सही डायरेक्शन देने की। यह कहना गलत नहीं होगा कि बरेली का यूथ न केवल सही दिशा में है बल्कि एग्जाम्पल सेट कर रहा है। ग्लैमर, सोशल सर्विस, मेडिकल और एजुकेशन समेत हर सेक्टर में ये अपनी छाप छोड़ रहा है। 12 जनवरी को नेशनल यूथ डे से पहले आई नेक्स्ट आपको कुछ ऐसे ही होनहार युवाओं से रूबरू करा रहा है।
ये हैं टैलेंट की 'सॉफ्टवेयर'
सॉफ्टवेयर डेवलपर के तौर पर शहर में अपनी पहचान बनाने वाली नम्रता आईटी सेक्टर में यूथ आइकन से कम नहीं। वह शहर की एकमात्र सॉफ्टवेयर डेवलपर कंपनी में पिछले 5 साल से काम कर रही हैं। उन्होंने आईटी जगत में खासा नाम कमाया है। शहर की नामचीन फम्र्स की वेबसाइट नम्रता के हाथों डेवलप हुई हैं। इनमें कैनविज ग्रुप और फ्यूचर ग्रुप जैसे नाम शामिल हैं। खुद की आईटी फर्म खोलने का सपना संजोए नम्रता ज्यादातर समय काम में मसरूफ रहना पंसद करती हैं। इनवर्टिस से एमसीए कंप्लीट करने वाली नम्रता की शुरुआती एजुकेशन ट्रांसफर होती रही। दरअसल पापा की ट्रांसफरेबल जॉब के चलते सहारनपुर, आगरा, मथुरा सहित कई जगहों पर उन्होंने पढ़ाई की। शहर की एकमात्र वेबसाइट डेवलपर नम्रता फ्यूचर में महिला सशक्तिकरण के लिए काम करना चाहती है।
-नम्रता गुप्ता, वेबसाइट डेवलपर
ग्लैमर वल्र्ड का 'कौशल'
बरेली का छोरा कौशल अब मुंबई के ग्लैमर वल्र्ड में जलवे बिखेर रहा है। रंग विनायक रंग मंडल में बतौर रंगकर्मी अपनी पहचान बनाने वाले कौशल ने आज से 5 साल पहले दिल्ली में रामलीला के दौरान 'राम' की भूमिका से पहली बार बरेली के बाहर पहचान हासिल की। इंट्रेस्टिंग फैक्ट ये है कि कौशल के 'राम' कैरेक्टर को 'दिल्ली 6' मूवी में ओम प्रकाश मेहरा ने भी जगह दी। इसके बाद कौशल के लिए रास्ते खुल गए। सहारा वन पर आने वाले 'जय जय बजरंग बलीÓ में रावण के पुरोहित का रोल और एनडीटीवी इमेजिन पर पॉपुलर हुए हिस्टॉरिकल सीरियल 'चंद्रगुप्त मौर्य' में काम करने का मौका मिला। यही नहीं एक्टिंग के दायरे में खुद को न बांधते हुए कौशल ने डायरेक्शन का भी सोचा। फिलहाल वह कलर्स पर प्रसारित हो रहे डेली सोप 'मधुबालाÓ बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं। वह एक इमेज में बंधकर रहना पसंद नहीं करते हैं और डायरेक्शन में भी पारंगत होना चाहते हैं। कौशल बरेली कॉलेज से अभी एमए कर रहे हैं। मुंबई में अपनी जगह बनाने वाले कौशल को बरेली से बहुत प्यार है। इसलिए यहां आते-जाते रहते हैं।
-कौशल, एक्टर एंड डायरेक्टर
राजनीति से करेंगे जनता का वेलफेयर
समाजसेवा का लक्ष्य लेकर बढ़ रहे गौरव ने 12वीं के बाद छात्र राजनीति में कदम रखा। छात्र राजनीति में अपनी पहचान बनाकर, गौरव हालिया निकाय चुनाव में सबसे कम उम्र के पार्षदों में शुमार हुए। शास्त्रीनगर निवासी गौरव सुर्खा से पार्षद है। बरेली कॉलेज में छात्र राजनीति करते हुए गौरव ने स्टूडेंट्स वेलफेयर के लिए कई काम किए। उन्होंने कॉलेज में स्कॉलरशिप में चल रही इरेगुलेरिटीज, इंट्रेंस में होने वाले घालमेल को उजागर किया। स्टूडेंट्स के वेलफेयर के लिए आज भी गौरव छात्र राजनीति में पूरी तरह से एक्टिव हैं। बरेली कॉलेज से लॉ के स्टूडेंट गौरव सोशल सर्विस में भी पीछे नहीं हैं। जब भी जरूरत होती है रेजिडेंट्स के साथ गौरव दर्द बांटते नजर आते हैं। गौरव मानते हैं कि बरेली में छात्र राजनीति अब भी अपना मुकाम ढूंढ रही है।
-गौरव सक्सेना, छात्र नेता और पार्षद
बांटते हैं सोशल सर्विस की 'मेडिसिन'
26 वर्षीय डेलापीर निवासी अनीस पिछले 10 सालों से मेडिकल फील्ड में सोशल वेलफेयर कर रहे हैं। उनका एक एनजीओ है। अनीस ने शहर के एचआईवी पॉजिटिव लोगों के लिए काफी काम किया है। साथ ही हेल्थ अवेयरनेस प्रोग्राम और अर्बन हेल्थ इनीशिएटिव प्रोग्राम रन करवाते हैं। वह मानते हैं कि लगातार बढ़ रही पॉपुलेशन सबसे बड़ी समस्या है। इसलिए फैमिली प्रोग्राम के तहत उनकी एनजीओ ने मार्च 2012 से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की नसबंदी करवाई। वहीं तलाकशुदा महिलाओं, घर में पति से प्रताडि़त महिलाओं के पुनस्र्थापन के लिए उनकी संस्था काम करती है। उनकी संस्था ऐसी महिलाओं को रोजगार दिलाने के लिए उन्हें सिलाई-कढ़ाई, अचार-मुरब्बा, पैकिंग और नर्स की ट्रेनिंग देती है। उन्होंने महिला हेल्पलाइन भी स्टार्ट की है, जिसके जरिए अब तक बड़ी संख्या में महिलाओं को फायदा मिल चुका है।
-अनीस अहमद खान, समाजसेवी
नॉवेल से छाए सबके दिलों पर
बरेली के एकमात्र इंग्लिश राइटर अनुज शहर की गलियों से निकलकर लेखन जगत में नाम कमा रहे हैं। सुभाषनगर निवासी अनुज ने अपना पहला नॉवेल 'जर्नी ऑफ टु हाट्र्स-विल बी चेरिश्ड फॉरएवरÓ रोमांटिक पृष्ठभूमि पर लिखा है। पहले ही नॉवेल के साथ सुर्खियों में आए अनुज को बेस्ट सेलर के लिए नामित कर लिया गया है। अभी वह दूसरे नॉवेल पर काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि वह दूसरा नॉवेल नहीं लिखना चाहते थे पर फेसबुक कमेंट्स और रीडर्स के प्यार ने उन्हें इसके लिए इंसपायर किया। अब वह पहले नॉवेल की स्टोरी को दूसरे नॉवेल में आगे बढ़ा रहे हैं। इसमें भी सस्पेंस बरकरार रखा गया है। यह जुलाई तक मार्केट में आ जाएगा। अनुज के पहले नॉवेल की करीब 20 हजार कॉपीज सेल हो चुकी हैं। बरेली की यूथ ब्रिगेड के लिए वह किसी इंसपिरेशन से कम नहीं हैं।
-अनुज, राइटर
मूक-बधिर एथलीट्स की आवाज
एथलीट ट्रेनर चंगेज खान बरेली में 10 सालों से मूक-बधिर एथलीट्स को खास मुकाम तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं। वह बरेली बधिर क्रीड़ा संस्था चलाते हैं। उन्हें सबसे पहले इसकी प्रेरणा अपने पड़ोसी मूक-बधिर एथलीट महताब हुसैन से मिली। उन्हें अपनी विकलांग पेंशन बनवाने में प्रॉब्लम हो रही थी। उन्होंने महताब की मदद की। बस वहीं से ये सिलसिला चल निकला। अब अगर चंगेज को कही भी मूक-बधिर प्लेयर के बारे में पता चलता है, उसे अपने साथ ले लेते हैं। हाल ही में उन्होंने जेटकिंग के साथ मिलकर 35 बच्चों को कम्प्यूटर एजुकेशन दिलवाई है। वे उनकी स्कॉलरशिप, विकलांग पेंशन और मूक-बधिर बच्चों के अधिकारों के लिए प्रयास करते हैं। वह मूक-बधिर बच्चों के लिए एक स्कूल खोलना चाहते हैं।
-चंगेज खान, एथलीट ट्रेनर
यूथ ब्रिगेड में ऐसे और नाम भी शुमार हैं जिन्होंने शहर का नाम बुलंदियों तक पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है-
* प्रिया गुप्ता (टैलेंटेड एक्ट्रेस)
* अभिषेक श्रोतिया (कॉमर्शियल आर्टिस्ट)
* अहद (डायरेक्टर)
* सुगंधा महरोत्रा (फिल्म डायरेक्टर)
* सृष्टिï (अपकमिंग मॉडल)