- बिजली विभाग के स्टोर का डाटा फीड किए जाने काम अंतिम फेज में
- स्टोर में क्या है क्या नहीं इस पर होगी आपकी भी नजर
BAREILLY: भाई साहब, अभी स्टोर में मीटर खत्म हो गए हैं, बाद में आपके घर में लगा देंगेस्ट्रीट लाइट नहीं है, जब स्टोर में आएगी तब लगा देंगे। आपकी डिमांड पर कुछ इसी अंदाज में जवाब देने वाले बिजलीकर्मी अब ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि बिजली विभाग के स्टोर में क्या-क्या सामान रखा है, इस बात से अब आप भी वाकिफ होंगे। दरअसल, बिजली विभाग अपने स्टोर को ऑनलाइन करने जा रहा है। ऐसे में उनके स्टोर में क्या-क्या है आप एक क्लिक में इसका पता कर पाएंगे। इस व्यवस्था के बाद बिजलीकर्मियों की टरकाने की आदत पर लगाम लग जाएगी।
फिर नहीं चलेगी बहानेबाजी
माना जा रहा है कि इस व्यवस्था के बाद विभाग की बहानेबाजी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। साथ ही यदि वह ऐसा करते हैं तो फिर सीधे इसकी शिकायत सीनियर अधिकारियों से की जा सकेगी।
अंतिम फेज में ऑनलाइन का काम
बरेली सिटी सहित पूरे मंडल में बिजली विभाग के स्टोर का डाटा ऑनलाइन किए जाने का काम अंतिम फेज में है। सर्विस शुरू होते ही स्टोर के सारे रिकॉर्ड ऑनलाइन घर बैठे ही देखे जा सकते हैं। अभी तक इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं होने से स्टोर में सामान पड़ा होने के बाद भी लोगों को बिजली समस्याओं से जूझना पड़ता है। लेकिन, बहुत जल्द ही इन तमाम प्रॉब्लम्स से छुटकारा ि1मल सकेगा।
अप्रैल लास्ट तक पूरा हो जाएगा काम
डाटा फीड किए जाने का काम अपने अंतिम फेज में है। संभवत: अप्रैल लास्ट तक शहरवासियों को इसका लाभ मिलने भी लगेगा। फर्स्ट फेज में ट्रांसफार्मर की संख्या, मीटर, पोल, वॉयर की क्या स्थिति है इसका डाटा फीड किया जा रहा है, जिसका रिकॉर्ड स्टोर मैनेजर समय-समय पर अपडेट करते रहेंगे। इसके बाद सेकेंड फेज में इंवाइस का काम ऑनलाइन किए जाने का काम होगा। डाटा फीड किए जाने का काम बरेली सहित बदायूं, पीलीभीत, शाहजहांपुर सहित पूरे मंडल तेजी के साथ हो रहा है।
मुख्यालय की होगी नजर
इन सारे रिकॉर्ड की मानीटरिंग विभाग के ऑफिसर नहीं बल्कि मुख्यालय करेगा। इसका एक फायदा यह होगा ही विभागीय स्तर पर सामान में होने वाले हेरफेर पर रोक लग सकेगी। यही नहीं कौन सा सामान कब और किस डिविजन में गया है इसका भी रिकॉर्ड मेंटेन होगा।
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रिकॉर्ड को ऑनलाइन किए जाने का काम अपने अंतिम फेज में है। इस व्यवस्था के बाद लोगों को काफी हद तक राहत मिलेगी। उनकी समस्याओं का निराकरण जल्दी हो सकेगा।
धर्मेद्र कुमार, एग्जिक्यूटिव इंजीनियर, स्टोर रूम बिजली विभाग